Explainer: 25 बीजेपी नेताओं को मिली VIP सुरक्षा, जानिए क्या होती है X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा

VIP security for 25 BJP leaders: गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ख़बर है क‍ि पंजाब और उत्तर प्रदेश के करीब 25 बीजेपी नेताओं को VIP सुरक्षा दी गई है. केंद्र में मंत्री और करहल सीट से बीजेपी प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को गृह मंत्रालय ने सुरक्षा दी है. बघेल को Z कैटेगरी की सुरक्षा पिछले सप्ताह दी गई थी. बघेल को CISF सुरक्षा प्रदान करेगी. इसके अलावा पंजाब के एक दर्जन से ज्यादा नेताओं और BJP उम्मीदवारों को Y कैटेगरी और X कैटेगरी की CRPF की सुरक्षा दी गई है. गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा नेताओ को भी VIP सुरक्षा दी है.

पंजाब और UP के करीब 24 BJP नेताओं को MHA ने दी VIP सुरक्षा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST
  • चुनाव में खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार बीजेपी के करीब 24 नेताओं को वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है
  • ये नेता पंजाब और उत्तर प्रदेश के हैं.

देश के पांच राज्यों में जारी व‍िधानसभा चुनाव में खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बीजेपी के करीब 25 नेताओं को वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. इन सभी नेताओं को चुनावों तक ये सुरक्षा दी गई है. ये नेता पंजाब और उत्तर प्रदेश के हैं. CRPF और CISF के जवान इनकी सुरक्षा में अब तैनात रहेंगे. इन नेताओं में सुखविंदर सिंह बिंद्रा, परमिंदर सिंह ढींडसा,अवतार सिंह जीरा, निमिषा टी मेहता, सरदार दीदार सिंह भट्टी, सरदार कंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार गुरप्रीत सिंह भट्टी और सरदार हरियट कमल हैं. आइए जानते है वीआईपी सुरक्षा क्या है, और ये किसे और कब मिलती है. 

देश में इस वक्त पांच राज्यों में चुनाव चल रहे हैं. चुनाव के दौरान नेताओं की सुरक्षा का खतरा बना रहता है. इसलिए चुनाव तक कुछ लोगों को वीआईपी सुरक्षा दी जाती है. वीआईपी (VIP) सुरक्षा के तहत छह कैटेगरी होती हैं. इनमें एक्स (X), वाई (Y), वाई-प्लस (Y-Plus) , जेड (Z), जेड-प्लस (Z-Plus) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group-SPG) शामिल हैं. इनमें से SPG केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि दूसरे सुरक्षा श्रेणियों की सुरक्षा खुफिया विभाग के इनपुट के आधार पर किसी भी व्यक्ति को प्रदान की जा सकती है. प्रत्येक श्रेणी में सुरक्षाकर्मियों की संख्या अलग-अलग होती है.

एक्स श्रेणी की सुरक्षा: इस श्रेणी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं. जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है. 

वाई श्रेणी की सुरक्षा: इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं. जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं. इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है.

वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा: इसमें 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं. इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है। इस सुरक्षा के तहत कपिल मिश्रा को 24 घंटे दिल्ली पुलिस का एक सिपाही बतौर निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर मिला है.

जेड श्रेणी की सुरक्षा: जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं. इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं. 

जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा: स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है. इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं. इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं.

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा: यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर है. ये देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है.  इसकी शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी. यह सुरक्षा प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री को दी जाती है. 

किसे मिलती है ये सुरक्षा

देश के सम्मानित लोगों और पॉलिटिशियंस को जान का खतरा बना रहता है, इसलिए इन लोगों को इनमें से कोई एक सिक्युरिटी दी जाती है. ये सभी सिक्युरिटी मंत्र‍ियों को मिलने वाली सिक्युरिटी से अलग होती है. इसके लिए सबसे पहले सरकार को अर्जी देनी होती है. जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसियों के जरिए होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं. अगर इन पॉलिटिशियंस या सम्मानित लोगों के खतरे की बात पक्की होती है तो  होम सेक्रेट्री, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्युरिटी दी जानी चाहिए. 

कौन देता है सिक्युरिटी ?

इस तरह की सिक्युरिटी पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज वीआईपी और वीवीआईपी कवर करती हैं. इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ शामिल हैं. इसके अलावा खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से जेड प्लस सिक्युरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी है, उसे देखते हुए सीआईएसएफ को भी यह काम सौंपा जा रहा है. 


 

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