वोटों की राजनीति नेताओं को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर देती है. चुनाव के वक्त नेता कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. 24 के महासमर में कोई राम के नाम पर वोट मांग रहा है तो कोई चप्पलों की माला पहने वोट मांग रहा है. कोई सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए लड़ रहा है भले ही जमानत जब्त हो जाए. कोई हवा में नारंगी पार्टी कर जनता को लुभाने की कोशिश में है.
Politics of votes forces leaders to do anything. At the time of elections, leaders are ready to do anything.