Explainer: जानिए क्या है Project Saksham, अंडरट्रायल्स को मिल रहा रोजगार का मौका

दिल्ली में अंडरट्रायल कैदियों के पुनर्वास (Rehabilitation) के लिए Delhi State Legal Services Authority ने Project Saksham की शुरुआत की है. इस प्रोजेक्ट के तहत जेल में रहते हुए स्किल डेवलपमेंट कोर्स करने वाले कैदियों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (Delhi State Legal Services Authority) ने अंडरट्रायल कैदियों के पुनर्वास और उन्हें मुख्यधारा के समाज में शामिल करने के उद्देश्य से 'प्रोजेक्ट सक्षम: ए चांस एट न्यू बिगिनिंग्स' की शुरुआत की. मई 2024 में इस प्रोजेक्ट का पहला फेज पूरा किया गया है. DSLSA की इस परियोजना की परिकल्पना और कार्यान्वयन दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन के मार्गदर्शन में किया गया था. 

इस पहल के तहत राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक रोजगार मेले में कई दिल्ली की जेलों के अंडरट्रायल कैदियों न सिर्फ नौकरी पाने का अवसर मिला, बल्कि DSLSA के साथ सामुदायिक पैरा लीगल वॉलंटियर बनने का भी मौका मिला. ये सभी कैदी दिल्ली की जेलों के हैं लेकिन वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं. इस प्रकार, उन्हें समाज में सार्थक योगदान देने और अपने जीवन की कहानी को फिर से लिखने का मौका मिला. 

जारी किए गए 83 आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेंट)
हॉस्पिटैलिटी, फूड सर्विस और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों ने प्रति वर्ष 2.2 लाख रुपये के औसत वेतन पैकेज के साथ उम्मीदवारों को कुल 83 आशय पत्र जारी किए. अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया गया, जो सीधे और संबंधित राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से कुछ समय के लिए दिल्ली की जेलों में बंद थे. इसलिए रोजगार मेले में उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल और हरियाणा से अंडरट्रायल कैदियों की भागीदारी देखी गई. 

कैसे शुरू हुआ प्रोजेक्ट सक्षम
प्रोजेक्ट सक्षम बेरोजगार अंडरट्रायल अभियुक्तों के डेटा कलेक्शन के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने जेल में रहने के दौरान स्किल डेवलपमेंट कोर्स किया था. इस पहल का उद्देश्य इन लोगों की प्रतिभा और क्षमता का सही इस्तेमाल करना और उन्हें सार्थक रोजगार और सामाजिक योगदान के लिए अवसर देना है. सबसे पहले DSLSA के पैरा लीगल वॉलंटियर जमानत पर रिहा किए गए ऐसे अंडरट्रायल कैदियों के घर पहुंचे जिनके पते पुलिस के पास मौजूद थे. इन लोगों को उपलब्ध करियर अवसरों के बारे में जानकारी दी गई और रोजगार मेले में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया. 

पुनर्वास के लिए सक्षम परियोजना के फायदों को अंडरट्रायल कैदियों के परिवार के सदस्यों तक बढ़ाया गया है, जिन्हें रोजगार की जररूत है. इ, प्रोजेक्ट में कंपनियों और कौशल विकास एजेंसियों दोनों को एक साथ लाने का विचार है. यह पहल अंडरट्रायल अभियुक्तों और उनके परिवारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मददगार रही है. उम्मीद है इस पहल के जरिए इन लोगों को जिंदगी का सेकंड चांस मिलेगा.  

 

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