Lok Sabha 2024: 1989 से कायम है BJP का तिलिस्म, Congress के लिए अबूझ बना हुआ है Bhopal... जानिए इस लोकसभा सीट का इतिहास और सियासी समीकरण

Lok Sabha 2024: कभी कांग्रेस का गढ़ रही भोपाल लोकसभा सीट 1989 से बीजेपी के पाले में है. इस बार बीजेपी ने आलोक शर्मा और कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव पर भरोसा जताया है. देश की VIP सीटों में से एक भोपाल पर इसबार सबकी नजर है,

Bhopal Lok Sabha Seat
केतन कुंदन
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

नवाबों का शहर भोपाल मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. इस सीट ने देश को राष्ट्रपति दिया. प्रदेश को मुख्यमंत्री दिया.यहां से उमा भारती, कैलाश जोशी, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा जैसे नेता चुनाव लड़ते और जीतते रहे. 1989 से लगातार भाजपा ही इस सीट पर काबिज है. 2024 चुनाव के लिए बीजेपी ने वर्तमान सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर आलोक शर्मा को और कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को उम्मीदवार बनाया है. इस लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को चुनाव होना है. ऐसे में हम आपको इस सीट का इतिहास और इस बार के चुनाव का सियासी समीकरण बताते हैं.

कौन हैं आलोक शर्मा (BJP) और अरुण श्रीवास्तव (Congress)

2019 चुनाव में 3 लाख 50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर बीजेपी ने आलोक शर्मा पर भरोसा जताया है. ब्राह्मण समाज से आने वाले आलोक शर्मा बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. 1994 में निगम पार्षद रह चुके हैं. 2015 में भोपाल नगर निगम के महापौर रहे. पार्टी ने उन्हें 2023 विधानसभा में भोपाल उत्तर से टिकट दिया था. हालांकि वो कांग्रेस के आतिफ आरिफ अकील से करीब 27 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. वर्तमान में आलोक शर्मा प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और उज्जैन संभाग के प्रभारी हैं.  2023 विधानसभा में हार के बावजूद पार्टी ने एक बार फिर से उन पर भरोसा जताया है और प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जगह उन्हें टिकट दिया है.माना जा रहा है कि शानदार जीत दर्ज करने के बाद भी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट विवादित बयानों की वजह से कटा है. वहीं अगर बात करें अरुण श्रीवास्तव की तो वह पेशे से वकील हैं और कायस्थ समाज से आते हैं. पार्टी के भोपाल जिला उपाध्यक्ष समेत कई पदों पर रह चुके है.

2019 चुनाव का जनादेश 

2019 चुनाव में बीजेपी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर तो कांग्रेस ने दो बार सीएम रहे दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने करीब 3.5 लाख से ज्यादा वोटों से दिग्विजय सिंह शिकस्त दी थी.  प्रज्ञा ठाकुर को 8 लाख 66 हजार 482 वोट मिले थे. वहीं दिग्विजय सिंह को 5 लाख 1 हजार 660 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर बसपा के उम्मीदवार को 11 हजार 277 वोट मिले थे. भाजपा को इस चुनाव में 61.54% कांग्रेस को 35.63% वोट मिले थे. 

पार्टी प्रत्याशी वोट नतीजा
बीजेपी  प्रज्ञा सिंह ठाकुर 8 लाख 66 हजार 482 जीत
कांग्रेस दिग्विजय सिंह   5 लाख 1 हजार 660 हार
बसपा माधे सिंह अहिरवार 11 हजार 277 हार

कभी कांग्रेस का था गढ़

भोपाल गैस कांड से पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था. इसको ऐसे समझिए कि 1957, 1962, 1971, 1980 और 1984 में कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की थी. हालांकि भोपाल गैस कांड के बाद भाजपा ने गद्दी संभाली और तब से आजतक हारी नहीं है.

जातीय समीकरण और विधानसभा सीटें

भोपाल संसदीय सीट के अंतर्गत 7 विधानसभा सीटें हैं. भोपाल उत्तर, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, बैरसिया, हुजूर, सीहोर और गोविंदपुरा. इस सीट पर 20 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. और यहां 56 फीसदी हिंदू और 40 फीसदी मुस्लिम की आबादी है.  आजादी के बाद से अब तक 16 बार हुए आम चुनाव में 9 बार भाजपा को,5 बार कांग्रेस को और 1-1 बार जनसंघ और भारतीय लोकदल को जीत मिली है.

कब किसने जीता चुनाव (1957-2019)

पार्टी प्रत्याशी साल
कांग्रेस मैमूना सुल्तान  1957
कांग्रेस मैमूना सुल्तान
   
1962
जनसंघ      जे आर जोशी
 
1967
कांग्रेस  शंकर दयाल शर्मा
 
1971
बीएलडी आरिफ बेग 1977
कांग्रेस  शंकर दयाल शर्मा
 
1980
कांग्रेस के एन प्रधान
 
1984
बीजेपी  सुशील चंद्र
 
1989
बीजेपी सुशील चंद्र
 
1991
बीजेपी सुशील चंद्र
 
1996
बीजेपी सुशील चंद्र
 
1998
बीजेपी उमा भारती
 
1999
बीजेपी  कैलाश जोशी
 
1004
बीजेपी  कैलाश जोशी
 
2009

बीजेपी

बीजेपी

आलोक संजर

प्रज्ञा सिंह ठाकुर

2014

2019

 

 

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