Lok Sabha Election 2024: BJP के Mission 370 के लिए क्यों जरूरी हैं Jayant, Western UP में कैसे बदलेंगे चुनावी समीकरण? यहां जानिए

BJP Mission 2024: पीएम मोदी लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने को लेकर आश्वस्त हैं. बीजेपी का कहना है कि वह अकेले 370 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एनडीए अपने साथ जदयू, रालोद जैसी पार्टियों को जड़कर अपना कुनबा बढ़ा रही है.

PM Modi and Jayant Chaudhary 
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST
  • बीजेपी का यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने का है लक्ष्य
  • पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी की है अच्छी पकड़

भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार भी लोकसभा चुनाव को फतह करने में कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी को 370 सीट मिलने का लक्ष्य रखा है. वहीं एनडीए को 400 प्लस सीटों पर विजय पताका फहराना है. इसी को देखते हुए बीजेपी ने राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को अपने साथ जोड़ा है. आइए जानते हैं इससे बीजेपी को कितना फायदा उत्तर प्रदेश (UP) जैसे बड़े राज्य में मिलेगा.  

सभी 80 सीटों पर जीत का रखा है लक्ष्य
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार उत्तर प्रदेश में सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में NDA को 64 सीटें पर जीत मिली थी. इनमें से 62 बीजेपी और 2 अपना दल के खाते में गई थीं. 2014 में एनडीए को 73 सीटें मिली थीं. इनमें से बीजेपी की 71 सीटें थीं. अब भाजपा की कोशिश एनडीए की सीटें बढ़ाने की है. इसी वजह से पार्टी रालोद को अपने साथ लेकर आई है.

वेस्ट यूपी का बड़े नेता हैं जयंत 
रालोद प्रमुख Jayant Chaudhary ने सोमवार को NDA में शामिल होने का ऐलान कर दिया. जयंत के पाला बदलने से INDI अलायंस को जोर का झटका लगा है. खासकर सपा को. क्योंकि इससे पश्चिमी यूपी में चुनावी समीकरण बदल गया है. जयंत वेस्ट यूपी के बड़े नेता माने जाते हैं. जयंत के दादा पूर्व पीएम Chaudhary Charan Singh अपने समय के सबसे बड़े जाट नेता थे.

हालांकि उनके निधन के बाद वोट प्रतिशत थोड़ा भारतीय क्रांति दल का गिरा. बाद में चौधरी अजित सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के नाम से अपनी पार्टी लॉन्च की. हालांकि वे अपने पिता के पारंपरिक वोट को नहीं संभाल पाए. फिर भी पश्चिमी यूपी में आरएलडी की पकड़ है. 

क्यों बीजेपी के लिए जरूरी जयंत
पिछले दो लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीतने वाले जयंत बीजेपी के लिए क्यों जरूरी हैं. इसका हम आपको जवाब देते हैं. यूपी में रहने वाले 99 प्रतिशत जाट पश्चिमी यूपी के 27 लोकसभा क्षेत्रों में रहते हैं. जिसे जाटलैंड भी कहा जाता है. यहां पर जयंत की पार्टी आरएलडी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. कई सीटों पर इस पार्टी के समर्थक जीत और हार के बीच का अंतर तय करते हैं. जयंत का साथ मिलने से बीजेपी और मजबूत हो गई है. 

यदि इस बार भी लोकसभा में चुनाव में ऐसा हुआ तो इसका बीजेपी को काफी फायदा होगा. तो वहीं अखिलेश यादव की पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा. भाजपा ने किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर अधिकांश जाटों का वोट अपने पाले में कर लिया है. 2019 में जाटलैंड की 14 में से 7 सीटें हारने वाली बीजेपी को मुजफ्फरनगर, मेरठ जैसी सीटों में करीबी जीत मिली थी. रालोद को साथ लाने से भाजपा की राह आसान होगी. 

क्या है समीकरण 
1. पश्चिमी यूपी में लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं. इनमें से 14 सीटों पर जीत और हार जाट तय करते हैं.
2. इन सीटों पर जयंत की पार्टी RLD निर्णायक भूमिका निभाती है.
3. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 14 सीटों में से 7 पर ही भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी.
4. 4 सीटों पर पर बसपा और 3 सीटों पर सपा को जीत मिली थी. जयंत के आने से इन दोनों पार्टियों का सूपड़ा साफ हो सकता है.
5. मिशन 370 के लिए बीजेपी जाटलैंड की सभी 14 सीटें फतह करना चाहती है. ऐसा जयंत के आने से संभव दिखता है.
6. जयंत की पार्टी को मुस्लिम भी वोट देते हैं. यदि इस बार भी इस पार्टी को इस समुदाय का वोट मिला तो बीजेपी का नंबर और ज्यादा बढ़ जाएगा.

 

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