Thiruvananthapuram Lok Sabha Seat: चौथी बार शशि थरूर की जीत, जानें क्या है तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट का समीकरण

Lok Sabha Election 2024: तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर कांग्रेस के शशि थरूर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी के राजीव चंद्रशेखरन को हराया है. तिरुवनंतपुरम सीट पर आजादी के बाद लगातार तीन चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.

Thiruvananthapuram Lok Sabha Seat
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट केरल में है. इस सीट पर पिछले तीन आम चुनावों से शशि थरूर का कब्जा है. चौथी बार भी शशि थरूर को जीत मिली है. इस सीट पर शुरुआती तीन चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. आजादी के 33 साल बाद इस सीट पर पहली बार कांग्रेस को जीत मिली थी. चलिए आपको तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.

शशि थरूर को मिली जीत-
लोकसभा चुनाव 2024 में तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस के शशि थरूर को जीत मिली है. उन्होंने बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर को 16 हजार वोटों से हराया है. शशि थरूर को 3.58 लाख वोट मिले. जबकि राजीव को 3.42 लाख वोट मिले.

2019 आम चुनाव में कांग्रेस की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में कांग्रेस को शशि थरूर ने जीत हासिल की थी. शशि थरूर ने बीजेपी के कुम्मनम राजशेखरन को हराया था. थरूर ने इस सीट पर 99 हजार 989 वोटों से जीत हासिल की थी. कांग्रेस उम्मीदवार को 4 लाख 16 हाजर 131 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 3 लाख 16 हजार 142 वोट मिले थे. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार सी. दिवाकरन को 2 लाख 58 हजार 556 वोट मिले थे.

लोकसभा सीट का इतिहास-
तिरुवनंतपुरम लोकभा सीट पर साल 1952 आम चुनाव में पहली बार वोट डाले गए थे. उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार एनी मास्कारेन ने जीत हासिल की थी. साल 1957 आम चुनाव में भी निर्दलीय ईश्वर अय्यर को जीत मिली थी. साल 1962 आम चुनाव में भी निर्दलीय उम्मीदवार पीएस नटराज पिल्लई सांसद चुने गए थे. लगातार तीन चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.

साल 1967 आम चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पी. विश्वम्भरन को जीत मिली थी. जबकि साल 1971 आम चुनाव में निर्दलीय वीके कृष्ण मेनन सांसद चुने गए. साल 1977 आम चुनाव में सीपीआई के एमएन गोविंदन नायर ने जीत हासिल की थी.

इस सीट पर कांग्रेस को पहली बार साल 1980 आम चुनाव में जीत मिली थी. कांग्रेस के नीललोहिथादासन नादर सांसद चुने गए थे. साल 1984 में कांग्रेस के ए. चार्ल्स सांसद चुने गए. चार्ल्स ने साल 1989 और साल 1991 आम चुनाव में भी जीत हासिल की थी.

सीपीआई ने केवी सुरेंद्रनाथ को जीत मिली थी. लेकिन साल 1998 चुनाव में कांग्रेस के के. करुणाकरण और साल 1999 में वीएस शिवकुमार सांसद चुने गए थे. साल 2004 आम चुनाव में सीपीआई के पीके वासुदेवन नायर ने जीत हासिल की थी.

साल 2009 आम चुनाव में कांग्रेस के शशि थरूर सांसद चुने गए. उसके बाद सा 2014 आम चुनाव और साल 2019 आम चुनाव में शशि थरूर ने फिर से जीत हासिल की.

7 विधानसभा सीटों का गणित-
तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें कजहाकूट्टम, वट्टियूरकावु, तिरुवनंतपुरम, निमोम, परसाला, परसाला, कोवलम और नेय्याट्टिनकारा सीटें शामिल हैं. इसमें से 5 सीटों पर जीत हासिल की और एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट जेकेसी को जीत मिली थी. कजहाकूट्टम से सीपीएम उम्मीदवार कडकमपल्ली सुरेंद्रन और वट्टियूरकावु से सीपीएम के वीके प्रशांत ने जीत हासिल की थी. जबकि निमोम से सीपीएम के वी. शिवनकुट्टी और परसाला से सीके हरेंद्रन विधायक चुने गए थे. तिरुवनंतपुरम सीट से जेकेसी के एंटनी राजू विधायक चुने गए. जबकि कोवलम से कांग्रेस के एम. विंसेंट और नेय्याट्टिनकारा से सीपीएम के के. अंसलन विधायक चुने गए.

क्या है जातीय समीकरण-
2011 जनगणना के मुताबिक अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या 9.5 फीसदी है. जबकि इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 9.1 फीसदी है. इस सीट पर ईसाई वोटर्स की संख्या 14 फीसदी है. तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर हिंदू वोटर्स की संख्या 76.8 फीसदी है.

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