Ghosi Lok Sabha Seat: कम्युनिस्टों का रहा गढ़, बीजेपी को सिर्फ एक बार मिली जीत... जानें घोसी लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

UP Lok Sabha Election 2024: घोसी लोकसभा सीट पर कभी कम्युनिस्ट पार्टी का दबदबा था. CPI को इस सीट से 4 बार जीत मिली. इस सीट पर कांग्रेस को भी 4 बार जीत हासिल हुई है. बहुजन समाज वार्टी (BSP) के उम्मीदवार 3 बार विजयी हुए हैं. घोसी में भारतीय जनता पार्टा (BJP) को एक बार जीत मिली है. जबकि समाजवादी पार्टी को 2 बार जीत मिली है. इस सीट से कल्पनाथ राय 4 बार सांसद चुने गए थे.

Ghosi Lok Sabha Seat
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

घोसी लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है. ये सीट कभी कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ था. लेकिन बाद में कांग्रेस ने परचम फहराया. बहुजन समाज पार्टी को भी इस सीट पर 3 बार जीत मिली. भारतीय जनता पार्टी को इस सीट पर सिर्फ एक बार जीत मिली है.  समाजवादी पार्टी के खाते में भी ये सीट 2 बार आई है. चलिए आपको घोसी लोकसभा सीट के जातीय समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.

समाजवादी पार्टी के राजीव राय बने सांसद-

साल 2024 आम चुनाव में घोसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के राजीव राय सांसद चुने गए. उन्होंने एनडीए की तरफ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के उम्मीदवार अरविंद राजभर को 1.62 हजार वोटों से हराया. बीएसपी उम्मीदवार बालकृष्ण चौहान को इस सीट पर 2.09 लाख वोट मिले. एनडीए उम्मीदवार अरविंद राजभर एसबीएसपी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे हैं.

साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार अतुल राय बीजेपी उम्मीदवार हरिनायराण राजभर को 1.22 लाख वोटों से हराया था. बीएसपी उम्मीदवार अतुल राय को 5.73 लाख वोट मिले थे. जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 4.51 लाख वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के बालकृष्ण चौहान को 23 हजार वोट मिले थे. सीपीआई ने इस सीट पर अतुल कुमार अंजान को उतारा था. उनको 14 हजार वोट मिले थे.

इस सीट का इतिहास-
घोसी लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1957 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. उस चुनाव में कांग्रेस के उमराव सिंह सांसद चुने गए थे. इसके बाद साल 1962 आम चुनाव से लेकर साल 1971 आम चुनाव तक वामदलों को जीत मिली. साल 1962 और साल 1967 आम चुनाव में जय बहादुर सिंह ने जीत हासिल की. साल 1971 आम चुनाव में झारखंडे राय सांसद चुने गए.

साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर शिव राम राय को जीत मिली. लेकिन साल 1980 आम चुनाव में सीपीआई के झारखंडे राय सांसद चुने गए. साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के राजकुमार राय ने जीत हासिल की. साल 1989 चुनाव में भी कांग्रेस के कल्पनाथ राय सांसद चुने गए. कल्पनाथ राय ने साल 1991 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. लेकिन साल 1996 चुनाव में कल्पनाथ राय ने निर्दलीय सांसद चुने गए. साल 1998 आम चुनाव में कल्पनाथ राय ने समता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की.

साल 1999 आम चुनाव में बीएसपी के टिकट पर बाल कृष्ण चौहान और साल 2004 आम चुनाव में चंद्रदेव राजभर सांसद बने. लेकिन साल 2009 आम चुनाव में बीएसपी के दारा सिंह चौहान सांसद चुने गए. साल 2014 आम चुनाव में पहली बार इस सीट पर कमल खिला और हरिनारायण राजभर सांसद चुने गए. साल 2019 आम चुनाव में बीएसपी के अतुल राय सांसद चुने गए.

5 विधानसभा सीटों का गणित-
घोसी लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आताी हैं. इसके तहत मऊ जिले की मधुबन, घोसी, मुहम्मदाबा-गोहना और मऊ विधानसभा सीटें आती हैं. जबकि इस सीट के तहत बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा सीट आती हैं. मधुबन विधानसभा सीट से बीजेपी के रामविलास चौहान विधायक हैं. जबकि घोसी से समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह और मुहम्मदाबाद-गोहना से समाजवादी पार्टी के राजेंद्र कुमार विधायक हैं. मऊ सीट से एसबीएसपी के अब्बास अंसारी विधायक हैं. जबकि रसड़ा विधानसभा सीट से बीएसपी के उमाशंकर सिंह विधायक हैं.

इस सीट का जातीय समीकरण-
घोसी लोकसभा सीट पर सबसे बड़ी आबादी दलितों की है. इस सीट पर अनुसूचित जाति (ST) के करीब 5 लाख वोटर हैं. जबकि 3.5 लाख मुस्लिम वोटर हैं. घोसी सीट पर यादव मतदाता ढाई लाख, चौहान 2.3 लाख और राजभर करीब 2 लाख हैं. इस लोकसभा सीट पर राजपूत,वैश्या और मौर्य एक-एक लाख हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, निषाद और भूमिहार मतदाताओं की संख्या एक-एक लाख है.

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