मंडी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार कंगना रनौत ने एक दिन पहले जिस विक्रमादित्य सिंह को 'छोटा पप्पू' कहा था, अब उन्हें लोकसभा चुनावों में उन्हीं का सामना करना होगा. कांग्रेस (INC) ने शनिवार को चुनावों के लिए नई लिस्ट का ऐलान किया तो इस बात की पुष्टि हुई. विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उनसे पहले मंडी लोकसभा क्षेत्र उनकी मां प्रतिभा सिंह के खाते में जाता था, जो इस समय क्षेत्र की सांसद भी हैं.
पहले ही छिड़ चुकी है कंगना-विक्रमादित्य के बीच जंग
विक्रमादित्य की उम्मीदवारी का ऐलान तो अब हुआ है, लेकिन उनके और कंगना के बीच वाक-युद्ध पहले ही शुरू हो चुका है. मंडी के दोनों उम्मीदवारों के बीच जंग नौ अप्रैल को विक्रमादित्य के उस बयान से शुरू हुई जिसमें उन्होंने कंगना को 'विवादों की रानी' (Queen of Controversies) बुलाया. उन्होंने कंगना पर बीफ खाने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें हिमाचल के बारे में कुछ नहीं मालूम.
विक्रमादित्य ने कंगना पर पहला प्रहार करते हुए कहा था, "इसमें कोई दोराय नहीं कि कंगना बहुत अच्छी अदाकारा हैं लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह विवादों की रानी भी हैं. अगर उन्हें लगता है कि उन्हें समय-समय पर जो बातें कही हैं उन्हें चुनावों में नहीं उछाला जाएगा तो उनको जय श्री राम. (बीफ विवाद पर) भगवान राम से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें (कंगना को) सदबुद्धी दें और वह देवभूमि हिमाचल से पवित्र होकर जाएं. वह यह चुनाव नहीं जीतने वालीं क्योंकि उन्हें यहां के लोगों के बारे में कुछ नहीं पता."
कंगना ने उस समय फौरी तौर पर अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर सफाई देते हुए कहा था कि वह एक प्राउड हिन्दू हैं और वह शुद्ध शाकाहारी खाना खाती हैं. लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई. उन्होंने मंडी में एक चुनावी रैली करते हुए राहुल गांधी को बड़ा पप्पू और विक्रमादित्य को छोटा पप्पू तक कह डाला.
कंगना ने विक्रमादित्य पर कई जुबानी तीर चलाते हुए कहा था, "यह तुम्हारे बाप-दादा की जमीन नहीं है जो तुम मुझे डराकर यहां से भगा दोगे. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया भारत है जहां एक चायवाला भी लोगों का सबसे बड़ा हीरो और प्रधानसेवक है."
विक्रमादित्य ने हालांकि कंगना के प्रहार का बहुत शालीन जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी बड़ी बहन कंगना ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, कांग्रेस ने कभी भी उस तरह की भाषा का सहारा देवभूमि में नहीं लिया.
चंडीगढ़ से उतरेंगे मनीष तिवारी, जारी हुई 16 उम्मीदवारों की लिस्ट
मनीष तिवारी चंडीगढ़ से भाजपा के संजय टंडन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे जिन्होंने मौजूदा सांसद किरण खेर की जगह ली है. शनिवार को कांग्रेस ने 14 और नामों की घोषणा की. ग्रांड ओल्ड पार्टी ने महेसाणा से रामजी ठाकोर, अहमदाबाद पूर्व से हिम्मतसिंह पटेल, राजकोट से परेशभाई धनानी, नवसारी से नैषध देसाई, शिमला से विनोद सुल्तानपुरी, क्योंझर से मोहन हेम्ब्रम, बालासोर से श्रीकांत कुमार जेना, भद्रक से अनंत प्रसाद सेठी को उम्मीदवार चुना है.
जाजपुर से आंचल दास, ढेंकनाल से सुष्मिता बेहरा, केंद्रपाड़ा से सिद्धार्थ स्वरूप दास, जगतसिंहपुर से रबींद्र कुमार सेठी, पुरी से सुचारिता मोहंती और भुवनेश्वर से यासिर नवा को उतारा गया है.
कुछ दिन पहले दिखे थे बगावत के रंग
विक्रमादित्य वही विधायक हैं जिन्होंने कुछ समय पहले कांग्रेस से बगावत का अंदेशा दिया था. उन्होंने हिमाचल कैबिनेट में मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था और कहा था कि सुक्खू सरकार विधायकों की आवाज दबा रही है. हिमाचल में कांग्रेस सरकार गिरने के आसार थे हालांकि कुछ ही घंटों में पार्टी के अंदर की गिरहें सुलझ गई थीं.
विक्रमादित्य सिंह तत्कालीन भुसहर एस्टेट के वंशज हैं, जिसे अब रामपुर के नाम से जाना जाता है. उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें तत्कालीन रियासत के राजा का ताज पहनाया गया था.
हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीटें हैं. कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों के साथ इन चार सीटों पर मतदान एक जून को होगा. गिनती 4 जून को होगी. चारों सीटों पर इस समय भाजपा का कब्जा है.