लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आज यानी 12 जनवरी को बैठक होने वाली है. यह बैठक कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के संयोजक मुकुल वासनिक के घर पर शाम 6:30 बजे होगी.
आम आदमी पार्टी के लीडर गोपाल राय ने सार्वजनिक तौर पर 5 राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने पर बातचीत होने की बात बताई थी. उन्होंने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और गुजरात में साथ चुनाव लड़ने की बात कही है. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. जबकि गुजरात और गोवा में आम आदमी पार्टी का अच्छा-खासा जनाधार है. चलिए आपको बताते हैं कि इंडिया गठबंधन के दो सहयोगी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का इन 5 राज्यों में क्या जनाधार है और कितनी सियासी ताकत है.
दिल्ली में किसकी कितनी ताकत-
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है. सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को 3 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. पिछले आम चुनाव की बात करें तो दिल्ली में बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर जीत हासिल की थी और 56.9 फीसदी वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस को 22.5 फीसदी वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी को 18.1 फीसदी हासिल हुए थे. किसी भी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का कुल वोट बीजेपी उम्मीदवार से ज्यादा नहीं था. हालांकि आम चुनाव 2019 के एक साल बाद साल 2020 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तो आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
पंजाब में AAP की सरकार-
इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पंजाब में भी एकसाथ चुनाव में जाना चाहते हैं. सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सूबे की 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. आपको बता दें कि पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं. पिछले आम चुनाव में कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि आम आदमी पार्टी को सूबे में एक सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस को 40.12 फीसदी वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी को 7.38 फीसदी वोट मिले थे.
हालांकि विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी ने 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की और सूबे में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. आम आदमी पार्टी को 42.01 फीसदी वोट मिले. जबकि कांग्रेस को 22.98 फीसदी वोट मिले. साल 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को 15.52 फीसदी कम वोट मिले थे. पिछले साल जालंधर लोकसभा उपचुनाव में 24 साल बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. आम आदमी पार्टी ने इस जीत पर जीत दर्ज की है.
हरियाणा में कांग्रेस भारी-
हरियाणा में आम आदमी पार्टी का कोई खास जनाधार नहीं है. लेकिन पार्टी कांग्रेस के साथ इस सूबे में भी गठबंधन करना चाहती है. 2019 आम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. पार्टी को सूबे में 1.2 फीसदी वोट मिला था. कांग्रेस को 2019 आम चुनाव में सूबे में 28.42 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि लोकसभा की 10 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी.
साल 2019 में ही लोकसभा चुनाव के 5 महीने बाद सूबे में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी. भले ही बीजेपी ने सूबे में सरकार बनाई. लेकिन चुनाव में बीजेपी को सीटों के लिहाज से बड़ा नुकसान हुआ था. कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 28.13 फीसदी वोट हासिल किए थे. अगर सूबे में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन की बात हो तो पार्टी ने 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ 0.5 फीसदी वोट मिले थे. हरियाणा में आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर दावा ठोक रही है. इसको लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में पेंच फंस सकता है.
गोवा में कौन है भारी-
गोवा में इंडिया गठबंधन के दो सहयोगी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी ने गोवा में सहयोगी दल कांग्रेस से एक सीट की डिमांड की है. गोवा में दो लोकसभा सीटें हैं. 2019 आम चुनाव में एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. पिछले आम चुनाव में कांग्रेस को 42.92 फीसदी वोट मिले थे. जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 3.01 फीसदी वोट हासिल हुए थे.
विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली थी और 23.50 फीसदी वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. AAP को 6.8 फीसदी वोट हासिल हुए थे.
गुजरात में AAP का असर-
लोकसभा चुनाव 2019 में गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. जबकि वोटों के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस को 32.11 फीसदी वोट मिले थे, हालांकि पार्टी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.
साल 2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव हुए. जिसमें बीजेपी को प्रचंड जीत मिली. लेकिन इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया और सबको चौंक दिया. आम आदमी पार्टी को 12.92 फीसदी वोट मिले थे. AAP ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस को 27.28 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस को इस चुनाव में 17 सीटों पर जीत मिली थी.
विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत ही आम आदमी पार्टी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर दबाव बना रही है और कांग्रेस से एक सीट की डिमांड कर रही है.
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