Gwalior Lok sabha seat: बीजेपी को फिर मिली जीत, विजया राजे सिंधिया से लेकर अटल बिहारी तक ने दर्ज की जीत

ग्वालियर लोकसभा सीट पर सिंधिया राजघराने का दबदबा रहा है. इस सीट पर इस फैमिली को 7 आम चुनावों में जीत मिली है. इस सीट से विजया राजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी जीत दर्ज की है. बीजेपी के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर भी इस सीट से सांसद चुने गए हैं.

Gwalior Lok Sabha Seat
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

ग्वालियर लोकसभा सीट मध्य प्रदेश में है. यह इलाका सिंधिया राजघराने के लिए फेमस है. इस सीट पर सिंधिया फैमिली का दबदबा रहा है. ग्वालियर से विजया राजे सिंधिया से लेकर यशोधरा राजे सिंधिया तक सांसद चुने गए. अटल बिहारी वाजपेयी भी इस सीट से एक बार सांसद रहे थे. माधव राव सिंधिया इस सीट से 5 बार सांसद चुने गए. चलिए आपको ग्वालियर लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
आम चुनाव 2024 में ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी के भरत सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के प्रवीण पाठक को 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. भरत सिंह को 6.71 लाख वोट मिले. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 6.01 लाख वोट हासिल हुए.

सिंधिया परिवार का दबदबा-
इस सीट पर सिंधिया फैमिली ने 7 आम चुनावों में जीत दर्ज की है. विजया राजे सिंधिया एक बार सांसद चुनी गईं. जबकि उनके बेटे माधवराव सिंधिया 5 बार सांसद चुने गए. माधवराव सिंधिया लगातार 15 साल तक सांसद रहे. इस फैमिली की यशोधरा राजे सिंधिया साल 2009 आम चुनाव में सांसद चुनी गईं. इससे पहले साल 2007 आम चुनाव में भी यशोधरा राजे सिंधिया सांसद बनी थीं.

2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार विवेक नारायण शेजवलकर ने कांग्रेस उम्मीदवार अशोक सिंह को एक लाख 46 हजार 842 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को 6 लाख 27 हजार 250 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 4 लाख 80 हजार 408 वोट मिले थे. बीएसपी उम्मीदवार ममता सिंह कुशवाहा को 44 हजार 677 वोट मिले थे.

ग्वालियर सीट का इतिहास-
ग्वालियर लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. जिसमें हिंदू महासभा के वीजी देशपांडे सांसद चुने गए थे. साल 1957 आम चुनाव कांग्रेस से सूरज प्रसाद सांसद चुने गए. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस की विजया राजे सिंधिया ने जीत हासिल की.

साल 1967 आम चुनाव में भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार राम अवतार शर्मा और साल 1971 आम चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी  सांसद चुने गए. साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर नारायण शेजवलकर सांसद चुने गए. उन्होंने साल 1980 आम चुनाव में भी जीत दर्ज की.

साल 1984 आम चुनाव में पहली बार माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर साल 1989 चुनाव और साल 1991 आम चुनाव में जीत हासिल की. लेकिन साल 1996 आम चुनाव में माधवराव सिंधिया ने मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की. लेकिन फिर उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली और साल 1998 आम चुनाव में सांसद चुने गए.

साल 1999 आम चुनाव में बीजेपी के जयभान सिंह पवैया ने जीत हासिल की. ये पहला मौका था, जब ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. लेकिन साल 2004 आम चुनाव में कांग्रेस के रामसेवक सिंह ने जीत हासिल की. साल 2009 आम चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया सांसद चुनी गईं. लेकिन साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और साल 2019 आम चुनाव में विवेक शेजवलकर सांसद चुने गए.

8 विधानसभा सीटों का गणित-
ग्वालियर लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभाएं आती हैं. इसमें ग्वालियर जिले की ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार और डबरा विधानसभा शामिल हैं. जबकि शिवपुरी जिले की करेरा और पोहरी विधानसभा सीटें भी इसमें शामिल हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी और कांग्रेस ने 4-4 सीटों पर जीत दर्ज की. ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर, ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस से सतीश सिकरवार, डबरा से कांग्रेस के सुरेश राजे और पोहरी से कांग्रेस से कैलाश कुशवाहा विधायक हैं. जबकि ग्वालियर से बीजेपी के प्रधुम्न सिंह तोमर, ग्वालियर दक्षिण से बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाहा, भितरवार से बीजेपी के मोहन सिंह राठौड़ और करेरा से बीजेपी के रमेश प्रसाद खटीक विधायक हैं.

इस सीट का जातीय समीकरण-
21 लाख 9 हजार 989 वोटर हैं. जिसमें पुरुष वोटर करीब 11 लाख और महिला वोटर्स 9 लाख से अधिक हैं. ग्वालियर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो राजपूत, गुर्जर, यादव, रावत, मराठा, अल्पसंख्यक, ब्राह्मण, अनुसूचि जाति के वोटर्स ज्यादा हैं. 2011 जनगणना के मुताबिक अनुसूचित जाति (ST) के वोटर 19.7 फीसदी हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) के 5.2 फीसदी वोटर हैं. इस सीट पर मुसलमान वोटर्स की संख्या 5 फीसदी है.

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