Raipur Lok Sabha Seat: 28 साल से बीजेपी का कब्जा, 6 बार सांसद रहे रमेश बैस... जानें रायपुर लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: रायपुर लोकसभा सीट पर लगातार 28 सालों से BJP का कब्जा है. इस सीट पर बीजेपी के रमेश बैस 7 बार सांसद चुने गए हैं. आजादी के बाद लगातार 5 आम चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. इस सीट पर कुर्मी, सतनामी और साहू वोटर्स का दबदबा है.

Raipur Lok Sabha Seat
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

रायपुर लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ में है. यह शहर सूबे की राजधानी है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दबदबा है. बीजेपी ने इस सीट पर 9 बार जीत हासिल की है. बीजेपी के रमेश बैस 7 बार सांसद चुने गए हैं. इस सीट पर कुर्मी, साहू और सतनामी समुदाय की वोटर्स की बहुलता है.

बीजेपी को मिली बड़ी जीत-
आम चुनाव 2024 में रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 5.75 लाख वोटों से हराया है. बृजमोहन अग्रवाल को 10.50 लाख वोट मिले. जबकि विकास उपाध्याय को 4.75 लाख हासिल हुए.

2019 आम चुनाव का रिजल्ट-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर बहुत बड़ी जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार सुनील सोनी ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद दुबे को 3 लाख 48 हजार 238 वोटों से हराया था. सुनील सोनी को 8 लाख 37 हजार 902 वोट मिले थे, जबकि प्रमोद दुबे को 4 लाख 89 हजार 664 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे.

रायपुर सीट का इतिहास-
इस सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए थे. पहली बार कांग्रेस के भूपेंद्र नाथ मिश्रा ने जीत दर्ज की थी. साल 1957 लोकसभा चुनाव में बीरेंद्र बहादुर सिंह सांसद चुने गए. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर केशर कुमारी देवी ने जीत हासिल की थी. साल 1967 चुनाव में कांग्रेस के लखन लाल गुप्ता सांसद चुने गए. साल 1971 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल ने जीत दर्ज की.

रायपुर में पहली बार 25 साल बाद पहली बार साल 1977 में गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार सांसद बना. साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस (आई) ने वापसी की और केयूर भूषण सांसद चुने गए. साल 1984 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर केयूर भूषण सांसद बने.

साल 1989 आम चुनाव में बीजेपी को पहली बार इस सीट पर जीत मिली थी. बीजेपी के रमेश बैस ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1991 चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार विद्याचरण शुक्ल सांसद चुने गए.

साल 1996 आम चुनाव के बाद से अब तक बीजेपी लगातार जीत हासिल कर ही है. साल 1996 चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार रमेश बैस सांसद चुने गए. इसके बाद रमेश बैस ने साल 1998, साल 1999, साल 2004, साल 2009 और साल 2014 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने सुनील कुमार सोनी को उम्मीदवार बनाया. उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की.

9 विधानसभा सीटों का गणित-
रायपुर लोकसभा सीट के तहत 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें बलौदाबाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर दक्षिण, आरंग और अभनपुर विधानसभा सीट शामिल है. विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि कांग्रेस को भाटापारा सीट पर जीत मिली, जहां से इंदर कुमार साव विधायक चुने गए. बलौदाबाजार से टंकराम वर्मा, धरसीवां से अनुज शर्मा, रायपुर शहर ग्रामीण से मोतीलाल  साहू, रायपुर शहर पश्चिम से राजेश मूणत, रायपुर शहर उत्तर से पुरंदर मिश्रा, रायपुर शहर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, आरंगा से गुरु खुशवंत साहब और अभनपुर से इंद्र कुमार साहू विधायक चुने गए हैं.

रायपुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण-
रायपुर लोकसभा सीट पर कुर्मी, साहू और सतनामी वोटर्स की बहुलता है. इन तीनों जातियों के वोटर्स की संख्या 8 लाख से ज्यादा है. 2011 जनगणना के मुताबिक इस सीट पर 3.6 लाख से अधिक अनुसूचित जाति (ST) के वोटर हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) वोटर्स की संख्या 1.28 लाख के करीब है. इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 88 हजार के करीब है.

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