First Ballot Box Story: इस कंपनी ने बनाए थे देश के पहले चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स, जिनसे हुआ नेहरू से लेकर वाजपेयी तक की किस्मत का फैसला

देशभर में लोकसभा चुनाव जोरों पर है. EVM मशीन को लेकर पक्ष-विपक्ष पर खींचातानी छिड़ी ही रहती है. लेकिन क्या आपको पता है कि EVM आने से पहले जवाहर लाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी बाजपेयी की किस्मत का फैसला बैलेट बॉक्स ने किया था? आखिर कैसा दिखता था 75 साल पहले बनाया गया बैलेट बॉक्स.

India's First ballot box made by Godrej group
gnttv.com
  • मुंबई ,
  • 30 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST
  • पहले चुनाव के लिए 12.83 लाख बैलेट बॉक्स बनाए
  • एक दिन में बन रहे थे 15 हजार से 25 हजार बैलेट बॉक्स

देशभर में लोकसभा चुनाव जोरों पर है. EVM मशीन को लेकर पक्ष-विपक्ष पर खींचातानी छिड़ी ही रहती है. लेकिन क्या आपको पता है कि EVM आने से पहले जवाहर लाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी बाजपेयी की किस्मत का फैसला बैलेट बॉक्स ने किया था? आखिर कैसा दिखता था 75 साल पहले बनाया गया बैलेट बॉक्स. 

देश में चल रहे लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है. मतदान का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. पक्ष- विपक्ष में इवीएम मशीन को लेकर अक्सर जंग भी छिड़ती रहती है. ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं 75 साल पुराने बैलेट बॉक्स के बारे में. आजादी के बाद देश मे हो रहे पहले लोकसभा व विधानसभा के लिए इस तरह के बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल किया गया था. 

गोदरेज कंपनी को दी गई थी जिम्मेदारी 
साल 1951- 52 के चुनाव में गोदरेज कंपनी को लाखों बैलेट बॉक्स बनाने की जिम्मेदारी दी गई. उस समय देश की अधिकतर कंपनियों के पास ये जानकारी ही नहीं थी कि सेफ्टी फीचर्स से लैस बैलेट बॉक्स आखिर किस तरह बनाया जाए. उस समय बैलेट बॉक्स बनाने का काम गोदरेज ग्रुप कम्पनी ने किया. कंपनी ने उस समय कुल 12.83 लाख बैलेट बॉक्स बनाए थे. प्रेशर इतना ज्यादा था कि कम्पनी के कर्मचारियों ने तीन शिफ्ट में काम करके एक दिन में 15 हजार से 25 हजार बैलेट बॉक्स बना रहे थे. इस पूरे काम को 4 महीने में पूरा किया गया. 

तैयार किए गए थे 50 प्रोटोटाइप 
सरकार की तरफ से एक बैलेट बॉक्स की कीमत 5 रुपये तय की गई थी जबकि बैलेट बॉक्स में लगने वाले लॉक की ही कीमत 5 रुपये से ज्यादा थी. इसलिये उस समय इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे इंजीनियर नत्थालाल पांचाल ने इंटरनल लॉक का डिजाइन तैयार किया. आपको बता दें कि उस समय बैलेट बॉक्स के 50 प्रोटोटाइप तैयार किए गए जिनमें से एक फाइनल हुआ. काफी समय तक बैलेट बॉक्स का रंग ‘ऑलिव ग्रीन’ ही रहा. 

चुनाव आयोग को बैलेट बॉक्स की सप्लाई करने में गोदरेज हमेशा आगे रही है. गौरतलब है कि गोदरेज के अलावा भी कई कंपनियों को बैलेट बॉक्स बनाने का काम दिया गया था पर समय से डिलीवरी नहीं होने पर वो काम भी गोदरेज कंपनी को हो दिया गया. आज भले ही ईवीएम मशीन से चुनाव हो रहे हैं पर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में गोदरेज कंपनी एक अहम भूमिका निभा रही है. सीसीटीवी कैमरे के जरिये गोदरेज कंपनी वोटिंग में होने वाली हरकतों पर निगरानी रखेगी. 

(धर्मेंद्र दूबे की रिपोर्ट)

 

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