Lok Sabha Election 2024: BJP-TDP-JSP में बन गई बात, Andhra Pradesh में मिलकर लड़ेंगे लोकसभा और विधानसभा का चुनाव, जानें पिछले चुनावों में क्या रहे हार-जीत के आंकड़े

BJP Mission 2024: Andhra Pradesh में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी पहले भी NDA गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है. हालांकि बाद में उसने इस गंठबंधन से किनारा कर लिया था. टीडीपी 1996 में एनडीए से जुड़ी थी. उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. इसके बाद 2014 की नरेंद्र मोदी की सरकार में साथ काम किया.

Lok Sabha Election 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST
  • आंध्र प्रदेश में बीजेपी-टीडीपी-जेएसपी गठबंधन पर लगी मुहर 
  • आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 और विधानसभा की हैं 175 सीटें

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 370 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए वह जी-जान से जुटी हुई है. कई राज्यों में छोटे दलों से भी हाथ मिला रही है. बीजेपी साउथ इंडिया के राज्यों में खुद की स्थिति मजबूत करने की हर जुगत लगाने में जुटी हुई है. इसी क्रम में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनसेना पार्टी (JSP) के साथ गठबंधन किया है. इस राज्य में अभी वाईएसआरसीपी (YSRCP) की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी हैं.

पहले भी NDA से जुड़ चुके हैं चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) की पार्टी टीडीपी पहले भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है. हालांकि बाद में उसने इस गंठबंधन से किनारा कर लिया था. टीडीपी ने 1996 में एनडीए से जुड़ी थी. उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. इसके बाद 2014 की नरेंद्र मोदी की सरकार में साथ काम किया.

2014 में जब टीडीपी और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था, तब जनसेना उनकी बाहरी सहयोगी थी. चंद्रबाबू नायडू अब एक बार फिर से एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अभिनेता पवन कल्याण (Pawan Kalyan) की जनसेना पार्टी भी आंध्र प्रदेश में एनडीए का हिस्सा बन गई है. तीनों दलों ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान किया है.सीट बंटवारे को लेकर बात बन गई है. 

कितनी सीटों पर कौन लड़ेगा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी और जनसेना पार्टी के बीच हुए सीट शेयरिंग समझौते के मुताबिक राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 17 पर टीडीपी, 6 पर बीजेपी और 2 पर जेएसपी चुनाव लड़ेगी. राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधान सभा चुनाव भी होने वाले हैं. गठबंधन के बीच हुए समझौते के मुताबिक विधान सभा की कुल 175 सीटों में से 144 पर टीडीपी चुनाव लड़ेगी. बीजेपी 10 और जन सेना 21 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीट बंटवारे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश बुरी तरह से बर्बाद हो चुका है. ऐसे में भाजपा और टीडीपी का एक साथ आना देश और राज्य के लिए जीत की स्थिति है. 

उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन ही आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधान सभा चुनाव जीतेगा. उधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मैं चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण के एनडीए परिवार में शामिल होने के फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं. पीएम मोदी जी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, बीजेपी, टीडीपी और जन सेना देश की प्रगति और आंध्र प्रदेश राज्य के लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं. टीडीपी और जनसेना ने पहले ही विधानसभा चुनाव के लिए अपने 100 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. नायडू ने कहा कि संबंधित दल जल्द ही अन्य उम्मीदवारों के नाम घोषित करेंगे.

पिछले चुनावों में हार-जीत के आंकड़े
लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी और टीडीपी के बीच समझौता हुआ था. इस चुनाव में टीडीपी ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को दो सीटों पर विजय मिली थी. इसके बाद टीडीपी लोकसभा चुनाव 2019 में अकेले चुनाव मैदान में कूदी थी. इसमें वह सिर्फ तीन सीट ही जीत पाने में सफल हुई थी. भाजपा को एक भी सीट पर विजय नहीं मिली थी. विधानसभा चुनाव 2014 में जब बीजेपी-टीडीपी साथ थे तो टीडीपी ने 102 सीटें जीती थी. बीजेपी को चार सीटों पर विजय मिली थी. बीजेपी से अलग होने के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी को 23 सीटों पर जबकि बीजेपी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.

टीडीपी के हैं निजी फायदे 
बीजेपी आंध्र प्रदेश के जरिए साउथ इंडिया में अपना आधार बनाने में जुटी है, तो वहीं टीडीपी के अपने निजी फायदे हैं. नायडू को घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद केंद्रीय एजेंसियों का डर भी सता रहा था. उन्हें लगता है कि एनडीए के साथ जाने के बाद वह सुरक्षित रहेंगे. इसके साथ ही वह गठबंधन के जरिए राज्य की सत्ता में भी दोबारा वापसी करने की उम्मीद में भी हैं.अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण की बीजेपी और टीडीपी को एक साथ लाने में अहम भूमिका रही है.

 

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