पंजाब के कद्दावर लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह की तस्वीर को लेकर सूबे की सियासत गर्मा गई है. बीजेपी के पोस्टर में बेअंत सिंह की तस्वीर लगाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. इसपर बीजेपी लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है. बेअंत सिंह को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है. आपको बता दें कि बेअंत सिंह कांग्रेस के लीडर थे, लेकिन उनके पोते रवनीत सिंह बिट्टू बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
बेअंत सिंह पर क्यों मचा है हंगामा-
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसके बाद बीजेपी ने उनको लुधियाना लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद बीजेपी ने बेअंत सिंह की तस्वीर अपने पोस्टर पर पीएम मोदी के साथ इस्तेमाल किया है. इससे कांग्रेस नाराज है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी को बेअंत सिंह की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि वो कांग्रेस के लीडर थे. इसके जवाब में रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस की मंशा पर ही सवाल उठा दिया.
बेअंत सिंह पर रवनीत बिट्टू vs अमरिंदर सिंह राजा-
बीजेपी के पोस्टर में बेअंत सिंह की तस्वीर इस्तेमाल करने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया और बीजेपी के पोस्टर पर सवाल उठाया. उन्होंने लिखा कि बिट्टू जी आपने खुद को बीजेपी के खेमे में रखकर अपने सत्ता के भूखे व्यक्तित्व को उजागर कर दिया है. लेकिन एस. बेअंत सिंह जी की सफेद पगड़ी को बख्श दें. उन्हें बदनाम ना करें. आप वोटों के लिए उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर उनकी शहादत का मजाक उड़ा रहे हैं.
कांग्रेस के सवाल पर रवनीत सिंह बिट्टू ने जवाब दिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि शहीद पार्टियों से ऊपर हैं. कांग्रेस ने मेरे दादा के सर्वोच्च बलिदान को कभी मान्यता नहीं दी. पीसीसी को बताना चाहिए कि पिछले 25 सालों में चुनावों या पार्टी कार्यक्रमों में क्या उन्होंने कभी उनके बलिदान का जिक्र किया? चंडीगढ़ कांग्रेस भवन के सामने से बेअंत सिंह जी की मूर्ति क्यों हटाई गई?
कौन थे बेअंत सिंह-
बेअंत सिंह पंजाब के 12वें मुख्यमंत्री थे. उनका कार्यकाल साल 1992 से साल 1995 तक रहा. खालिस्तानी चरमपंथियों ने 31 अगस्त 1995 को बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी. चरमपंथियों ने सचिवालय परिसर में बम विस्फोट करके उनको मार डाला था. उस हमले में 3 भारतीय कमांडो समेत 17 लोग मारे गए थे. बेअंत सिंह को पंजाब में देश विरोधी ताकतों के खिलाफ खड़े होने वाला बताया जाता है.
(दिल्ली से अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट)
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