Sitamarhi Lok Sabha Seat: जदयू के Devesh Chandra Thakur और आरजेडी के Arjun Rai में टक्कर, क्या लगातार चौथी बार सीतामढ़ी में जीत का परचम लहराएगा NDA, जानें इस सीट का इतिहास

Bihar Lok Sabha Election 2024: Sitamarhi लोकसभा सीट पर भी अन्य जगहों की तरह NDA और India Alliance के बीच सीधी टक्कर है. एनडीए में शामिल जेडीयू ने यहां से विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं महागठबंधन में शामिल आरजेडी ने इस बार भी अर्जुन राय पर भरोसा जताया है.

Sitamarhi Lok Sabha Seat
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST
  • पांचवें चरण में 20 मई को सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर डाले जाएंगे वोट
  • जदयू और राजद में है सीधी टक्कर

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) का महासंग्राम जारी है. एनडीए (NDA) हो या इंडिया (INDIA) गठबंधन से जुड़ी पार्टियां, सभी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. चार चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. पांचवें फेज में 20 मई को मतदान होना है. इसी चरण में बिहार की सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे. हम आपको आज सीतामढ़ी लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं.

जदयू ने देवेश चंद्र ठाकुर पर खेला है दांव
इस बार बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू एनडीए का हिस्सा है तो वहीं लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पार्टी आरजेडी (RJD) India Alliance के तहत चुनाव लड़ रही है. सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता सुनील कुमार पिंटू वर्तमान में सांसद हैं. हालांकि इस बार उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया.

जदयू ने पिंटू का टिकट काटकर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) पर भरोसा जताया है तो वहीं राजद ने इस बार भी 2019 में चुनाव लड़नेवाले अर्जुन राय (Arjun Rai) को ही चुनावी मैदान में उतारा है. देवेशचंद्र ठाकुर की जहां छवि साफ-सुथरी है. वह विधान परिषद के सभापति भी हैं. वहीं अर्जुन राय लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से सांसद रह चुके हैं. दोनों प्रत्याशियों की इलाके में छवि और पकड़ के अलावा यहां अयोध्या में राममंदिर का निर्माण सबसे बड़ा मुद्दा है.

आचार्य जेबी कृपलानी बने थे पहले सांसद
सीतामढ़ी लोकसभा सीट 1957 में हुए देश के दूसरे आम चुनाव से अस्तित्व में आई. पहले यह सीट मुजफ्फरपुर पूर्वी के रूप में जानी जाती थी. सीतामढ़ी लोकसभा सीट का पहला सांसद बनने का गौरव प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता आचार्य जेबी कृपलानी को प्राप्त है. उन्होंने लोकसभा चुनाव 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मदीवार के तौर पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस हाशिए पर चली गई. इमरजेंसी से पहले इस सीट पर कांग्रेस ने तीन बार जीत दर्ज की थी. 

इमरजेंसी के बाद कांग्रेस का दबदबा कम हो गया. वर्तमान में  सीतामढ़ी लोकसभा सीट एनडीए का मजबूत किला है. यहां से लगातार तीन बार एनडीए उम्मीदवार को जीत मिल चुकी है. अब चौथी बार विजय पताका फहराने की तैयारी है. एनडीए के घटक के रूप में जदयू ने सबसे पहले लोकसभा चुनाव 1999 सीतामढ़ी सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि 2004 में यहां एनडीए की हार हुई लेकिन उसके बाद से एनडीए ही जीतती आई है. अब देखना है कि राजद के अर्जुन राय इस किले को फतह कर पाते हैं या एनडीए का ही कब्जा जारी रहेगा. 

सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से कब और किसने दर्ज की जीत
लोकसभा चुनाव 1957 में सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) के उम्मदीवार जेबी कृपलानी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद के तीन लोकसभा चुनाव 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर नागेंद्र प्रसाद यादव विजयी हुए थे. 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनावों में यहां से कांग्रेस की जीत का सिलसिला टूटा.लोकसभा चुनाव 1977 में भारतीय लोकदल (BLD) के उम्मीदवार श्याम सुंदर दास ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद फिर एक बार कांग्रेस को जीत मिली. लोकसभा चुनाव 1980 में कांग्रेस उम्मीदवार बलिराम भगत ने जीत दर्ज की. 

लोकसभा चुनाव 1984 में कांग्रेस के रामश्रेष्ठ खिरहार विजयी हुए थे. लोकसभा चुनाव 1989 में जनता दल के हुकुमदेव नारायण को जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव 1991 और 1996 में सीतामढ़ी के लोगों ने जनता दल के नवल किशोर को अपना सांसद चुना था. लोकसभा चुनाव 1998 में आरजेडी के सीताराम जीत दर्ज करने में सफल हुए थे. लोकसभा चुनाव 1999 में जदयू के नवल किशोर विजयी हुए थे. लोकसभा चुनाव 2004 में आरजेडी के उम्मीदवार सीताराम को जीत नसीब हुई थी. लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू उम्मीदवार अर्जुन रॉय ने जीत का परचम लहराया था.

लोकसभा चुनाव 2014 में RLSP को मिली थी जीत
लोकसभा चुनाव 2014 में सीतामढ़ी लोकसभा सीट से एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के उम्मीदवार राम कुमार शर्मा ने जीत दर्ज की थी. राम कुमार शर्मा ने आरजेडी उम्मीदवार सीताराम यादव को 1,47,965 वोटों से हराया था. राम कुमार शर्मा को कुल 4,11,265 वोट मिले थे. सीता राम यादव को 2,63,300 मतों से संतोष करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव 2014 अर्जुन राय ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था. अर्जुन राय को मात्र 87,188 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार किशोरी दास ने 18,043 वोट हासिल किए थे.

2019 के चुनाव में कैसा रहा था जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में सीतामढ़ी लोकसभा सीट से जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार अर्जुन राय को हराया था. इस सीट पर जीत का अंतर 2,50,539 था. जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू को 5,67,745 वोट मिले थे. आरजेडी प्रत्याशी आर्जुन राय को 3,17,206 मतों से संतोष करना पड़ा था. 

सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में कितनी हैं विधानसभा सीटें
सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं. वर्तमान में 6 विधानसभा सीटों में से तीन पर बीजेपी (BJP), दो पर जेडीयू और एक सीट पर आरजेडी का कब्जा है. सीतामढ़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के मिथिलेश कुमार विधायक हैं. बथनहा विधानसभा सीट से बीजेपी के अनिल कुमार विधायक हैं. परिहार विधानसभा सीट से बीजेपी की गायत्री देवी विधायक हैं. सुरसंड विधानसभा सीट से जदयू के दिलीप राय विधायक हैं. रुन्नीसैदपुर विधानसभा सीट से जदयू के पंकज मिश्रा विधायक हैं.बाजपट्टी विधानसभा सीट से आरजेडी के मुकेश कुमार यादव विधायक हैं. 

क्या है जातीय समीकरण 
सीतामढ़ी लोकभ सभा क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 19 लाख 24 हजार 566 है. इसमें पुरुष मतदाता 10 लाख 15 हजार 642 और महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 8 हजार 924 है. यहां सबसे अधिक वैश्य मतदाता हैं. इनकी संख्या 5 लाख 30 हजार है. अति पिछड़ा मतदाताओं की संख्या 2 लाख 90 हजार है. मुस्लिम मतदाता करीब ढाई लाख और यादव मतदाता 2 लाख 10 हजार हैं. कुर्मी-कोइरी मिलकर करीब 1 लाख 30 हजार हैं. यहां सवर्ण मतदाताओं की संख्या 2 लाख 60 हजार और दलित-महादलित मतदाताओं की संख्या भी सवर्ण वोटरों के बराबर ही है.

 

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