लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों के मुताबिक भूमिहार वोट बैंक को एकजुट करने वाले बलिया से कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नारद राय लंबे समय से समाजवादी पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं. इसकी वजह पीडीए के नारे के बीच उनको तवज्जो न मिलना माना जा रहा है. हाल ही में बलिया में आयोजित जनसभा में स्टेज पर उनको तवज्जो नहीं दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक 29 तारीख़ को अमित शाह के साथ बलिया में मंच साझा करते हुए सदस्यता ले सकते हैं.
पार्टी से चल रहे हैं नाराज
जानकारी के मुताबिक बलिया से कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नारद राय समाजवादी पार्टी से काफ़ी समय से नाराज़ चल रहे हैं. इसकी वजह पार्टी का पीडीए समीकरण को प्रमुखता देना है और नारद राय को ज्यादा पार्टी में तवज्जो नहीं मिलना बताया जा रहा है. और यही वजह है कि वो पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक BJP के प्रमुख नेता लंबे समय से नारद राय को पार्टी में शामिल करने के लिए बातचीत कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बलिया में आयोजित जनसभा में अखिलेश यादव ने नारद राय की अनदेखी की और मंच से राय का नाम नहीं लिया. इसके बाद राय ने यह फैसला लिया है.
अमित शाह के साथ साझा कर सकते हैं मंच
ऐसा माना जा रहा है कि बलिया से प्रत्याशी नीरज शेखर और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर की लगातार कोशिश है कि नारद राय को पार्टी में शामिल किया जाए और 29 मई को अमित शाह के साथ मंच साझा करने की भी सूचना है. बलिया लोकसभा में दो विधानसभा भूमिहार बाहुल्य है और ऐसा माना जा रहा कि नारद राय के BJP में आने के बाद पार्टी को बड़ा फायदा मिल सकता है.