देश में कोविड संक्रमण की लगातार गिरती दर और बढ़ते टीकाकरण के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने चुनाव रैलियों में छूट दे दी है. हालांकि, अभी भी कई तरह की पाबंदियां बरकरार रहेंगे. अब खुली जगहों, मैदानों में होने वाली रैलियों के लिए जगह के अनुपात में संख्या तय कर मिलेगी इजाजत.
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पहले चरण के मतदान से कुछ ही दिन पहले नियमों में दी गई छूट और राहत के तहत इंडोर यानी हॉल के भीतर चुनावी सभा करनी है तो कुल क्षमता से पचास फीसदी लोग और खुले मैदान में कुल संख्या के तीस प्रतिशत लोग इसमें शामिल हो सकते हैं.
इन शर्तों पर मिली अनुमति
ग्राउंड और हॉल की क्षमता का निर्धारण जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे. इसका ब्योरा भी सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा. रैली और सभा स्थल पर सामाजिक दूरी और हमेशा मास्क पहने रहने की शर्त अनिवार्य होगी.
हर रैली पर होगी प्रशासन की निगरानी
इन पर निगरानी रखने लोगों को संभालने समझाने और शर्तों का पूरी तरह से पालन कराने के लिए आयोजकों को समुचित संख्या में अपने कार्यकर्ता तैनात करने होंगे. सभी सभाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी. जिला प्रशासन भी इन पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगा.
वहीं, रोड शो, वाहन रैली आदि पर पहले की तरह पाबंदी जारी रहेगी. हालांकि ये तो ओपन सीक्रेट है कि ये गाइडलाइन और पाबंदी का आदेश और नेताओं के रोड शो बाइक या साइकिल रैलियां भी साथ-साथ चल रहे हैं. आयोग के मुताबिक रात आठ बजे से सुबह आठ बजे के बीच चुनाव प्रचार पर पाबंदी पहले की तरह जारी रहेगी.
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