UP Lok Sabha Election Phase 7: सोशल इंजीनियरिंग के जरिए प्रचार की रणनीति बना रही BJP, जातीय समीकरण साधने में जुटी पार्टी

UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए जमीनी रणनीति बना रही है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मोहन यादव, भजनलाल शर्मा जैसे नेताओं के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं, ताकि इनके समुदाय से आने वाले वोटर्स को लुभाया जा सके.

Lok Sabha Election 2024
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 27 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण की वोटिंग एक जून को होनी है. इसके मद्देनजर बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए जमीन पर अपनी चुनावी रणनीति तय कर रही है. पूर्वांचल में जातीय समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है. बीजेपी ने इस फेस में दलित, ओबीसी समेत यादव मुख्यमंत्री को मैदान में प्रचार के लिए उतारा है. इसके अलावा मुस्लिम मोर्चे को भी जिम्मेदारी दी गई है.

जातीय समीकरण पर फोकस-
लोकसभा चुनाव के आखिरी और 7वें फेज में 13 सीटों पर एक जून को वोटिंग होनी है. इन सीटों पर बढ़त बनाने के लिए बीजेपी और इंडिया एलायंस के अलावा बाकी दल भी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. पूर्वांचाल में जातिगत समीकरण पर जोर दिया जा रहा है. विपक्ष भी लगातार जातीय समीकरण पर काम कर रहा है. जातिगत समीकरण के आधार पर सियासी दल अपनी रणनीति बना रहे हैं.

एक तरफ विपक्ष आरक्षण के मुद्दे को पूर्वांचल से जोड़ रहा है और पिछड़ों और दलितों को विपक्ष से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. दूसरी तरफ बीजेपी दलित और ओबीसी को आरक्षण के मुद्दे पर प्रचार के जरिए समझाने की कोशिश कर रही है. इस दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी प्रचार में उतार दिया गया है. इन नेताओं को जातीय समीकरण के आधार पर चुनाव प्रचार में लगाया गया है.

दलित-पिछड़ नेताओं को जिम्मेदारी-
बीजेपी ने दलित बाहुल्य बूथ पर दलित नेता और पिछड़ा बाहुल्य बूथ पर पिछड़े समाज के नेताओं को जिम्मेदारी सौंप गई है. बीजेपी की ओर से गरीब मुस्लिम आबादी वाले बूथ पर पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को भी उतारा गया है.

कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारा-

आखिरी चरण में किसी भी तरीके की कोई कमी ना रह जाए. इसके लिए बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत अपने कद्दावर नेताओं को जिम्मेदारी दी है. यादव जाति को साधने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी प्रचार के लिए सियासी मैदान में उतारा गया है. एक-एक दिन में मोहन यादव के 8-8 कार्यक्रम कराए जा रहे हैं.

दूसरी तरफ ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने के लिए राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के चेहरे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ दलितों और पिछड़ों को समझने में बीजेपी के साथ संघ भी लगा हुआ है. इसके लिए अलग से दलित नेताओं और ओबीसी नेताओं को लगाया गया है.

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