Varanasi Lok Sabha Seat: BSP-SP को कभी नहीं मिली जीत, PM Modi के आने से बनी हॉट सीट, किस जाति का है बोलबाला... वाराणसी लोकसभा सीट का क्या है इतिहास, जानिए

Lok Sabha Elections 2024: वाराणसी लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. जिसमें 7-7 बार कांग्रेस और बीजेपी को जीत मिली है. इस सीट पर अब तक समाजवादी पार्टी और बीएसपी का खाता नहीं खुला है. साल 2014 और साल 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीट से चुनकर संसद पहुंचे. इस सीट पर कुर्मी, ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता है.

Varanasi Lok Sabha
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की सबसे हॉट सीट वाराणसी (Varanasi) है. इस सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तीसरी बार मैदान में हैं. इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. लेकिन अब तक एक बार भी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) को जीत नहीं मिली है. इस सीट पर सबसे ज्यादा जीत बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) को मिली है.

वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha Seat) पर 18.54 लाख वोटर हैं. इसमें से 10.27 लाख पुरुष और 8.29 लाख महिला वोटर्स हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार दो बार इस सीट से जीत हासिल की है. साल 2019 आम चुनाव में पीएम मोदी को वाराणसी में 6.74 लाख वोट मिले थे. चलिए आपको देश की सबसे हॉट सीटों में शुमार वाराणसी लोकसभा सीट के इतिहास के बारे में बताते हैं.

इस सीट पर कौन-कौन हैं उम्मीदवार-
वाराणसी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार इस सीट से मैदान में उतारा है. बीजेपी का अपना दल और एसबीएसपी से गठबंधन है. सूबे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है और ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है. कांग्रेस इस सीट से अजय राय को उम्मीदवार बना सकती है. जबकि बीएसपी की तरफ से भी अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है.

दो बार से पीएम मोदी की बड़ी जीत-
वाराणसी लोकसभा सीट से पिछले दो चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद चुने गए हैं. साल 2019 आम चुनाव में पीएम मोदी को 674664 वोट मिले थे यानी इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ने 63.9 फीसदी वोट हासिल किया था. दूसरे नंबर समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव थीं. उनको सिर्फ 195159 वोट यानी 18.5 फीसदी वोट मिले थे.

साल 2014 आम चुनाव में भी इस सीट से नरेंद्र मोदी को ही जीत मिली थी. इस चुनाव में उनको 581022 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) के अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) थे. केजरीवाल को 209238 वोट मिले थे. इस तरह से पीएम मोदी ने ये चुनाव 371784 वोटों से चुनाव जीत लिया था.

17 आम चुनाव में किस पार्टी को बढ़त-
वाराणसी लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. जिसमें से 7 बार कांग्रेस और 7 बार बीजेपी को जीत मिली है. सीपीएम (CPM) और जनता दल को एक-एक बार जीत हासिल हुई है. जबकि वाराणसी से एक बार भारतीय लोकदल का उम्मीदवार भी विजयी हुआ है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का अब तक इस सीट पर खाता नहीं खुला है. इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को कभी भी इस सीट पर जीत नहीं मिली है.

वाराणसी लोकसभा सीट के आंकड़े-
वाराणसी लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा इलाके आते हैं. इसमें रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और सेवापुरी शामिल हैं. साल 2022 विधानसभा चुनाव में सभी विधानसभा सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. 5 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर अपना दल के उम्मीदवार को जीत मिली है. रोहनिया से अपना दल के सुनील पटेल, वाराणसी उत्तर से बीजेपी के रवींद्र जायसवाल, वाराणसी दक्षिण से बीजेपी के नीलकंठ तिवारी, वाराणसी कैंट से बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव और सेवापुरी से बीजेपी के नील रतन सिंह पटेल ने जीत हासिल की है.

वाराणसी लोकसभा सीट का इतिहास-
साल 1951-52 में जब पहली बार देश में आम चुनाव हुए थे तो वाराणसी में तीन लोकसभा सीटें थी. ये सीटें बनारस मध्य, बनारस पूर्व और बनारस-मिर्जापुर थी. साल 1952 आम चुनाव में इस इलाके से रघुनाथ सिंह और त्रिभुवन नारायण सिंह ने जीत हासिल की थी. साल 1957 और साल 1962 आम चुनाव में वाराणसी सीट से कांग्रेस नेता रघुनाथ सिंह सांसद चुने गए. साल 1967 में सीपीएम के सत्य नारायण सिंह ने चुनाव जीता. लेकिन साल 1971 में कांग्रेस के राजाराम शास्त्री सांसद बने.

साल 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में इस सीट से जनता दल के उम्मीदवार चंद्रशेखर ने जीत हासिल की थी. 1980 आम चुनाव में एक बार फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. इस सीट से कमलापति त्रिपाठी ने जीत हासिल की. लेकिन 1984 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल दिया और श्यामलाल यादव को मैदान में उतारा. इस बार श्यामलाल यादव सांसद चुने गए. लेकिन साल 1989 में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री को जनता दल ने मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की.

साल 1991 में बीजेपी के शिरीष चंद्र दीक्षित ने जीत हासिल की. इसके बाद लगातार तीन चुनाव साल 1996, 1998 और 1999 में बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल सांसद चुने गए. साल 2004 में कांग्रेस के राजेश मिश्रा ने जीत हासिल की और साल 2009 में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी को जीत मिली. साल 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

वाराणसी सीट का जातिगत समीकरण-
वाराणसी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य, कुर्मी वोटर्स काफी संख्या में हैं. मुस्लिम मतदाताओं की भी संख्या काफी अहम है. एक अनुमान के मुताबिक वाराणसी में 3 लाख ब्राह्मण और 3 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं. इसके अलावा 3 लाख गैर-यादव ओबीसी वोटर हैं. जबकि 2 लाख से ज्यादा कुर्मी मतदाता हैं. इस सीट पर 2 लाख वैश्य वोटर के अलावा डेढ़ लाख भूमिहार वोट हैं. इस सीट पर एक लाख यादव और एक लाख अनुसूचित जातियों के वोटर्स हैं.

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