लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो चुकी हैं. दिल्ली बीजेपी अब मंदिरों के जरिए वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. दिल्ली बीजेपी 21 तारीख को एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं. इस कार्यक्रम में मंदिरों के पुजारी शामिल होंगे. दिल्ली के हर छोटे-बड़े मंदिरों को इसका निमंत्रण दिया गया है. दिल्ली के लगभग सभी छोटे बड़े मंदिरों के पुजारी और महंत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
शंकराचार्य महामंडलेश्वर सहित हजारों लोग होंगे शामिल
दिल्ली बीजेपी के मुताबिक देशभर के लगभग 49 हजार मंदिरों के 51 हजार लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. जिसमें शंकराचार्य महामंडलेश्वर महंत और पुजारी शामिल होंगे और एक साथ मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
दिल्ली बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष करनैल सिंह के मुताबिक यह कार्यक्रम देश में पहली बार और ऐतिहासिक होने जा रहा है जब इस तरह से एक साथ एक मंच पर तमाम शंकराचार्य, महामंडलेश्वर मंदिरों के पुजारी शामिल होंगे. हालांकि यह कार्यक्रम धार्मिक है लेकिन इसके सियासी मायने भी निकाल जा रहे हैं. चुनाव से पहले दिल्ली में इस तरह के कार्यक्रम आम हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के नेता प्राचीन हनुमान मंदिर जाकर माथा टेकते नजर आए थे और सुंदरकांड का पाठ करते दिखाई दिए ताकि ज्यादा से ज्यादा हिंदू वोटर को अपनी ओर खींचा जा सके.
क्या है बीजेपी का आरोप
बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के लोग चुनावी हिंदू हैं, जिनको चुनाव के समय ही हनुमान और राम जी याद आते हैं और सैलरी देने के नाम पर मौलाना. गौरतलब है कि दिल्ली में तमाम मस्जिदों के मौलानाओं की एक फिक्स सैलरी है जिसे दिल्ली सरकार देती है.
पुजारी केंद्र सरकार के सामने रख सकते हैं मांग
आम आदमी पार्टी द्वारा जब से मौलानाओं को सैलरी देने का मुद्दा भाजपा ने उठाया है तब से मंदिरों के पुजारी भी यह चाहते हैं कि दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार मंदिरों में काम करने वाले पुजारी को भी सैलरी दे. और यही वजह है कि इस कार्यक्रम के जरिए तमाम मंदिर के पुजारी केंद्र सरकार के सामने यह मांग रखेंगे ताकि उन्हें भी मौलानाओं की तर्ज पर सैलरी दी जाए.
-सुशांत मेहरा की रिपोर्ट