लोकतंत्र के महापर्व के दौरान नेताओं का पार्टी बदलना आम बात है. ये नजारा हर राज्य में देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश में भी नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला चल रहा है. बीजेपी ने एक ऐसा नेता को पार्टा में शामिल किया है, जिसे एक साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के मंच पर जॉइनिंग के कार्यक्रम को रोक दिया गया था और मुजफ्फरनगर की सीमा से बैरंग वापस लौटा दिया गया था. इस लीडर का नाम धर्म सिंह सैनी है. मंगलवार की रात मेरठ के बीजेपी दफ्तर में आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इनको पार्टी में शामिल किया गया है. आखिर चुनाव के समय धर्म सिंह सैनी को पार्टी में शामिल कराने की क्या मजबूरी बन गई? चलिए आपको बताते हैं.
धर्म सिंह सैनी पर क्यों मेहरबान हुई बीजेपी-
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाति और बिरादरियों की नाराजगी बढ़ते देख बीजेपी ने रातों-रात यह फैसला लिया कि धरम सिंह सैनी को पार्टी में लाया जाए. साल 2022 विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही धर्म सिंह सैनी बीजेपी में आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वापसी तय होने के बाद भी उनकी एंट्री नहीं हो पा रही थी. लेकिन जैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों की नाराजगी सामने आई, उसके बाद सहारनपुर से लेकर कैराना तक सैनी समाज के भीतर भी पंचायत शुरू हो गई. सैनी समाज भी बीजेपी के खिलाफ जाने लगा था. ऐसे में धर्म सिंह सैनी की लॉटरी लग गई.
उम्मीदवार चाहते थे पार्टी में शामिल हों सैनी-
बताया जा रहा है कि सहारनपुर के बीजेपी प्रत्याशी राघव लखनपाल और कैराना बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नेतृत्व से यह अपील की कि यहां चुनाव जीतने के लिए अब धर्म सिंह सैनी को लाया जाना जरूरी है. इसके बाद रातों-रात उनको मेरठ बुलाया गया और पार्टी में शामिल किया गया.
पश्चिमी यूपी में सैनी समाज की है बड़ी ताकत-
दरअसल पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कोर वोट बैंक के तौर पर सैनी बिरादरी की पहचान रही है. साल 2014 के बाद से सैनी समुदाय बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओबीसी का सबसे बड़ा जाति वर्ग है. लोकसभा चुनाव के पहले राजपूतों की नाराजगी के साथ-साथ सैनी बिरादरी की नाराजगी भी सामने आ रही थी, जबकि बीजेपी के सैनी बिरादरी के नेताओं की पकड़ अपनी बिरादरी पर नहीं दिखाई दे रही थी, ऐसे में धर्म सिंह सैनी की पार्टी में वापसी बीजेपी को 8 सीटों पर फायदा पहुंचा सकती है.
कौन हैं धर्म सिंह सैनी-
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सैनी बिरादरी के सबसे बड़े नेता के तौर पर धर्म सिंह सैनी की पहचान रही है. बीएसपी के कैडर से निकले हुए धर्म सिंह सैनी कई बार विधायक और मंत्री रहे हैं. साल 2017 विधानसभा से पहले अमित शाह उनको बीजेपी में लेकर आए थे और जीत भी मिली थी. योगी सरकार के पहले टर्म में मंत्री भी रहे. लेकिन साल 2022 विधानसभा चुनाव के पहले पिछड़े नेताओं के तीन बड़े चेहरों ने बीजेपी को अलविदा कह दिया. इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के साथ धर्म सिंह सैनी भी शामिल थे. ये नेता समाजवादी पार्टी में चले गए थे. लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं बनी. उसके बाद से लगातार ये नेता बीजेपी में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे. अब धर्म सिंह सैनी को इसमें सफलता मिली है.
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