बाड़मेर लोकसभा सीट राजस्थान में है. एक निर्दलीय उम्मीदवार के चलते ये सीट आम चुनाव 2024 में काफी चर्चा में रही. लेकिन जीत कांग्रेस पार्टी को मिली. इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. देश की सबसे पुरानी पार्टी को 10 बार जीत मिली है. साल 2014 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था. इस सीट पर जाट वोटर्स की बहुलता है. 7 लाख जाट मतदाता हैं. चलिए आपको बाड़मेर जैसलरमेर लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.
बाड़मेर में कांग्रेस का कब्जा-
आम चुनाव 2024 में बाड़मेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मेद राम बेनीवाल को जीत मिली है. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार रवींद्र सिंह भाटी को 1.18 लाख वोटों से हराया. उम्मेद राम को 7.04 लाख वोट मिले. जबकि भाटी को 5.86 लाख वोट हासिल हुए. इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार कैलाश चौधरी को 2.86 लाख वोट मिले.
साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार कैलाश चौधरी ने कांग्रेस के उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को 3 लाख 23 हजार 808 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवापर को 8 लाख 46 हजार 526 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 5 लाख 22 हजार 718 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर 18 हजार 996 वोट नोटा को भी मिले थे.
इस सीट का इतिहास-
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह सांसद चुने गए थे. साल 1957 आम चुनाव में भी निर्दलीय रघुनाथ सिंह बहादुर ने जीत दर्ज की थी. साल 1962 आम चुनाव में रामराज्य परिषद के तन सिंह सांसद चुने गए थे.
साल 1976 लोकसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस को इस सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस के अमृत नाहटा सांसद बने. नाहटा ने साल 1971 आम चुनाव में भी जीत दर्ज की थी. लेकिन साल 1977 लोकसभा चुनाव में तन सिंह सांसद चुने गए.
साल 1980 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार विरधी चंद जैन सांसद बने. साल 1984 चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विरधी चंद जैन ने फिर से जीत दर्ज की. लेकिन साल 1989 आम चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार कल्याण सिंह कालवी सांसद चुने गए.
साल 1991 आम चुनाव में कांग्रेस के रामनिवास मिर्धा ने जीत दर्ज की. साल 1996 चुनाव में कांग्रेस के सोना राम सांसद चुने गए. सोना राम साल 1996, साल 1998, साल 1999 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की. साल 2004 आम चुनाव में पहली बार बीजेपी के उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की. साल 2009 आम चुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस के हरीश चौधरी सांसद चुने गए. साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर सोना राम सांसद चुने गए. साल 2019 आम चुनाव में कैलाश चौधरी ने जीत दर्ज की.
8 विधानसभा सीटों का गणित-
इस लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें जैसलमेर जिले की जैसलमेर विधानसभा सीट आती है. जबकि बाड़मेर जिले की शिव, बाड़मेर, बायतु, पचपदरा, सिवाना, गुढ़ामालानी और चौहटन विधानसभा सीट शामिल है. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है. दो निर्दलीय उम्मीदवार विधायक बने हैं. बीजेपी के छोटू सिंह भाटी जैसलमेर, पचपदरा से अरुण चौधरी, सिवाना से हमीर सिंह भायल, गुढ़ामालानी से केके बिश्नोई, चौहटन से आदूराम मेघवाल विधायक हैं. जबकि बायतु से कांग्रेस के हरीश चौधरी विधायक हैं. शिव विधानसभा से निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी और बाड़मेर से निर्दलीय डॉ. प्रियंका चौधरी विधायक हैं.
लोकसभा सीट का जातीय समीकरण-
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में करीब 21 लाख वोटर्स हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा जाट मतदाता हैं. जाट वोटर्स की संख्या करीब 4.5 लाख है. जबकि राजपूत वोटर्स 3 लाख हैं. इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 2.7 लाख है. एससी और एसटी के 4 लाख और ओबीसी के 6.5 लाख वोटर हैं.
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