Bhagalpur Lok Sabha Seat: 1984 के बाद Congress को नहीं मिली कभी जीत, BJP की स्थिति हो गई मजबूत, पिछले दो चुनावों से RJD-JDU में जंग, जानिए भागलपुर लोकसभा सीट का सियासी समीकरण 

Lok Sabha Election 2024 Bhagalpur Seat:  भागलपुर लोकसभा सीट बिहार की हॉट सीटों में से एक है. यहां से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद से लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक जीत दर्ज कर चुके हैं.

Bhagalpur Lok Sabha Seat
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:54 AM IST
  • भागलपुर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल 2024 को होगा मतदान 
  • जदयू ने एक बार फिर वर्तमान सांसद अजय कुमार मंडल पर ही जताया है भरोसा 

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को फतह करने के लिए एनडीए (NDA) हो या इंडिया (INDIA) गठबंधन में शामिल पार्टियां, सभी जुट गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जहां बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है, तो वहीं इंडिया गठबंधन से जुड़े दल उलटफेर करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. बिहार की भागलपुर लोकसभा सीट से कब और किसको मिली जीत, क्या है जातीय समीकरण आइए जानते हैं?

भागवत झा आजाद से लेकर सुशील कुमार मोदी तक दर्ज कर चुके हैं जीत
रेशम नगरी के नाम से मशहूर भागलपुर प्राचीन काल से राजनीति और शिक्षा का केंद्र रहा है. भागलपुर लोकसभा सीट बिहार की हॉट सीटों में से एक है. यहां से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद से लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक जीत दर्ज कर चुके हैं.

गांधीवादी रामजी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और केंद्र सकार में मंत्री अश्विनी कुमार चौबे यहां से सांसद रह चुके हैं. इस बार एनडीए गठबंधन में भागलपुर लोकसभा सीट जदयू के खाते में गई है. जदयू ने एक बार फिर भागलपुर के वर्तमान सांसद अजय कुमार मंडल पर ही भरोसा जताया है. चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तय शेड्यूल के मुताबिक भागलपुर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल 2024 को मतदान होगा.

भागलपुर पहले पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का था हिस्सा 
भागलपुर पहले लोकसभा चुनाव (1952) तक पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था. उस समय जेबी कृपलानी को यहां की जनता ने अपना सांसद चुना था. 1957 में भागलपुर स्वतंत्र रूप से लोकसभा क्षेत्र बना. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में गंगा नदी बहती है. गंगा नदी के दोनों पार के क्षेत्रों में मुद्दे अलग-अलग हैं. दोनों तरफ को साधने में जो पार्टी या उम्मीदवार कामयाब होते हैं, उनको जीत नसीब होती है. 

कभी कांग्रेस था गढ़
1957 से लेकर 1984 तक सिर्फ लोकसभा चुनाव 1977 को छोड़कर यहां पर कांग्रेस का राज रहा. यहां की जनता ने भागवत झा आजाद को 5 बार चुनकर दिल्ली भेजा. 1977 में जनता पार्टी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे रामजी सिंह ने भागवत झा आजाद को मात दी थी. हालांकि लोकसभा चुनाव 1980 और 1984 में भागवत झा फिर विजयी होने में सफल रहे. भागवत झा 14 फरवरी 1988 से 10 मार्च 1989 तक सीएम रहे. 1989 में हुए भागलपुर दंगे के बाद कांग्रेस को जीत कभी नहीं मिली.

1998 में बीजेपी का खिला कमल
लोकसभा चुनाव 1989 में भागलपुर से जनता दल के उम्मीदवार चुनचुन प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव 1998 में पहली बार बीजेपी का कमल खिला. भाजपा उम्मीदवार प्रभाष चंद्र तिवारी ने जीत दर्ज की. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने 1999 में भागलपुर से अपना खाता खोला. सुबोध राय विजयी हुए.लोकसभा चुनाव 2004 में बीजेपी उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी, 2006 में भाजपा प्रत्याशी सैयद शाहनवाज हुसैन को जीत मिली. लोकसभा चुनाव 2009 में एक बार फिर सैयद शाहनवाज हुसैन पर जनता ने भरोसा जताया. भागलपुर लोकसभा से आज तक कुल 8 पार्टियों को जीत नसीब हुई. कुछ दलों को दो या उससे अधिक बार जीत मिली.

