Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में जहां एनडीए (NDA) हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, वहीं इंडिया गठबंधन (India Alliance) से जुड़ी पार्टियां उलटफेर करने की फिराक में हैं. चार चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. पांचवें फेज का चुनाव 20 मई को होना है. आज हम आपको बिहार की सबसे हॉट सीट सीवान लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं. यहां छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है.
इस बार कौन-कौन ठोक रहे ताल
इस बार भी सीवान लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन के तहत नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) के खाते में है, वहीं इंडिया गठबंधन से जुड़ी लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी (RJD) के खाते में यह सीट है. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने यहां से मौजूदा सांसद कविता सिंह का टिकट काटकर विजयलक्ष्मी देवी पर भरोसा जताया है. पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं विजयलक्ष्मी. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सीवान सदर विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब यहां से व निर्दलीय ताल ठोक रही हैं.
...तो जदयू और आरजेडी में होती सीधी टक्कर
हिना शहाब यदि चुनावी मैदान में नहीं होतीं तो जदयू और आरजेडी में सीधी टक्कर होती लेकिन हिना शहाब के आने बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.हिना शहाब के साथ आज भी एक बड़ा वोट बैंक है. शहाबुद्दीन के भरोसेमंद लोग आज भी उनके साथ हैं. इस त्रिकोणीय मुकाबले में अवध बिहारी चौधरी को मुख्य रूप से यादव वोटर्स का समर्थन मिलने की संभावना है.
अब यहां देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम मतदाता राजद के साथ जाते हैं या फिर हिना शहाब के साथ. दूसरी तरफ अगड़ी जाति के मतदाता जदयू-भाजपा के उम्मीदवार को कितना वोट करते हैं. लेकिन इतना तो जरूर कहना होगा कि हिना शहाब ने निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदकर लालू की पार्टी को परेशानी में डाल दिया है. हिना शहाब तीन बार सीवान से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. वह चौथी बार अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
सीवान से इस बार कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. अवध बिहारी चौधरी, विजयलक्ष्मी देवी, हिना शहाब के अलावा बहुजन समाज पार्टी से दिलीप कुमार सिंह, भारतीय लोक नायक पार्टी से संजय कुमार साह चुनावी मैदान में हैं. जीवन कुमार निर्दलीय, दिलीप कुमार सिंह निर्दलीय, देवकांत मिश्रा निर्दलीय, प्रकाशमणि तिवारी निर्दलीय, प्रमोद कुमार निर्दलीय, महेन्द्र सिंह उर्फ महेन्द्र राय निर्दलीय, डॉ.रविन्द्र नाथ शुक्ल निर्दलीय, सत्येन्द्र कुशवाहा निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं.
कभी शहाबुद्दीन का था दबदबा
एक समय सीवान में बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का बोलबाला था. राजनीति में एमए और पीएचडी करने वाले शहाबुद्दीन ने बाहुबल के जरिए सीवान में अपना दबदबा कायम किया था. वह यहां से 1996 से लगातार चार बार सांसद बने थे. सीवान के चर्चित तेजाब कांड में शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सजा होने के बाद यहां की सियासी तस्वीर में बड़ा बदलाव देखने को मिला. शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद ओम प्रकाश यादव ने 2009 में यहां से जीत दर्ज की थी. साल 2021 में कोरोना की वजह से शहाबुद्दीन की मौत के बाद इस बार लोकसभा चुनाव में सीवान की पूरी फिजा बदली हुई है. उनकी पत्नी हिना शहाब से आरजेडी ने दूरी बना ली है.
सीवान लोकसभा सीट का कैसा रहा इतिहास
सीवान लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई. सीवान में शुरुआती चार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 1957 में यहां सबसे पहले हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की और झूलन सिन्हा सीवान के पहले सांसद बने. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद यूसुफ ने बाजी मारी थी.
