प्रयागराज लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में है. प्रयागराज शहर (जिसे पहले इलाहाबाद कहा जाता था) तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित है. इस संसदीय क्षेत्र ने कई बड़ी शख्सियतों को सदन पहुंचाया है. लाल बहादुर शास्त्री और विश्वनाथ प्रताप सिंह ने प्रयागराज लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया था. अगर जिले के हिसाब से देखा जाए तो इसमें दो लोकसभा सीट फूलपुर और प्रयागराज पड़ता है. प्रयागराज सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रेस को 7 बार जीत मिली है. जबकि बीजेपी को 5 बार जीत हासिल हुई है. चलिए आपको प्रयागराज सीट का समीकरण और इसका इतिहास बताते हैं.
किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
उत्तर प्रदेश में दो गठबंधन एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) गठबंधन आमने-सामने हैं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) अकेले चुनावी मैदान में है. प्रयागराज लोकसभा सीट के लिए अब तक किसी भी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पार्टियां उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर देंगी.
साल 2019 में बीजेपी ने दर्ज की थी जीत-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी ने जीत दर्ज की थी. जोशी को 494454 वोट मिले थे. जबकि उनको निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के राजेंद्र सिंह पटेल थे, जिनको 3 लाख 10 हजार 179 वोट मिले थे. इस सीट पर तीसरे नंबर कांग्रेस के योगेश शुक्ला 31953 वोट हासिल हुए थे.
कांग्रेस का दबदबा, बीजेपी को 5 बार जीत-
प्रयागराज लोकसभा सीट से कांग्रेस को सबसे ज्यादा 7 बार जीत मिली है. जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP)को 5 बार जीत हासिल हुई है. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार दो बार विजयी हुए हैं. इस सीट से साल 1952 में कांग्रेस के श्रीप्रकाश सांसद चुने गए थे. जबकि साल 1957 और साल 1962 में लाल बहादुर शास्त्री सांसद चुने गए. साल 1967 में उनके बेटे हरिकृष्ण शास्त्री को जीत मिली. साल 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा चुनाव जीतकर सदन पहुंचे. साल 1977 में जनता पार्टी के जनेश्वर मिश्रा सांसद चुने गए. साल 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह सांसद चुने गए. साल 1984 में कांग्रेस के टिकट पर अमिताभ बच्चन सांसद बने. साल 1988 में उपचुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए. इसके बाद साल 1989 में जनता दल के जनेश्वर मिश्रा और साल 1991 में सरोज दुबे ने जीत हासिल की.
इस सीट पर साल 1996 के चुनाव में बीजेपी को पहली बार जीत मिली. मुरली मनोहर जोशी सांसद चुने गए. साल 1998 और 1999 चुनाव में भी मुरली मनोहर जोशी को जीत मिली. लेकिन साल 2004 आम चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी का खाता खुला. रेवती रमण सिंह ने जीत हासिल की. साल 2009 में भी रेवती रमण सिंह ने जीत का परचम लहराया.
साल 2014 आम चुनाव में एक बार फिर बीजेपी को जीत मिली. इस बार बीजेपी ने श्यामा चरण गुप्ता को मैदान में उतारा था. बीजेपी की जीत का सिलसिला साल 2019 आम चुनाव में भी जारी रहा. पार्टी ने इस बार रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा था.
प्रयागराज सीट का जातीय समीकरण-
प्रयागराज लोकसभा सीट पर ब्राह्मण,कुर्मी, यादव और मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता है. एक अनुमान के मुताबिक 2.35 लाख ब्राह्मण, 2 लाख मुस्लिम, 2.10 कुर्मी और सवा लाख यादव वोटर हैं. इसके अलावा 50-50 हजार राजपूत और भूमिहार हैं. इस सीट पर डेढ़ लाख वैश्य, 80 हजार मौर्य और कुशवाहा, एक लाख कोल, .125 निषाद-बिंद, एक लाख विश्वकर्मा और प्रजापति वोटर हैं. इस सीट पर 40 हजार पाल बिरादरी का भी वोट है.
कई दिग्गज इस सीट से बने सांसद-
प्रयागराज लोकसभा सीट से देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह सांसद चुने गए हैं. जबकि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी एक बार संसद में प्रयागराज का प्रतिनिधित्व किया है. दिग्गजों की लिस्ट में पुरषोत्तम दास टंडन से लेकर हेमवती नंदन बहुगुणा और छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्रा का नािम भी शामिल है.
5 विधानसभा सीटों का क्या है गणित-
प्रयागराज लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभाएं आती हैं. इसमें मेजा, करछना, प्रयागराज दक्षिण, बारा और कोरांव शामिल है. साल 2022 विधानसभा चुनावव में 4 सीटों पर एनडीए और एक सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है. मेजा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के संदीप सिंह पटेल और बारा सीट से अपना दल की वाचस्पति ने जीत हासिल की है. इसके अलावा 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. करछना से पीयूष रंजन निषाद, कोरांव से राजमणि कोल और प्रयागराज दक्षिण से नंद गोपाल गुप्ता विधायक चुने गए हैं.
ये भी पढ़ें: