Modi Cabinet: बिना लोकसभा चुनाव लड़े मोदी सरकार में मंत्री बने ये 11 चेहरे, जानिए कैसे मुमकिन है इनका मंत्री बने रह पाना?

Modi 3.0: नरेंद्र मोदी की कैबिनेट 71 मंत्री शामिल हैं. इसमें 11 ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. इसमें सुब्रह्मण्यम जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, जयंत चौधरी, रामदास अठावले, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण, रामनाथ ठाकुर, सतीश दुबे और पवित्रा मार्गेरिटा का नाम शामिल है. इनके अलावा लोकसभा चुनाव हारने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को भी कैबिनेट में जगह दी गई है.

jayant chaudhary, ashwini vaishnaw, nirmala sitharaman and S. Jaishankar (Photo/PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. पीएम मोदी के साथ 71 मंत्रियो ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं. मोदी कैबिनेट में 11 ऐसे मंत्री शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. बिना चुनाव लड़े भी इन दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है. चलिए आपको बताते हैं कि बिना चुनाव लड़े भी कैसे मंत्री बना जा सकता है.

बिना लोकसभा चुनाव लड़े कैसे बन सकते है मंत्री-
भारत में मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है. अगर प्रधानमंत्री चाहें तो कुछ जरूरी अर्हता को पूरा करने वाले किसी भी शख्स को मंत्री बना सकते हैं. अनुच्छेद 74 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति मंत्रिमंडल का गठन करते हैं. किसी सदन का सदस्य नहीं होने पर अगर मंत्री बनाया जाता है तो 6 महीने के भीतर उनको संसद का सदस्य बनना जरूरी है.

हमारे देश में संसद लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है. अगर मंत्री लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं. लेकिन वो राज्यसभा के सदस्य हैं तो वो मंत्री बने रह सकते हैं. उनका लोकसभा का सदस्य होना जरूरी नहीं है.

संसद का सदस्य नहीं होने पर क्या होगा?
प्रधानमंत्री अपने विशेषाधिकार के तहत ऐसे किसी भी शख्स को अपनी कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं, जो एक सांसद बनने की शर्तें पूरी करता है. राज्यसभा का सांसद बनने के लिए उम्र 30 साल और लोकसभा का सांसद बनने के लिए 25 साल की उम्र होनी चाहिए. इसके अलावा वो भारत का नागरिक हो. लेकिन इसके साथ एक शर्त भी जुड़ी है. संविधान के अनुच्छेद 75 के मुताबिक प्रधानमंत्री की कैबिनेट में शामिल मंत्री को 6 महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है. इसका मतलब है कि मंत्री बनने के 6 महीने के भीतर उस शख्स को राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य बनना ही होगा. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो उनको मंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा.

बिना लोकसभा चुनाव लड़े मंत्री बने 11 चेहरे-
पीएम मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें से कई चेहरे राज्यसभा के सांसद हैं. बिना लोकसभा चुनाव लड़े मंत्री बनने वाले चेहरों में एस जयशंकर, जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, अश्विनी वैष्णव, जयंत चौधरी, रामदास अठावले, एल मुरुगन, रामनाथ ठाकुर, सतीश दुबे और पवित्रा मार्गेरिटा शामिल हैं. ये सभी राज्यसभा के सांसद हैं. इनके अलावा पंजाब से आने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को भी मंत्री बनाया गया है, जो लोकसभा का चुनाव हार गए हैं और वो किसी सदन के सदस्य भी नहीं हैं. चलिए आपको बिना लोकसभा चुनाव लड़े कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं के बारे में बताते हैं.

एस जयशंकर-
एस जयशंकर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वो गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं. पिछली बार मोदी सरकार में विदेश मंत्री थे. कैबिनेट मंत्री के तौर पर विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले पहले पूर्व विदेश सचिव हैं.

जेपी नड्डा- 
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में जगह मिली है. नड्डा साल 2019 से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. फिलहाल वो हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. साल 2014 से साल 2019 तक मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे हैं.

निर्मला सीतारमण-
निर्मला सीतारमण को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वो कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं. उन्होंने लगातार तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली हैं. मोदी 2.0 सरकार में वित्त मंत्री रहीं. साल 2017 से 2019 के बीच रक्षा मंत्री रहीं.

अश्विनी वैष्णव-
अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस रहे हैं. वैष्णव ओडिशा से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं. मोदी 2.0 में रेल मंत्री रहे हैं. इस बार उनको फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

रामदास अठावले-
रामदास अठावले को राज्य मंत्री बनाया गया है. वो महाराष्ट्र में आरपीआई(ए) से राज्यसभा सासंद हैं. वो मोदी 2.0 में भी मंत्री रहे हैं. अठावले 3 बार लोकसभा सांसद रहे हैं.

जयंत चौधरी-
एनडीए के सहयोगी दल आरएलडी के जयंत चौधरी ने भी स्वतंत्र प्रभार के तौर पर मंत्री पद की शपथ ली. जयंत चौधरी साल 2022 से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. वो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते हैं और दिग्गज लीडर अजीत सिंह के बेटे हैं.

एल मुरुगन- 
नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में एल मुरुगन को राज्य मंत्री बनाया गया है. वो मध्य प्रदेश से राज्य मंत्री हैं. एल मुरुगन पहले भी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके पिता मजदूरी करते थे.

रामनाथ ठाकुर-
जेडीयू कोटे से रामनाथ ठाकुर को मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है. वो बिहार का बड़ा राजनीतिक चेहरा हैं और राज्यसभा सांसद हैं. 74 साल के रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर से बेटे हैं.

सतीश चंद्र दुबे-
सतीश चंद्र दुबे को मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री के तौर पर जगह मिली है. सतीश चंद्र बिहार से बीजेपी के राज्यभा सांसद हैं. बतौर राज्यसभा सांसद यह उनका दूसरा कार्यकाल है, जो साल 2028 तक चलेगा.

पबित्रा मार्गेरिटा-
पबित्रा मार्गेरिटा साल 2022 से असम से बीजेपी के राज्यसभा सांसद हैं. वो असम बीजेपी के प्रवक्ता भी रहे हैं. उन्होंने असम बीजेपी के सोशल मीडिया सेल के प्रभारी के तौर पर भी काम किया है. उनको राज्य मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया गया है.

हरदीप सिंह पुरी-
हरदीप सिंह पुरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. वो उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. मोदी 2.0 सरकार में वो पेट्रोलियम मंत्री रहे हैं. हरदीप सिंह पुरी साल 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं.

रवनीत सिंह बिट्टू-
रवनीत सिंह बिट्टू को भी मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. वो पंजाब से आते हैं और लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल वो राज्यसभा सदस्य भी नहीं हैं. लेकिन उनको कैबिनेट में शामिल किया गया है.

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