2014 में बुलो मंडल ने शाहनवाज हुसैन को दी थी मात
मोदी लहर के बावजूद लोकसभा चुनाव 2014 बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन चुनाव हार गए. बिहपुर से विधायक रह चुके आरजेडी के प्रत्याशी शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल यहां से जीत कर सांसद बने. बुलो मंडल को 3 लाख 67 हजार 623 वोट तो वहीं शाहनवाज हुसैन को 3 लाख 58 हजार 138 वोट मिले थे. इस तरह से कड़े मुकाबले में शाहनवाज हार गए थे. इस चुनाव में मंडल को 37.74 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि शाहनवाज हुसैन को 36.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. 

2019 में 9 उम्मीदवारों ने अजमाई थी अपनी किस्मत
लोकसभा चुनाव 2019  में  भागलपुर से कुल 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.जनता दल युनाइटेड ने अजय कुमार मंडल, बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद आशिक इब्राहिमी, राष्ट्रीय जनता दल ने शैलेश कुमार, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट ने दीपक कुमार, आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र कुमार और भाजपा ने सुशील कुमार दास को चुनाव मैदान में उतारा था.इसके अलावा अभिषेक प्रियदर्शी, नुरुल्लाह और सुनील कुमार बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे. अजय कुमार मंडल पर जनता ने भरोसा दिखाया था. अजय मंडल को 6,18,254 वोट मिले थे. आरजेडी के शैलेश कुमार 3,40,624 मतो के साथ दूसरे स्थान पर थे.  

भागलपुर से कब और किस पार्टी के उम्मीदवारों ने दर्ज की जीत
1957: बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला, कांग्रेस
1962: भागवत झा आजाद, कांग्रेस
1967: भागवत झा आजाद, कांग्रेस
1971: भागवत झा आज़ाद, कांग्रेस
1977: रामजी सिंह, जनता पार्टी
1980: भागवत झा आज़ाद, कांग्रेस
1984: भागवत झा आज़ाद, कांग्रेस
1989: चुनचुन प्रसाद यादव, जनता दल
1991: चुनचुन प्रसाद यादव, जनता दल
1996: चुनचुन प्रसाद यादव, जनता दल
1998: प्रभास चंद्र तिवारी, बीजेपी
1999: सुबोध राय, भाकपा (मार्क्सवादी)
2004: सुशील कुमार मोदी, बीजेपी
2006: सैयद शाहनवाज हुसैन, बीजेपी
2009: सैयद शाहनवाज हुसैन, बीजेपी
2014: शैलेश कुमार मंडल, राजद
2019: अजय कुमार मंडल, जदयू

क्या है जातीय समीकरण 
भागलपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें भागलपुर, गोपालपुर, बिहपुर, पीरपैंती, सुल्‍तानगंज, नाथनगर और कहलगांव शामिल है. 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक भागलपुर की जनसंख्या 30.38 लाख थी. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19,26,396 है. पुरुष मतदाता 10,19,774 और महिला वोटर्स 9,06,510 हैं. थर्ड जेंडर 112 हैं. चुनाव में जातीय समीकरण यहां बड़ी भूमिका निभाता है. 

भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और यादव वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. यहां मुस्लिम करीब साढ़े तीन लाख, यादव तीन लाख हैं.  गंगौता दो लाख, वैश्य डेढ़ लाख, सवर्ण ढाई लाख, कुशवाहा और कुर्मी डेढ़ लाख के करीब हैं. अति पिछड़ा और महादलित मतदाताओं की संख्या भी करीब तीन लाख है. यहां कि राजनीति में यादव-मुस्लिम के साथ-साथ गंगोता समाज के लोगों का दबदबा है. इस लोकसभा क्षेत्र से 2019 में हुए चुनाव में जदयू के अजय मंडल ने जीत दर्ज की थी. वह गंगोता जाति से हैं. इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 में राजद उम्मीदवार शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने जीत दर्ज हासिल की थी. बुलो मंडल भी गंगोता जाति से हैं.


 

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