साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचलियों को लेकर केजरीवाल के बयान का कोई असर नहीं हुआ. यही वजह है बीजेपी इस बार कोई कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. साल 2020 के केजरीवाल के बयान पर बाद में जाए उससे पहले साल 2024 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पोस्टर वार में केजरीवाल को भाजपा ने पूर्वांचलों का दुश्मन बताया और पूर्वांचल सम्मान यात्रा निकालकर बीजेपी ने पलटवार किया.
साल 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल का बयान
2020 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग 500 रुपये की टिकट लेकर ट्रेन में सफर कर दिल्ली आते हैं और 5 लाख तक का इलाज मुफ्त करवा कर चले जाते हैं. ये बात उन्होंने हेल्थ मॉडल को प्रमुखता से रखते हुए कही तो केजरीवाल की इस कही गई बात को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था हालांकि जब रिजल्ट आया तब बीजेपी को सिर्फ आठ सीटों पर संतोष करना पड़ा. ताजा हमले में बीजेपी को सीधा फायदा ये हुआ कि केजरीवाल के जाट आरक्षण नरेटिव की काट हो गई.
दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट
दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है. दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं. दिल्ली में करीब 42% वोटर पूर्वांचली हैं और लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं. बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है.
पूर्वांचलियों को लेकर आप सांसद ने लगाया था आरोप
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जेपी नड्डा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पूर्वांचलों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या कहा अब बीजेपी काउंटर अटैक कर रही है. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी विधानसभा में पंद्रह दिन के भीतर 13 हजार नए वोटर जुड गए. उन्होंने कहा कि यूपी बिहार से लाकर लोगों को इसमें जोड़ा गया है. केजरीवाल के बयान को बीजेपी ने हाथों-हाथ कैच कर लिया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर मैसेज जारी कर केजरीवाल को घेरा तो सांसद मनोज तिवारी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया.
दिल्ली यूनिट में पूर्वांचल मोर्चे की उपेक्षा को भुनाने में लगी आप
दिल्ली फतह के लिए दिल्ली प्रदेश भाजपा ने प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष सहित पूरी पूर्वांचल मोर्चा की टीम बदल दी और नए टीम की घोषणा कर दी. उसके बाद ही संतोष ओझा अध्यक्ष की नई जिम्मेदारी दी गई. बीजेपी से जुडे सूत्रों का दावा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी के बाद प्रदेश स्तर की टीम हो या फिर पिछले निगम चुनाव पार्टी में पूर्वाँचलियों की भागीदारी बहुत कम रही है. तीसरी बार सांसद बनने के बाद पूर्वांचलियों में उम्मीद थी कि सांसद मनोज तिवारी को मोदी सरकार में कोई ना कोई मंत्रालय मिलेगा लेकिन ऐसा ना होने पर पूर्वांचलियों के एक बड़े तबके में नाराजगी भी है. बस आम आदमी पार्टी बीजेपी के ऐसी कमज़ोर कड़ियों को कुरेद भी रही है.
-राम किंकर सिंह की रिपोर्ट