Haryana Assembly Elections 2024: चुनावी मैदान में Devi Lal, Bansi Lal और Bhajan Lal के 12 'लाल', कहीं भाई-बहन तो कहीं चाचा-भतीजा आमने-सामने, जानें कौन और कहां से ठोक रहे ताल

Generations of Lal Families of Haryana: हरियाणा के तीन लाल कहे जाने वाले देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के परिवारों से कोई न कोई सदस्य सालों से हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहा है. इस बार इन परिवारों के 12 'लाल' चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई सीटों पर तो आपस में ही मुकाबला है.

Bhajan Lal, Devi Lal and Bansi Lal (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST
  • रणजीत सिंह चौटाला रानियां सीट से निर्दलीय लड़ रहे चुनाव 
  • बंसीलाल परिवार से श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध आजमा रहे अपनी किस्मत 

Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) को फतह करने के लिए बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), जननायक जनता पार्टी (JJP) सहित अन्य पार्टियों ने सियासी बिसात बिछा दी है. प्रदेश में हर तरफ चुनाव और किस पार्टी से कौन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं कि चर्चा हो रही है. 

इस दौरान हरियाणा के तीन लाल कहे जाने वाले देवीलाल (Devi Lal), बंसीलाल (Bhajan Lal) और भजनलाल (Bhajan Lal) के बारे में भी लोग खूब बात कर रहे हैं. दरअसल, सालों से इनके परिवारों का कोई न कोई सदस्य हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहा है. इस बार इन परिवारों के 12 'लाल' चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई सीटों पर तो आपस में ही मुकाबला है. कहीं भाई-बहन तो कहीं चाचा-भतीजा आमने-सामने हैं. आइए जानते हैं हरियाणा की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले इन परिवारों के सदस्य कहा-कहां से ताल ठोक रहे हैं.

1. ताऊ देवीलाल परिवार के इतने सदस्य इस बार लड़ रहे चुनाव 
हरियाणा के सीएम और देश के उप प्रधानमंत्री रहे देवीलाल ने इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना की थी. देवीलाल के चार बेटे हुए. बाद में INLD में फूट पड़ गई. इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल का प्रतिनिधित्व किया. अब उनके बेटे अभय सिंह चौटाला इस पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं. देवीलाल के दूसरे बेटे अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई है. इस बार विधानसभा चुनाव में ताऊ देवीलाल के परिवार के सात सदस्य चुनावी मैदान में उतरे हैं. इनमें रणजीत चौटाला, अभय चौटाला, दुष्यंत चौटाला, अर्जुन चौटाला, दिग्विजय चौटाला, आदित्य चौटाला और अमित सिहाग शामिल हैं. खास बात यह है कि देवीलाल कुनबे की तीन पीढ़ियों के पांच सदस्य तो दो सीटों पर एक-दूसरे के ही आमने-सामने हैं. 

देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर सिरसा जिले की रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ देवीलाल के पड़पोते और रणजीत सिंह के भाई ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र अर्जुन चौटाला इनेलो के टिकट से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़  रहे हैं. इसी प्रकार देवीलाल के पौत्र व ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र अभय चौटाला अपनी परंपरागत सीट सिरसा जिले के एलनाबाद से आईएनएलडी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. सिरसा जिले डबवाली सीट से देवीलाल परिवार के तीन प्रत्याशी इनेलो, जेजेपी और कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं. इस सीट से आईएनएलडी ने देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश के पुत्र आदित्य देवीलाल चौटाला को टिकट दिया है तो वहीं जेजेपी से दिग्विजय चौटाला और कांग्रेस से अमित सिहाग मैदान में हैं. आपको मालूम हो कि अमित सिहाग, ओमप्रकाश चौटाला के भतीजे और डबवाली सीट से सीटिंग विधायक हैं. डबवाली विधानसभा क्षेत्र में ही देवीलाल का पैतृक गांव चौटाला है. इसके कारण यह सीट हॉट मानी जाती है. हरियाणा सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी के टिकट पर उचाना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इनेलो से निकलने के बाद दुष्यंत ने जेजेपी नाम से 2018 में पार्टी बनाई. 

2. कहां से बंसीलाल परिवार के सदस्य हैं चुनावी मैदान में 
हरियाणा के चार बार सीएम बंसीलाल रहे हैं. वह इंदिरा गांधी और संजय गांधी के करीबी रहे हैं. बंसीलाल ने साल 1996 में कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा विकास पार्टी की गठन किया था. हालांकि 2004 में वह फिर से कांग्रेस में वापस आ गए थे. इस विधानसभा चुनाव में बंसीलाल परिवार के दो सदस्य श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. भिवानी जिले की तोशाम सीट हॉट सीट मानी जाती है. यह सीट बंसीलाल परिवार की परंपरागत सीट रही है. यहां से उनकी छोटी पुत्रवधू किरण चौधरी चुनाव लड़ती रही हैं. 

वह 2019 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ी और जीतीं थीं. किरण अभी राज्यसभा सांसद हैं और तोशाम सीट से उनकी बेटी श्रुति चौधरी मैदान में उतरी हैं. भाजपा ने बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी, जबकि कांग्रेस ने बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के पुत्र अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा है. श्रुति और अनिरुद्ध चचेरे भाई-बहन हैं. माना जा रहा कि तोशाम में जो जीतेगा, वह बंसीलाल का राजनीतिक उत्तराधिकारी होगा. हरियाणा के बनने के बाद से इस सीट पर 14 बार चुनाव हुए, जिसमें से 12 बार बंसीलाल के परिवार ने जीत दर्ज की है. श्रुति चौधरी एक बार महेंद्रगढ़ से जीतकर सांसद रह चुकी हैं. दूसरी तरफ अनिरुद्ध चौधरी भी लोगों से बंसीलाल के पोते के तौर पर ही वोट मांग रहे हैं.

3. भजनलाल परिवार से कौन ठोक रहे ताल 
भजनलाल हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में कृषि मंत्री भी रहे. 1979 से 1999 तक हरियाणा की सत्ता पर कभी देवीलाल तो कभी भजनलाल काबिज रहे. इस बार विधानसभा चुनाव में भजनलाल परिवार के तीन लाल भव्य बिश्नोई, चंद्रमोहन बिश्नोई और डूडाराम बिश्नोई चुनावी मैदान में हैं. 

भजनलाल के छोटे भाई डूडाराम और बेटे कुलदीप बिश्नोई जहां बीजेपी में हैं तो वहीं दूसरे बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस में हैं. भजनलाल के गढ़ रहे आदमपुर से भाजपा ने पूर्व सांसद व पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को दोबारा टिकट दिया है. डूडाराम को भाजपा ने फतेहाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. भजनलाल के छोटे बेटे और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में डिप्टी सीएम रहे चंद्रमोहन को कांग्रेस ने पंचकूला विधानसभा सीट से टिकट दिया है. चंद्रमोहन बिश्नोई साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पंचकूला सीट से हार गए थे, लेकिन अब एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है.  

 

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