Muzaffarnagar Lok Sabha Seat: बीजेपी के पास हैट्रिक का मौका, जाटलैंड के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का इतिहास जानिए

Lok Sabha Election 2024: मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) को 5-5 बार जीत मिली है. जबकि समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को एक-एक बार जीत मिली है. इस सीट पर मुस्लिम और जाट वोटर्स की बहुलता है. हार-जीत का समीकरण इन दो समुदायों के हाथों में रहता है.

Muzaffarnagar Lok Sabha Seat
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके में है. इस क्षेत्र को जाटलैंड के नाम से भी जानते हैं. बीजेपी के पास इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है. इस सीट से चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि उनको जीत नहीं मिल पाई थी. इस लोकसभा क्षेत्र में जाट और मुस्लिम वोटर्स की बहुलता है. चलिए आपको इस लोकसभा सीट के जातीय समीकरण और इतिहास बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर से संजीव बालियान को मैदान में उतारा है. पिछली बार यानी साल 2019 आम चुनाव में बालियान ने मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. उधर, इंडिया गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी ने हरेंद्र मलिक को उम्मीदवार बनाया है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने दारासिंह प्रजापति को टिकट दिया है.

2019 आम चुनाव में बीजेपी की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार संजीव बालियान ने आरएलडी मुखिया चौधरी अजीत सिंह को हराया था. बालियान को 5 लाख 73 हजार 780 वोट मिले थे. जबकि चौधरी अजीत सिंह को 5 लाख 67 हजार 254 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर नोटा का 5061 वोट मिले थे.

मुजफ्फरनगर सीट का इतिहास-
मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से साल 1952 आम चुनाव में कांग्रेस के 3 उम्मीदवार चुने गए थे. इसमें हीरावल्लभ त्रिपाठी, सुंदर लाल और अजित प्रसाद जैन शामिल थे. इसके बाद साल 1957 और साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के सुमत प्रसाद सांसद चुने गए. लेकिन साल 1967 आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.

साल 1967 लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के लताफत अली खान को जीत मिली. साल 1971 आम चुनाव में सीपीआई के विजयपाल सिंह को जीत मिली. साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के सईद मुर्तजा सांसद चुने गए. साल 1980 आम चुनाव में जनता पार्टी (सेकुलर) के गयूर अली खान और साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के धर्मवीर सिंह त्यागी सांसद चुने गए.

साल 1996 में पहली बार इस सीट से बीजेपी को जीत मिली. बीजेपी के नरेश बालियान ने जीत दर्ज की. अगले चुनाव यानी साल 1998 चुनाव में बीजेपी के सोहनवीर सिंह सांसद चुने गए. लेकिन साल 1999 में एक बार फिर कांग्रेस के एस सईदुज्जमां ने जीत हासिल की.

साल 2004 आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुव्वर हसन को जीत मिली. इसके बाद साल 2009 में बीएसपी के कादिर राणा विजयी हुए. साल 2014 और साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के संजीव बालियान को जीत मिली.

5 विधानसभा सीटों का गणित-
मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत 5 विधानसभाएं आती हैं. इसमें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली और सरधना शामिल है. साल 2022 विधानसभा चुनाव में 2-2 सीटों पर आरएलडी और समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गए. जबकि एक सीट पर बीजेपी को जीत मिली. बीजेपी के कपिल देव अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर सीट से जीत दर्ज की. जबकि समाजवादी पार्टी के अतुल प्रधान ने सरधना और पंकज मलिक ने चरथावल से जीत हासिल की है. आरएलडी के राजपाल सिंह बालियान बुढ़ाना से और मदन भैया खतौली से विधायक चुने गए हैं.

इस सीट का जातीय समीकरण-
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख वोटर हैं. जिसमें सबसे ज्यााद मुस्लिम वोटर्स की संख्या है. इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 20 फीसदी है. जबकि जाट वोटर्स की संख्या 12 फीसदी है. इस सीट पर एससी/एसटी मतदाताओं की संख्या 18 फीसदी है. इस सीट पर मुस्लिम और जाट वोटर सियासी समीकरण बनाते और बिगाड़ते हैं.

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