लोकसभा चुनाव 1977 में कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी हुई. यहां के लोगों ने जनता पार्टी के मृत्युंजय प्रसाद को अपना सांसद चुना. लोकसभा चुनाव 1980 में कांग्रेस की टिकट पर मोहम्मद यूसुफ फिर सांसद बने. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल गफूर ने जीत दर्ज की. अब्दुल गफूर सूबे के मुख्यमंत्री बने और केंद्रीय मंत्री पद पर भी रहे. अब्दुल गफूर बिहार विधान परिषद के सभापति भी रह चुके हैं.
1989 में बीजेपी ने खोला था खाता
लोकसभा चुनाव 1989 में सीवान सीट से बीजेपी ने अपना खाता खोला. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जनार्दन तिवारी सांसद चुने गए. लोकसभा चुनाव 1991 में वृषिण पटेल जनता दल की टिकट पर जीत दर्ज करने में सफल रहे. सीवान लोकसभा सीट से 1996 में पहली बार मो. शहाबुद्दीन ने जनता दल की टिकट पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद शहाबुद्दीन 1998, 1999 और 2004 में लगातार तीन बार आरजेडी की टिकट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. लोकसभा चुनाव 2004 में शहाबुद्दीन ने जेल में रहकर चुनाव जीते थे.
लोकसभा चुनाव 2009 में बाहुबली शहाबुद्दीन को निर्दलीय उम्मीदवार ओम प्रकाश यादव ने हराया था. बाद में ओम प्रकाश बीजेपी में शामिल हो गए थे. लोकसभा चुनाव 2014 में ओम प्रकाश यादव ने बीजेपी के टिकट पर बाजी मारी थी. लोकसभा चुनाव 2019 में यह सीट एनडीए से जदयू के कोटे में चला गई. जदयू ने बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया. कविता सिंह ने हिना शहाब को मात दी थी.
लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कैसा रहा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में सीवान सीट से बीजेपी उम्मीदवार ओम प्रकाश यादव ने आरजेडी प्रत्याशी हिना शहाब को 113847 वोटों से मात दी थी. ओम प्रकाश को 372,670 वोट मिले थे तो हिना शहाब को 258,823 मतों से संतोष करना पड़ा था.सीपीआई (एमएल) के अमर नाथ यादव 81,006 वोट के साथ तीसरे स्थान पर थे.
2014 में अकेले चुनाव लड़ रही जदयू के उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह 79,239 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे. लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू उम्मीदवार कविता सिंह ने आरजेडी की हिना शहाब को 1,16,958 वोटों से मात दी थी. कविता सिंह को जहां 448,473 वोट मिले थे वहीं हिना शहाब को 3,31,515 मतों से संतोष करना पड़ा था. सीपीआई (एमएल) के अमर नाथ यादव तीसरे स्थान पर रहे थे.
छह में से पांच विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा
सीवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की कुल छह सीटें सीवान, दरौली, जीरादेई, रघुनाथपुर, दरौंदा व बरहरिया आती हैं. इन छह में से पांच विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है. सीवान सदर से राजद के अवध बिहारी चौधरी विधायक हैं. रघुनाथपुर से राजद के हरिशंकर यादव और बड़हरिया से राजद के बच्चा पांडे विधायक हैं. जीरादेई से भाकपा माले के अमरजीत कुशवाहा, दरौली से भापका माले के सत्यदेव राम विधायक हैं. सिर्फ दुरौंधा से भाजपा के करणजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह विधायक हैं.
क्या है जातीय समीकरण
सीवान लोकसभा क्षेत्र में करीब 18 लाख मतदाता हैं. इसमें 9,85,125 पुरुष और 7,90,829 महिला मतदाता शामिल हैं. यहां के जातीय समीकरण की बात करें तो सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं. इसके बाद यादव की संख्या है. जाती के आधार पर मतदाताओं को देखें तो यहां पर मुस्लिम मतदाता करीब 3 लाख, यादव 2.5 लाख, कुशवाहा 1.25 लाख, सहनी 80 हजार हैं. इसके अलावा करीब चार लाख अगड़ी जाति और 2.5 लाख ईबीसी मतदाता हैं.