Maharajganj Lok Sabha Seat: कभी Congress का था गढ़, अभी लहरा रहा भगवा, हैट्रिक लगाने की तैयारी में BJP, राजपूत बाहुल्य महाराजगंज लोकसभा सीट का जानें इतिहास

Bihar Lok Sabha Election 2024: राजपूतों की अधिक संख्या के कारण महाराजगंज को बिहार का दूसरा चित्तौड़गढ़ कहा जाता है. यहां लोकसभा चुनाव में राजपूत प्रत्याशियों का ही सिक्का चलता है. चंद्रशेखर सिंह, रामबहादुर सिंह, प्रभुनाथ सिंह जैसे बड़े नेता यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं. पिछले दो चुनावों से बीजेपी के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बाजी मार रहे हैं.

Maharajganj Lok Sabha Seat
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST
  • 25 मई को महाराजगंज लोकसभा सीट पर डाले जाएंगे वोट 
  • बीजेपी और कांग्रेस में है सीधी टक्कर

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के छठे चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. इसी फेज में बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. यहां एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच सीधी टक्कर है. हम आपको आज राजपूत बाहुल्य महाराजगंज लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं.

बीजेपी ने फिर सिग्रीवाल पर जताया है भरोसा
लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर बीजेपी (BJP) ने महाराजगंज लोकसभा सीट से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (Janardan Singh Sigriwal) को चुनावी मैदान में उतारा है. एनडीए (NDA) के बैनर तले सिग्रीवाल जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. उधर, इंडिया गठबंधन (India Alliance) में शामिल कांग्रेस (Congress) ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे आकाश सिंह (Aakash singh) पर भरोसा जताया है.  जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को व्यक्तिगत तौर पर जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है.

साफ-सुथरी छवि और इलाके के लोगों के बीच सहज उपलब्धता जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का मजबूत पक्ष है. महागठबंधन ने इस बार आकाश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाकर भूमिहार कार्ड खेला है. महागठबंधन ने यहां चुनाव प्रचार में काफी जोर लगाया है और जीत का दावा कर रहा है. 4 जून 2024 को सभी लोकसभा सीटों के साथ ही महाराजगंज लोकसभा सीट का भी रिजल्ट आएगा. अब देखते हैं कि उस दिन किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है. 

पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह क्यों लड़े थे महाराजगंज से चुनाव
युवा तुर्क के नाम से मशहूर रहे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह भी महाराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. दरअसल, 80 के दशक में देश की राजनीति में चंद्रशेखर बड़े नाम थे. वे उत्तर प्रदेश के बलिया लोकसभा सीट से चुनाव जीतते थे. एक बार बिहार के तत्कालीन सीएम सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने कहा था कि चंद्रशेखर यदि इतने बड़े नेता हैं तो बिहार से चुनाव लड़ कर देख लें. लोग बताते हैं कि चंद्रशेखर ने इसे चुनौती के रूप में लेकर महाराजगंज से चुनाव लड़ा था.

इतना ही नहीं उन्होंने इस सीट से जीत भी दर्ज की थी.जिसके बाद इस सीट की चर्चा पूरे देश में हुई. जनता दल उम्मीदवार चंद्रशेखर को 3,82,488 वोट जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण प्रताप को 1,65,170 मतों से संतोष करना पड़ा था. हालांकि बाद में चंद्रशेखर ने महाराजगंज सीट को छोड़ दिया. जिससे फिर से उपचुनाव हुआ. इसमें रामबहादुर सिंह ने जीत दर्ज की थी.

महाराजगंज लोकसभा सीट का कैसा रहा इतिहास
महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया. महेंद्र नाथ सिंह यहां के पहले सांसद थे. इस लोकसभा सीट से अब तक सिर्फ सवर्ण उम्मीदवार ही जीतते आए हैं. इसमें सबसे अधिक बार 13 बार राजपूत सांसद रहे हैं. उसके बाद चार बार भूमिहार और एक बार कायस्थ को इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. महाराजगंज लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. इस सीट से कांग्रेस पांच बार जीत हासिल कर चुकी है. उसे लोकसभा चुनाव 1957, 1962, 1967, 1980 और 1984 में जीत मिल चुकी है. 

इसके बाद इस पार्टी को यहां से जीत नसीब नहीं हुई है. अब एक बार फिर कांग्रेस यहां से अपनी किस्मत आजमा रही है. पिछले दो चुनावों से यहां भगवा लहरा रहा है. जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बीजेपी का कमल खिला रहे हैं.लोकसभा चुनाव 1991 में महाराजगंज से जनता दल के टिकट पर गिरिजा देवी ने जीत दर्ज की थी. गिरिजा देवी बिहार सरकार में मंत्री और तब लालू यादव के बेहद करीबी रहे बैद्यनाथ पांडेय की पत्नी थीं.गिरिजा देवी के रूप में महाराजगंज को पहली महिला सांसद मिली.

