18वीं लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024) का ऐलान हो चुका है. देश की 543 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. 4 जून को वोटों की गिनती होगी. लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं. इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश करेंगे, वहीं विपक्षी दल भी अपना पूरा दमखम लगाने की तैयारी में है. हर चुनाव में कई रोचक प्रसंग देखने को मिलते हैं, जो सालों तक याद किए जाते हैं. ऐसा ही चुनावी किस्सा है आजाद भारत के पहले आम चुनाव का...उस वक्त जब वोटों की गिनती के लिए मतपेटियां खुलीं तो इसे देखने वाले हैरान रह गए.
अशिक्षित आबादी के वोटों से चुनी जानी थी सरकार
पहला आम चुनाव (First General Election) कई मायनों में ऐतिहासिक था, स्वतंत्र भारत की जनता पहली बार अपना जननायक चुनने वाली थी. वो जनता जिन्हें ये तक पता नहीं था कि वोट क्या हैं और कैसे डाले जाते हैं. 85 फीसदी अशिक्षित आबादी के वोटों के आधार पर देश की सरकार चुनी जानी थी. वहीं दूसरी तरफ दुनिया भी इस ताक में थी कि क्या नया-नया आजाद हुआ भारत, लोकतंत्र के इस पर्व को सफलता पूर्व अंजाम दे पाएगा?
4 महीने में संपन्न हुए थे पहले आम चुनाव
खैर तमाम तैयारियों को बाद देश का पहला चुनाव 68 चरणों में कराया गया. देश की आजादी के बाद ये पहला आम चुनाव था. सुकुमार सेन को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक पहले चुनाव की प्रक्रिया चली. ये आज तक का सबसे लंबा चुनाव था. कुल 2 लाख 24 हजार मतदान केंद्र बनाए गए थे. करीब 17 करोड़ लोगों ने चुनाव में अपने वोट का इस्तेमाल किया था. इनमें से अधिकतर आबादी पढ़ी लिखी नहीं थी.
जब बैलेट बॉक्स को लोगों ने समझ लिया था भगवान
13 जनवरी 1952 की सुबह मतगणना शुरू हुई. मतदान की पेटियां जब खुलीं तो ये फूलों और सिंदूर से भरी पड़ी थीं. लोगों के लिए ये मतदान पेटी भगवान से कम नहीं थी..लोग इसे पूजते थे. वहीं कुछ पेटियों में लोगों ने अपनी उम्मीदें, आकांक्षाएं लिख रखी थीं. कुछ लोगों ने बॉक्स में हॉलीवुड स्टार्स की तस्वीरें, सिक्के और नोट भी रख छोड़े थे. कई मतपेटियों में तो मन्नत लिखी पर्चियां, फिल्मों की तस्वीरें भी थीं.
बात करें चुनाव के परिणामों की तो उस वक्त भारत की राजनीति में कांग्रेस का बोलबाला था. तो परिणाम भी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में ही आए. कांग्रेस को संसद में 489 में से 364 सीटों पर और पूरे देश में 3280 विधानसभा सीटों में से 2247 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.