Highlights of the 17th Lok Sabha: 179 विधेयक, रिकॉर्ड निलंबन और अविश्वास प्रस्ताव, जानिए 17वीं लोकसभा की खास बातें

Highlights of the 17th Lok Sabha: आज शाम तक तय हो जाएगा कि कौन सी पार्टी देश में सरकार बना रही है. आज 18वीं लोकसभा के सदस्यों का चुनाव हो जाएगा. इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं 17वीं लोकसभा की कुछ खास बातें.

Highlightes of 17th lok sabha
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 04 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

4 जून 2024 यानी आज 18वीं लोकसभा के सदस्यों का चुनाव होना तय है. इस बीच, संसद पर नज़र रखने वाले एक स्वतंत्र समूह, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) ने कुछ आंकड़े इकट्ठा करके जानकारी दी है कि 16वीं लोकसभा की तुलना में 17वीं लोकसभा ज्यादा प्रोडक्टिव थी और दोनों ही लोकसभा का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार ने किया. 

17वीं लोकसभा के पांच सालों में, संसद के निचले सदन ने अपने निर्धारित समय के 88% समय तक काम किया, जबकि 16वीं लोकसभा के लिए यह 21% था. 17वीं लोकसभा के पांच सालों में कुल 274 दिन बैठकें हुईं - हालांकि, यह 16वीं लोकसभा से कम दिन हैं क्योंकि 16वीं लोकसभा में 331 बैठकें दिन थीं. 17वीं लोकसभा में कम बैठकों का कारण विशेष रूप से, 2020 में, कोविड-19 महामारी के कारण केवल 33 दिन ही बैठकें होना था. 

हुए सबसे ज्यादा निलंबन  
17वीं लोकसभा के कुल 15 सत्रों में से 11 को समय से पहले स्थगित कर दिया गया. साथ ही, 17वीं लोकसभा में सबसे ज्यादा निलंबन हुए. निचले और ऊपरी सदन दोनों में सांसदों के निलंबित होने के कुल 206 मामले थे. अकेले 2023 के शीतकालीन सत्र में, संसद में विरोध प्रदर्शन करने के लिए 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. 

पिछली लोकसभा की तरह 17वीं लोकसभा में भी सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 16वीं लोकसभा में 11 घंटे और 46 मिनट की तुलना में चर्चा 20 घंटे तक चली, लेकिन प्रस्ताव हार गया. 

17वीं लोकसभा एक उपाध्यक्ष यानी डिप्टी स्पीकर की अनुपस्थिति के लिए भी उल्लेखनीय थी. यह पहली बार है कि लोकसभा कार्यकाल की अवधि के लिए किसी उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई. संविधान के अनुच्छेद 93 में कहा गया है कि "लोकसभा को यथाशीघ्र अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन करना होगा."

पारित किए गए 179 विधेयक 
17वीं लोकसभा ने 179 विधेयक (Bills) पारित किए, जिनमें से 58% उनके पेश होने के दो सप्ताह के भीतर पारित हुए और 35% लोकसभा में एक घंटे से भी कम चर्चा के बाद पारित हुए. पारित किए गए प्रमुख विधेयकों में महिला आरक्षण विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, सीईसी नियुक्ति विधेयक, तीन लेबर कोड और डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल शामिल थे. भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयक भी पारित किए गए.

इसके विपरीत, 16वीं लोकसभा ने 133 विधेयक पारित किए, जिनमें से 32% पर तीन घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा हुई. 17वीं लोकसभा में पेश किए गए विधेयकों में से सिर्फ 16% को आगे की जांच के लिए समितियों को भेजा गया. पिछली लोकसभा में 25% विधेयक समितियों को भेजे गए थे. समितियों ने उन्हें भेजे गए विधेयक पर रिपोर्टों को अंतिम रूप देने के लिए औसतन नौ बैठकें कीं. 

17वीं लोकसभा के दौरान प्रश्नकाल (Question Hour) अपने निर्धारित समय से 60% समय तक चला. ओरल रिस्पॉन्स  के लिए लिस्टेड प्रश्नों में से एक चौथाई या 24% से कम प्रश्नों का उत्तर सदन में मंत्रियों ने दिया. जबकि 16वीं लोकसभा में प्रश्नकाल अपने निर्धारित समय से 67% समय तक चला था और 18% स्टार्ड प्रश्नों का ओरल उत्तर मिला था. 

 

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