कभी बाहुबली प्रभुनाथ सिंह का चलता था सिक्का
महाराजगंज लोकसभा सीट पर कभी बाहुबली प्रभुनाथ सिंह का सिक्का चलता था. प्रभुनाथ सिंह इस सीट से लोकसभा चुनाव 1998, 1999 और 2004 में जीत दर्ज कर हैट्रिक लगा चुके हैं.  प्रभुनाथ सिंह ने 2013 के उपचुनाव में भी जीतकर महाराजगंज से सबसे अधिक बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी के जनार्दन सिग्रीवाल ने प्रभुनाथ सिंह को हराकर उनका गढ़ छीना था.

महाराजगंज से कब और किसने दर्ज की जीत
1957: महेंद्र नाथ सिंह, कांग्रेस
1962: कृष्णकांत सिंह, कांग्रेस
1967: मृत्युंजय प्रसाद, कांग्रेस
1971: रामदेव सिंह, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी 
1977: रामदेव सिंह, जनता दल 
1980: कृष्ण प्रताप सिंह, कांग्रेस 
1984: कृष्ण प्रताप सिंह, कांग्रेस
1989: चंद्र शेखर सिंह, जनता दल
1989: राम बहादुर सिंह, जनता दल (उपचुनाव)
1991: गिरिजा देवी, जनता दल
1996: राम बहादुर सिंह, समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय)
1998: प्रभुनाथ सिंह, जदयू
1999: प्रभुनाथ सिंह, जदयू
2004: प्रभुनाथ सिंह, जदयू
2009: उमा शंकर सिंह, आरजेडी 
2013: प्रभुनाथ सिंह, आरजेडी (उपचुनाव)
2014: जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बीजेपी
2019: जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बीजेपी

लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कैसा रहा था जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 महाराजगंज सीट से बीजेपी उम्मीदवार जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने आरजेडी के नेता प्रभुनाथ सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी. सिग्रीवाल को 3,20,753 वोट मिले थे जबकि प्रभुनाथ सिंह को 2,82,338 मतों से संतोष करना पड़ था.जदयू उम्मीदवार मनोरंजन सिंह को 1,49,483 वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव 2019 में भी इस सीट से कमल खिला. बीजेपी के उम्मीदवार जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने दूसरी बार जीत दर्ज की थी. सिग्रीवाल को 5,46,352 वोट मिले थे. उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी रणधीर सिंह को 2,30,772 वोटों से हराया था. रणधीर सिंह को 3,15,580 वोट मिले थे. 

महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल इतनी हैं विधानसभा सीटें 
सीवान और सारण जिले के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र को बनाया गया है. यहां कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इसमें सारण जिले की चार और सीवान की दो विधानसभा सीटें शामिल हैं. सारण जिले का तरैया, बनियापुर, एकमा और मांझी विधानसभा क्षेत्र जबकि सीवान जिले का गोरियाकोठी और महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र इसमें शामिल है. गोरियाकोठी और तरैया सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि एकमा और बनियापुर से आरजेडी के विधायक हैं. महाराजगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस और मांझी विधानसभा सीट पर सीपीएम का कब्जा है.

क्या है जातीय समीकरण 
राजपूतों की अधिक संख्या के कारण महाराजगंज को औरंगाबाद के बाद बिहार का दूसरा चित्तौड़गढ़ कहा जाता है. यहां लोकसभा चुनाव में राजपूत प्रत्याशियों का ही सिक्का चलता है. चंद्रशेखर, रामबहादुर सिंह, प्रभुनाथ सिंह जैसे बड़े नेता यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं. पिछले दो चुनावों से बीजेपी के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बाजी मार रहे हैं. महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में में मतदाताओं की कुल संख्या 19 लाख 31 हजार 8 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 6 हजार 87 है जबकि महिला वोटर 9 लाख 24 हजार 921 है.

जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे अधिक राजपूत मतदाता हैं. जिनकी संख्या करीब 4 लाख 38 हजार है. इसके बाद दूसरे नंबर पर भूमिहार मतदाता हैं. इनकी संख्या 4 लाख से कुछ ज्यादा है. 2 लाख 75 हजार ब्राह्मण और करीब ढाई लाख यादव मतदाता हैं. कुर्मी-कोइरी, एससी-एसटी और वैश्य मतदाता भी 3 लाख 90 हजार के पार हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 75 हजार है. 

 

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