लोकसभा चुनाव में 400 पार के नारे के साथ बीजेपी की खास नजर मुस्लिम वोटर्स पर भी है. मुस्लिम वोटर लोकसभा की 65 सीटों पर हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. जबकि 35 से 40 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या 35 से 70 फीसदी तक है. बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत जिन 65 सीटों पर फोकस किया है, उसपर मु्स्लिम आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है. ये सीटें असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में हैं. इस सीटों पर बीजेपी बूथ लेवल तक जाकर मुस्लिम समाज को साधने की रणनीति पर काम रही है.
किन मु्स्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी का फोकस-
बीजेपी ने जिन मुस्लिम बहुल 65 सीटों पर फोकस कर रही है, उसमें हरियाणा की गुरुग्राम और फरीदाबाद सीट शामिल है. जबकि दिल्ली की उत्तरी-पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक और बिहार की अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज सीट शामिल है. इसमें असम की करियाबोर, नौगाँव, धुबरी, बरपेटा, मंगलदोई, सिल्चर, करिमगंज और गोवा की उत्तरी गोवा और दक्षिण गोवा सीट शामिल है. उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मुरादाबाद, नगीना, मेरठ, अमरोहा, संभल, बरेली, बहराइच और श्रावस्ती सीट के अलावा जम्मू कश्मीर की बारामुला, श्रीनगर, अनंतनाग और राजौरी शामिल है.
मध्य प्रदेश की मंदसौर, बैतूल और भोपाल पर भी बीजेपी का फोकस है. इसके अलावा महाराष्ट्र की औरंगाबाद, भिवंडी के साथ तेलंगाना की सिकंदराबाद और हैदराबाद सीट शामिल है. बीजेपी तमिलनाडु की रामनाथपुरम सीट के अलावा केरल की वायनाड, कासरगोड, कोझिकोड, कोट्टयम, पतनमथित्त, इडुक्की, वाडकर और मल्लापुरम पर फोकस कर रही है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी बशीरहाट, जादवपुर, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, मालदा दक्षिण, मालदा उतर, मुर्शिदाबाद, कृष्णक नगर, बहरामपुर, रायगंज और बीरभूम में बूथ लेवल पर रणनीति बना रही है. जबकि लद्दाख लोकसभा सीट पर भी फोकस है.
मुस्लिम वोटर्स को साधने की रणनीति-
बीजेपी के वरिष्ठ नेता का यह मानना है कि चुनावों में अब तक सिर्फ बीजेपी को हराने के लिए वोट करने वाले मुस्लिम वोटरों को अब यह लगने लगा है कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव हराना असंभव है, इसलिए अब मुस्लिम वोटर्स भी मोदी की जीत में भागीदार बनना चाहते हैं.
इस चुनाव में मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों के लिए बीजेपी एक तरफ खास तैयारी कर रही है और दूसरी तरफ बीजेपी नीतीश कुमार, अजित पवार और जयंत चौधरी सहित अन्य सहयोगी दलों के सहारे मुस्लिम वोटरों को संदेश दे रही है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे का कार्यकर्ता बूथ स्तर तक जाकर मुस्लिम मतदाताओं खासकर मुस्लिम महिलाओं को मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में बताकर अपनी पार्टी के लिए वोट सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है.
हर लोकसभा क्षेत्र में 2000 मोदी मित्र-
पीएम मोदी कई मंचों से पार्टी कार्यकर्ताओं को कह चुके हैं कि मुस्लिमों के पसमांदा समाज को साथ लेकर चलना चाहिए. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने पिछले तीन महीनों में मुस्लिम समाज के अलग-अलग वर्गों से बातचीत के लिए कई अभियान चलाए हैं. अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम समाज के लिए 22700 स्नेह संवाद कार्यक्रम कर चुका है. इन संवाद और कार्यक्रमों के जरिए मोर्चा ने देशभर में 1468 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है. इन कार्यक्रमों के जरिए 50 लाख मुस्लिमों से संवाद किया गया है. देश की 543 लोकसभा सीटों पर कुल मिलाकर 18 लाख से अधिक मुस्लिम मोदी मित्र बनाए गए हैं. हर लोकसभा सीट में 2000 मोदी मित्र बनाए हैं.
मुस्लिम महिलाओं पर खास फोकस-
बीजेपी खासतौर से मुस्लिम महिला वोटरों को साधने का प्रयास करेगी, जो तीन तलाक की बुराई से निजात दिलाने के लिए पीएम मोदी को पसंद करती है. पार्टी को यह भी लगता है कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका अब जीत के जश्न में भी शामिल होना चाहता है, यानी मोदी की जीत में भागीदार बनना चाहता हैं.
अल्पसंख्यक बहुल बूथों पर मुस्लिम समाज के युवाओं को भी बूथ की टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. अल्पसंख्यक मोर्चा 'ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है' के नारे के साथ मुस्लिम समाज को पीएम मोदी के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है. बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के कोर वोट बैंक में भी सेंध लगाने की कोशिश कर रही है.
(नई दिल्ली से हिमांशु मिश्रा)
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