पंजाब चुनाव (Punjab Elections)में इस बार सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए यह चुनाव काफी खराब साबित हुए. चन्नी को दोनों ही सीटों से हार का मुंह देखना पड़ा. बड़ी बात यह रही कि सूबे के चेहरे को हराने वाले दोनों नेताओं में कोई दिग्गज नहीं था. भदौर सीट से लाभ सिंह उगोके, जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और चमकौर साहिब सीट से डॉक्टर चरणजीत सिंह, जोकि आंखों के डॉक्टर और एक समाजसेवक हैं.
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा थे, यही कारण है कि उनकी हार बेहद चौंकाने वाले साबित हुई. अपने लिए सुरक्षित सीट समझ कर चन्नी ने चमकौर साहिब और भदौर को चुना था लेकिन, इन सीटों पर भी चन्नी का जादू नहीं चला. यहां से भी जनता ने इन्हें पूरी तरह नकार दिया.
मोबाइल फोन की दुकाने चलाते हैं लाभ सिंह उगोके
भदौर सीट से चरणजीत सिंह चन्नी को हराने वाले लाभ सिंह उगोके आम आदमी पार्टी के होने के साथ ही एक आम आदमी भी हैं. 35 वर्षीय उगोके एक मोबाइल फोन की दुकान चलाते हैं. लाभ सिंह के पिता ड्राइवर हैं और उनकी मां गांव के ही एक स्कूल में सफाई कर्मचारी हैं. वह मात्र 2 कमरों के एक घर में रहते हैं और इस बार अपना पहला चुनाव लड़ा.
2013 में आम आदमी पार्टी में हुए थे शामिल
लाभ सिंह उगोके 2013 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. उस वक्त वह ज्यादा सक्रिय नहीं थे. इसके बाद साल 2017 में वह आप के उम्मीदवार पीरमल सिंह खालसा के चुनाव अभियान में हिस्सा लिया था, जिसके बाद इन्हें लोगों के बीच थोड़ी बहुत पहचान हासिल हुई थी.
चरणजीत सिंह ने ही दी चरणजीत सिंह को मात
चमकौर साहिब सीट से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सामने चरणजीत सिंह ही रण में उतरे थे. आम आदमी के चरणजीत सिंह पेशे से आंखों के डॉक्टर हैं, जिन्होंने भारी मतों से सीएम को मात दी और चमकौर साहिब सीट पर कब्जा किया. उनकी छवी एक समाजसेवक के रूप में है, जोकि हर समय लोगों के मुद्दों को उठाते नजर आते रहे हैं.
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