Supaul Lok Sabha Seat: Nitish Kumar ने फिर जताया है  Dileshwar Kamat पर भरोसा, Lalu Yadav ने Chandrahas Chaupal को दिया है मौका, जानिए सुपौल लोकसभा सीट का इतिहास

Lok Sabha Election 2024 Supaul Seat: सुपौल लोकसभा सीट से नीतीश कुमार ने एक बार फिर वर्तमान सांसद दिलेश्वर कामत पर भरोसा जताया है. लालू प्रसाद यादव ने यहां से चंद्रहास चौपाल को चुनावी मैदान में उतारा है. लोकसभा चुनाव 2024 में जदयू सुपौल से जहां लगातार दूसरी बार जीत का स्वाद चखना चाह रही है, वहीं आरजेडी जोरदार टक्कर देने के मूड में है. 

Supaul Lok Sabha Seat
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
  • सुपौल में तीसरे चरण में 7 मई 2024 को होना है मतदान 
  • 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सुपौल लोकसभा सीट

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) सात चरणों में होना है. दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. तीसरे चरण का चुनाव 7 मई 2024 को होना है. सत्तारूढ एनीडए (NDA) और विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) से जुड़ी पार्टियां जी-जान से जीत दर्ज करने में जुटी हुई हैं. तीसरे फेज में बिहार की कुल पांच सीटों पर मतदान होना है. आज हम आपको सुपौल लोकसभा सीट का जातीय समीकरण और इतिहास बताने जा रहे हैं.

इस बार इतने उम्मीदवार आजमा रहे अपनी किस्मत 
सुपौल लोकसभा सीट एनडीए (NDA) गठबंधन की तरफ से इस बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU) के खाते में गई है. जदयू ने यहां से वर्तमान सांसद दिलेश्वर कामत (Dileshwar Kamat) को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. उधर, इंडिया अलायंस की तरफ से यह सीट लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पार्टी राजद (RJD) के खाते में गई है. राजद ने यहां से  मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर से विधायक चंद्रहास चौपाल को टिकट दिया.  

इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी से किरण देवी, प्राउटिस्ट ब्लॉक इंडिया पार्टी से रमेश कुमार आनंद, जयहिन्द पार्टी से उमेश प्रसाद साह, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी से मो. कलीम खान, प्राउटिस्ट सर्वसमाज से विंदेश्वरी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनके अलावा कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

सुपौल के पहले सांसद हैं जदयू के विश्व मोहन कुमार
सुपौल लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. इससे पहले सुपौल सहरसा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था. सुपौल लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव 2009 में हुआ था. इस क्षेत्र से पहले सांसद बनने का गौरव जदयू के विश्व मोहन कुमार को मिला था. इस सीट पर अब तक कुल तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इस सीट से लगातार दूसरी बार किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली है. यहां से फिलहाल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से दिलेश्वर कामत सांसद हैं. अब देखना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में क्या कामत दूसरी बार जीतकर इतिहास बना पाते हैं. 

मोदी लहर में रंजीत रंजन ने दर्ज की थी जीत 
लोकसभा चुनाव 2009 में सुपौल से जदयू के विश्व मोहन कुमार सांसद बने थे. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) को हाराया था. विश्व मोहन कुमार को कुल 3,13,677 वोट मिले थे. वहीं रंजीत रंजन को 1,47,602 वोट से संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में लोजपा उम्मीदवार सूर्य नारायण यादव को 93094 वोट मिले थे. इस सीट पर 54.52 प्रतिशत मतदान हुए थे. इसके बाद सुपौल लोकसभा क्षेत्र बार 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ. 

इस बार पूरे देश में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रंजीत रंजन ने जदयू उम्मीदवार दिलेश्वर कामत को पराजित किया था. रंजीत रंजन को 34.30 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 3,32,927 मत मिले थे. दिलेश्वर कामत को 28.15 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 2,73,255 मत मिले थे. इस तहर से रंजीत रंजन ने दिलेश्वर कामत को 59,672 वोटों के अंतर से हराया था. इसी चुनाव में तीसरे स्थान पर बीजेपी (BJP) उम्मीदवार कमलेश्वर चौपाल रहे थे. उन्हें 2,49,693 वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव 2014 में सुपौल सीट पर 63.62 प्रतिशत मतदान हुआ था.

2019 में दिलेश्वर कामत ने इतने वोटों से पाई थी विजय
लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू उम्मीदवार दिलेश्वर कामत ने रंजीत रंजन से हार का बदला लिया था. उन्होंने सुपौल लोकसभा सीट से 266,853 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. उन्हें 54.00 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 597,377 मत मिले थे. कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन को 29.75 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कुल 330,524 मत मिले थे.निर्दलीय उम्मीदवार विश्व मोहन कुमार 23,045 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. इस सीट पर 65.72 फीसदी वोटिंग हुई थी.

कुल इनती हैं विधानसभा सीटें
सुपौल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से 5 विधानसभा सीटें सुपौल जिले में और एक विधानसभा क्षेत्र मधेपुरा जिले में है. 2020 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक चार सीटों पर जदयू , 1 सीट पर बीजेपी और एक सीट पर आरजेडी को जीत मिली थी. सुपौल विधानसभा क्षेत्र से जदयू के बृजेंद्र प्रसाद यादव, निर्मली से जदयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव, पिपरा से जदयू के रामविलास कामत और त्रिवेणीगंज से जदयू की वीना भारती विधायक हैं. छातापुर विधानसभा सीट बीजेपी के पास है. यहां से नीरज कुमार सिंह विधायक हैं. मधेपुरा जिले में स्थित सिंघेश्वर विधानसभा सीट से आरजेडी के चंद्रहास चौपाल विधायक हैं.

क्या है जातीय समीकरण 
सुपौल लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान विकास के मुद्दों पर जातीय गोलबंदी हावी रहती है. यहां हुए तीन लोकसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालने पर मालूम चलता है कि अति पिछड़ा व यादव बहुल इस इलाके में जातीय समीकरण ही प्रबल रहे हैं. सुपौल संसदीय क्षेत्र में वैसे तो यादव, ब्राह्मण, राजपूत और मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव है, लेकिन यहां भी पचपनिया मतदाताओं की संख्या 40-45 प्रतिशत है. ये मतदाता चुनाव में जीत-हार में बड़ा फैक्टर साबित होते हैं.

इतने मतदाता चुनेंगे अपना सांसद
सुपौल लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख 17 हजार 809 है. इनमें सुपौल जिले की सभी विधानसभाओं में कुल मतदाता की संख्या 15 लाख 88 हजार 730 और मधेपुरा जिले स्थित सिंहेश्वर विधानसभा में मतदाताओं की संख्या तीन लाख 29 हजार 79 है. सुपौल जिले में 8 लाख 21 हजार 307 पुरुष और 7 लाख 67 हजार 392 महिला मतदाता हैं. इनमें नए मतदाताओं की संख्या 26,138 है. सिंहेश्वर विधानसभा में 1 लाख 70 हजार 755 पुरुष और 1 लाख 58 हजार 315 महिला मतदाता हैं.


 

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