Ghaziabad Lok Sabha Seat: भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी! BJP से आए नेता पर BSP ने लगाया दांव, जानिए गाजियाबाद लोकसभा सीट का चुनावी समीकरण

Lok Sabha Election 2024 में गाजियाबाद सीट से बीजेपी ने अतुल गर्ग, कांग्रेस ने डोली शर्मा और बीएसपी से नंदकिशोर पुंडीर को चुनावी मैदान में उतारा है. भाजपा से वीके सिंह को टिकट नहीं मिलने पर बहुजन समाज पार्टी ने अपने घोषित प्रत्याशी अंश कालरा को हटाकर ठाकुर बिरादरी के प्रत्याशी नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दिया है. 

BSP Supremo Mayawati (File Photo PTI)
gnttv.com
  • गाजियाबाद ,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST
  • गाजियाबाद से राजनाथ सिंह से लेकर वीके सिंह लड़ चुके हैं चुनाव 
  • पिछले दो चुनावों से बीजेपी से आए नेता को ही अपना प्रत्याशी बना रही बहुजन समाज पार्टी 

उत्तर प्रदेश स्थित गाजियाबाद (Ghaziabad) लोकसभा क्षेत्र में दूसरे चरण में यानी 26 अप्रैल 2024 को चुनाव होना हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ठीक बगल में होने के कारण यह सीट हॉट मानी जाती है. यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) की गढ़ मानी जाती है. यहां से सभी सियासी दल जीत के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने इस बार भी यहां से बीजेपी से आए नेता पर अपना दांव लगाया है.गाजियाबाद लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार से लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जीत हासिल हो रही है.

गाजियाबाद सीट मानी जाती है बेहद VIP 
गाजियाबाद लोकसभा सीट के तहत चार विधानसभा क्षेत्र लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद और मुरादनगर के अलावा धौलाना विधानसभा का कुछ हिस्सा आता है. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक इस बार 29 लाख से ज्यादा मतदाता इस जिले में वोट करेंगे. यह बेहद VIP सीट मानी जाती है क्योंकि यहां से राजनाथ सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं.

बीजेपी से अतुल गर्ग ठोक रहे ताल
लोकसभा चुनाव 2024 में गाजियाबाद से बीजेपी से अतुल गर्ग, कांग्रेस से डोली शर्मा और बीएसपी से नंदकिशोर पुंडीर चुनावी मैदान में हैं. अतुल गर्ग और डोली शर्मा स्थानीय प्रत्याशी हैं, तो नंदकिशोर पुंडीर बाहरी हैं. इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के मुताबिक यहां के लोगों ने 16 बार के चुनाव में 13 बार बाहरी निवासियों को अपना सांसद बनाया है. हरियाणा के भिवानी में रहने वाले रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को दो बार और आगरा के मूल निवासी डॉ. रमेश चंद्र तोमर को चार बार इस जिले ने सांसद बनाया है.

बहुजन समाज पार्टी के सामने क्या है मजबूरी
प्रधानमंत्री मोदी के गाजियाबाद में रोड शो से लोकसभा चुनाव के प्रचार का आगाज भले हो गया हो लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा बीएसपी की हो रही है. अब यह सिर्फ सियासी संयोग है या फिर समीकरण की मजबूरी. बहुजन समाज पार्टी पिछले दो चुनावों से बीजेपी से आए हुए नेता को ही अपना प्रत्याशी बना रही है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से आए केके शुक्ला को बीएसपी ने अपना प्रत्याशी बनाया. वो उस वक्त बीजेपी के अतुल गर्ग के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव हारने के बाद शुक्ला दोबारा बीजेपी में शामिल हो गए. आखिर बहुजन समाज पार्टी के सामने ऐसी क्या मजबूरी है कि बीजेपी से आए हुए प्रत्याशी को फिर टिकट दे दिया.

बीएसपी के प्रत्याशी बदलने का क्या बीजेपी को मिलेगा फायदा
लोकसभा चुनाव 2024 में बीएसपी ने बीजेपी से आए नेता नंदकिशोर पुंडीर को बीजेपी के अतुल गर्ग के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी से वीके सिंह को टिकट नहीं मिला तो ठाकुर बिरादरी में बढ़ते विरोध को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने घोषित प्रत्याशी अंश कालरा को हटाया और ठाकुर बिरादरी के प्रत्याशी नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दे दिया. दरअसल मायावती ने ठाकुर समाज से प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस में वोट कन्वर्ट होने की जो संभावना थी, उसपर विराम लगा दिया है. इसका सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता

पिछले चुनावों में कैसा रहा वोटिंग ट्रेंड
लोकसभा चुनाव 2009 की तुलना में 2014 में कांग्रेस के वोट बैंक में 18.6 फ़ीसदी की गिरावट आई थी. बहुजन समाज पार्टी के वोट बैंक में 8.54 फ़ीसदी की गिरावट और बीजेपी के वोट बैंक में 13.7 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना 2019 से करने पर आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस के वोट बैंक में 6.91 फ़ीसदी की गिरावट आई. वहीं, बीजेपी का वोट बैंक 5.45 फ़ीसदी बढ़ा है. बता दें कि 2019 का चुनाव सपा और बहुजन समाज पार्टी ने साथ मिलकर लड़ा था, जिससे वोट बैंक में 21.09 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. 

(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)

 

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