दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जेल से बाहर आने के करीब 20 घंटे बाद ही एक प्रेस कांफ्रेंस की. इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर अपना आंकलन बताया. केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी पर कई हमले किए. और एक सवाल भी सामने रखा, अगर भारतीय जनता पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव जीतती है तो क्या नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, या उनकी उम्र 75 साल होने के कारण किसी और को यह पद दिया जाएगा?
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, "ये लोग इंडिया ब्लॉक से उनके (पीएम) चेहरे के बारे में पूछते हैं. मैं बीजेपी से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा? मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं. उन्होंने नियम बनाया था कि 75 साल के लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन को रिटायर कर दिया."
पीएम मोदी की उम्र इस समय 73 साल है. वह सितंबर 2024 में 74 साल के हो जाएंगे और अगले साल यानी 2025 में वह 75 साल पूरे कर लेंगे. केजरीवाल के भाषण से तीन प्रमुख सवाल उठते हैं;
राजनीति से संन्यास लेने की उम्र 75 साल कब निर्धारित हुई?
क्या इससे पहले भी किसी राजनेता ने इस उम्र में संन्यास लिया है?
पीएम मोदी के बाद भाजपा के पास नेतृत्व के क्या विकल्प हैं?
2014 में शुरू हुई कवायद
पीएम मोदी ने मई 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह नियम पेश किया था कि 75 साल की उम्र से ज्यादा का कोई व्यक्ति केंद्रीय या राज्य सरकार में कोई प्रशासनिक पद नहीं रखेगा. ये कोई आधिकारिक नियम नहीं था लेकिन पार्टी ने उस समय इसे नीति की तरह अपनाया.
मोदी सरकार के इस फैसले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सहमति भी प्राप्त थी. जब भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में जीत हासिल की तो पार्टी ने मार्गदर्शक मंडल बनाने का फैसला किया. पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी दो बड़े नाम थे जिन्हें इस मंडल में शामिल किया गया.
उस वक्त 75 साल से ज्यादा उम्र के भाजपा नेताओं को कोई प्रशासनिक पद भी नहीं दिया गया था. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को भी उम्र की सीमा के कारण सरकार में शामिल नहीं किया गया था.
ये नेता ले चुके हैं उम्र की सीमा के कारण रिटायरमेंट
साल 2016 में आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री की इस अघोषित नीति पर अमल करते हुए सबको हैरान कर दिया. उन्होंने एक अगस्त 2016 को घोषणा की कि वह लगभग 75 साल की हो चुकी हैं, इसलिए गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे रही हैं. आनंदीबेन से एक महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेप्तुल्ला ने भी अपने जीवन के 76 बरस पूरे होने पर राजनीति से किनारा करने का फैसला किया था.
हालांकि ऐसा नहीं है कि भाजपा के सभी नेता 75 वर्ष पूरे करते ही सक्रीय राजनीति को अलविदा कह देते हों. मिसाल के तौर पर, भाजपा ने टीआर पारिविंदर (82 वर्ष) और रणजीत चौटाला (78 वर्ष) जैसे कई राजनेताओं को एनडीए में शामिल किया है, जबकि उनकी उम्र 'रिटायरमेंट' की हो चुकी है. इसके अलावा मथुरा से बीजेपी प्रत्याशी हेमा मालिनी भी 75 साल की हो चुकी हैं और तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.
क्या भाजपा के पास है ब्रांड मोदी का विकल्प?
ऐसा पहली बार नहीं है कि भाजपा से प्रधानमंत्री मोदी के रिटायरमेंट का सवाल किया गया हो.
अगस्त 2023 में भी आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी 75 की उम्र छूने के बाद भी अपने पद पर बने रहेंगे? केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा है कि अमित शाह (59 वर्ष) एनडीए के तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की जगह ले सकते हैं. हालांकि शाह ने इस बात का खंडन किया है.
केजरीवाल का बयान वायरल होने के कुछ घंटो बाद ही शाह ने कहा कि पीएम मोदी अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगे. उन्होंने हैदराबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "मैं अरविंद केजरीवाल और इंडिया गठबंधन को बताना चाहता हूं कि मोदीजी के 75 साल के होने पर खुश होने की जरूरत नहीं है. बीजेपी के संविधान में यह नहीं लिखा है कि मोदीजी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. वह फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे."
शाह ने यह साफ किया है कि पीएम मोदी का फिलहाल के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं है. हालांकि ब्रांड मोदी का उत्तराधिकारी कौन है, यह दिलचस्प होगा.