UP Politics: Akash Anand से सच में नाराज हैं पूर्व CM Mayawati या BSP की भविष्य की विरासत बचाने की कवायद है? पार्टी ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

UP Lok Sabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के पदों से हटा दिया है. पूर्व सीएम ने उनको नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया है. इसके साथ ही आकाश से उत्तराधिकार की जिम्मेदारी भी ले ली गई है.

Akash Anand (Photo/PTI)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ, उत्तर प्रदेश,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्ताराधिकारी के पद से हटा दिया है. बीएसपी सुप्रीमो ने दिसंबर 2023 में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. अब सवाल उठता है कि क्या पूर्व सीएम मायावती अपने भतीजे से नाराज हैं या फिर भविष्य के विरासत को बचाने की कवायद है.

गुस्सा, गाली और केस-
जिस तरीके से आकाश आनंद के भाषणों में गुस्सा, गाली और आक्रामक तेवर दिखाई दिए. उससे कई बार आकाश आनंद मर्यादा की सीमा लांघते दिखे. जिसकी वजह से उनके ऊपर सीतापुर में मामले भी दर्ज किए गए. मामला दर्ज होने के बाद पार्टी ने उनके कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया.

आकाश की दो चुनावी सभा में आम बोलचाल में बोली जाने वाली "गाली" शब्द का प्रयोग हुआ. योगी की सरकार के लिए आतंक की सरकार का इस्तेमाल किया. आकाश आनंद ने इसके बाद बसपा सुप्रीमो को लगा कि केंद्र और योगी सरकार से सीधा पंगा उनके सियासी भविष्य को खतरे में डाल सकता है और जब मामले दर्ज होने शुरू हुई तो मायावती ने आकाश को इससे अलग रखना ही बेहतर समझा.

आकाश से नाराज हैं मायावती-
आकाश आनंद ने आज तक से खास इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप जा रही थी, तब मायावती ने यह कहा था कि यह पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है. यह बहुजन मूवमेंट की जिम्मेदारी है, इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं है, जैसे दूसरों को पदों से हटाया गया है, वैसे उन्हें भी हटाया जा सकता है. मायावती आकाश आनंद के सियासत के तौर तरीकों से नाराज थी.

आकाश आनंद पार्टी में एक नए ध्रुव के तौर पर उभर रहे थे, जिससे कई बड़े नेता असहज थे. जिस तरीके से आकाश आनंद की पब्लिक रैलियों की डिमांड बढ़ने लगी थी, उससे कई बड़े नेताओं में असुरक्षा की भावना भी घर कर रही थी.

चर्चा यह भी है कि आकाश आनंद की रैलियों की डिमांड मायावती की रैलियों से ज्यादा थी और वह मायावती की रैलियां को ओवरशैडो कर रहे थे, जिससे मायावती के करीबी नेताओं का एक वर्ग नाराज था और लगातार शिकायत मायावती से कर रहा था.

भविष्य की विरासत बचाने की कोशिश-
अंदर खाने एक चर्चा बहुत अहम है कि मायावती किसी सूरत में अपने भविष्य की विरासत को केस मुकदमों में फंसा नहीं देखना चाहती थी. जिसे बीएसपी की विरासत संभालनी हो, जिसे मूवमेंट की राजनीतिक शाखा को आगे बढ़ाना हो, वह अदालतों के चक्कर लगाए, यह मायावती को पसंद नहीं था. भविष्य के अपने नेतृत्व को सुरक्षित रखने के लिहाज से मायावती ने फिलहाल आकाश को दूर करने का फैसला किया है.

मायावती ने अपने पोस्ट में आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाते हुए यह लिखा है कि फिलहाल उनकी अपरिपक्वता को देखते हुए फैसला लिया जा रहा है, यानी मायावती ने आकाश आनंद के लिए आगे के रास्ते बंद नहीं किए हैं, बल्कि कुछ वक्त के लिए उन्हें बीएसपी की मुख्यधारा की सियासत से अलग किया है, ताकि भविष्य के अपने इस चेहरे को बचाया जा सके.

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