लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर जहां सभी दल जुट गए हैं, वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) भी मतदान कराने के लोकर मुस्तैद है. चुनाव आयोग ने दलों को एक एडवाइजरी जारी की है. केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को मतदान को लेकर बड़ा फैसला लिया है. पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालने के लिए उम्र सीमा 80 से बढ़ाकर 85 साल कर दिया है.
85 साल नीचे वाले बुजुर्गों को जाना होगा मतदान केंद्र
अब 85 साल से नीचे के बुजुर्गों को वोट देने के लिए मतदान केंद्र पर आना होगा. अभी तक 80 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्ग पोस्टल बैलट के जरिए पोलिंग बूथ जाए बिना वोट डाल सकते थे. नई व्यवस्था के लागू होने से बड़ी संख्या में बुजुर्गों को फायदा मिलेगा. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नवीनतम मतदाता सूची के अनुसार देश में 1.85 करोड़ मतदाताओं की उम्र 80 वर्ष से अधिक है.
100 वर्ष और उससे अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 2.38 लाख है.85 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा देने के लिए चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन किया गया है. साल 2019 में चुनाव आयोग की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन किया था. पहली बार डाक मतपत्र की सुविधा दिव्यांगों, आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले अनुपस्थित मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से ऊपर) के लिए बढ़ा दी गई थी.
मर्यादा और संयम बनाए रखें
लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा करने से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान मर्यादा और संयम बनाए रखने की अपील की है. इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आयोग ने राजनीतिक पार्टियों और राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने चुनावी प्रचार के दौरान अपने या किसी भी पड़ोसी राज्य में इस तरह की किसी भी घोषणा नहीं कर सकते, जिसमें मतदाताओं को लुभाने वाले वादे हों. इसे वोट देने के लिए मतदाताओं को रिश्वत देना माना जाएगा. यदि किसी भी राज्य सरकार ने ऐसा किया तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. किसी भी पार्टी के नेता और उम्मीदवार प्रचार के दौरान मर्यादा और संयम बनाए रखें. भाषणों के दौरान कोई भी ऐसी बात न कहें जिससे जनभावना भड़कती है.
आचार संहिता के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
1. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की हैं. इसमें आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
2. कोई भी दल चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट न मांगें. भक्त-देवता के रिश्ते का अपमान न करें.
3. भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले भाषण के साथ-साथ गलत और बिना तथ्यों के बयान नहीं दें.
4. चुनाव आयोग ने पार्टियों को अभियान में मुद्दा-आधारित बहस करने के लिए कहा है.
5. मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल को लेकर किसी तरह के बयान नहीं दें अन्यथा कार्रवाई हो सकती है.
6. जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले भी आदर्श आचार संहिता उल्लंधन करने का नोटिस मिल चुका है, दोबारा करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
7. सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करने वाले पोस्ट को शेयर न करने की सलाह दी है.
8. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसे किसी भी कामों या बयानों से बचने के लिए कहा गया है, जिन्हें महिलाओं के सम्मान और गरिमा में खिलाफ माना जाता है.
9. व्यक्तिगत हमलों से बचने की सलाह दी गई है. राजनीतिक भाषण में मर्यादा बनाए रखें.
10. मीडिया को असत्यापित और भ्रामक विज्ञापन नहीं दें.