Pawan Singh: पवन सिंह निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव, BJP ने Asansol से बनाया था उम्मीदवार, अब Karakat से Upendra Kushwaha को देंगे टक्कर, जानिए इस लोकसभा सीट का इतिहास

Karakat Lok Sabha Seat: पवन सिंह बिहार से चुनाव लड़ना चाह रहे थे. उन्हें उम्मीद थी बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद पवन सिंह लालू की पार्टी से टिकट पाना चाह रहे थे लेकिन राजद की जारी सूची में भी उनका नाम नहीं रखा गया. पवन सिंह कांग्रेस से भी आस लगाए हुए थे लेकिन बात नहीं बनी. अब उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

Pawan Singh (Photo Credit: Instagram)
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST
  • काराकाट से एनडीए की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा हैं मैदान में 
  • इंडिया गठबंधन से राजाराम सिंह लड़ रहे चुनाव

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) काराकाट लोकसभा सीट (Karakat Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह फैसला भारतीय जनता पार्टी (BJP) से उम्मीद टूटने के बाद लिया है. दरअसल, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए पवन सिंह को अपना उम्मीदवार पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से बनाया था, लेकिन निजी कारणों का हवाला देकर वहां से पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. बीजेपी ने आसनसोल सीट से एसएस अहलूवालिया को चुनावी मैदान में उतारा है.

मुकाबला होगा रोचक
पवन सिंह बिहार से चुनाव लड़ना चाह रहे थे. उन्हें उम्मीद थी बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद पवन सिंह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद से टिकट पाना चाह रहे थे लेकिन राजद की जारी सूची में भी उनका नाम नहीं रखा गया. पवन सिंह कांग्रेस से भी आस लगाए हुए थे लेकिन बात नहीं बनी. अब उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

वह यहां से संभवतः निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट सीट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं तो वहीं  इंडिया गठबंधन से भाकपा माले के प्रत्याशी राजाराम सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. पवन सिंह के काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मुकाबला रोचक हो गया है. उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

पवन सिंह ने क्या लिखा है सोशल मीडिया X पर 
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर चुनाव लड़ने की जानकारी देते हुए लिखा है काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा. पवन सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा- “माता गुरुतरा भूमेरू” यानी माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती है और मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा. मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लडूंगा. जय माता दी.

काराकाट लोकसभा सीट का क्या है इतिहास
साल 2008 से पहले काराकाट लोकसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी. 2008 में परिसीमन के बाद काराकाट लोकसभा सीट का उदय हुआ. इससे पहले इस क्षेत्र का नाम बिक्रमगंज हुआ करता था. इस सीट के बनने से लेकर अबतक यहां तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं. तीनों चुनाव में एनडीए ने कब्जा जमाया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इन तीनों चुनावों में बीजेपी ने यहां से चुनाव नहीं लड़ा है. हर बार उसने यह सीट अपने गठबंधन के सहयोगी दल को ही दी है. लोकसभा चुनाव 2009 में पहली बार काराकाट सीट के लिए चुनाव हुआ था. जदयू उम्मीदवार महाबली सिंह ने जीत दर्ज की थी. इस तरह से महाबली यहां के पहले सांसद हैं.

उपेंद्र कुशवाहा ने 2014 में दर्ज की थी जीत
लोकसभा चुनाव 2014 में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया था. बीजेपी ने यह सीट रालोसपा को दी थी. उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. हालांकि उस समय एनडीए में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू शामिल नहीं थी.उपेंद्र कुशवाहा को 3,38,892 वोट मिले थे. आरजेडी उम्मीदवार कांति सिंह 2,33,651 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर और जदयू के महाबली सिंह 76,709 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.  

लोकसभा चुनाव 2019 में महाबली सिंह ने पाई थी सफलता
लोकसभा चुनाव 2019 में उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के साथ शामिल नहीं थे. उन्होंने महागठंबन के साथ समझौता कर चुनाव लड़ा था. मोदी लहर में उन्हें काराकाट सीट गंवानी पड़ी थी. यहां से जदयू के महाबली सिंह ने जीत दर्ज की थी. महाबली सिंह को 398,408 वोट प्राप्त हुए थे. तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा को 313,866 मतों से संतोष करना पड़ा था. सीपीआईएम के राजा राम सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.उन्हें 24,932 वोट प्राप्त हुए थे. बसपा उम्मीदवार राज नारायण तिवारी को 21,715 वोट मिले थे.

काराकाट लोकसभा क्षेत्र में इतनी हैं विधानसभा सीटें
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में कुछ 6 विधानसभा सीटें हैं. इनमें रोहतास जिले के नोखा, डेहरी, काराकाट और औरंगाबाद जिले के गोह, ओबरा, नबीनगर शामिल हैं. इन सभी में महागठबंधन का दबदबा है. विधानसभा चुनाव 2020 में नोखा, डेहरी, गोह, ओबरा और नबीनगर में आरजेडी ने जीत दर्ज की थी. काराकाट विधानसभा पर भाकपा माले ने कब्जा जमाया था.

क्या है जातीय समीकरण
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादव जाति के मतदाता हैं. चुनाव में कुशवाहा, राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, दलित, महादलित, कुर्मी, वैश्य और मुस्लिम मतदाता भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं. काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 3 लाख से अधिक है. राजपूत वोटर्स 2 लाख के करीब हैं. वैश्य मतदाता भी लगभग 2 लाख हैं. ब्राह्मण जाति के 75 हजार और भूमिहार समाज के 50 हजार मतदाता हैं. यहां मुस्लिम मतदाता करीब डेढ़ लाख हैं, जो कि हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसके साथ ही कुशवाहा और कुर्मी जाति के मतदाता लगभग ढाई लाख हैं. 

 

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