गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से बची 93 सीटों पर दूसरे चरण के तहत पांच दिसंबर 2022 की शाम को चुनाव संपन्न हो जाएगा. चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे 833 उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं. उधर, जनता भी वोट होने के बाद तरह-तरह की कयास लगाना शुरू कर देगी. आइए आज हम आपको बता रहे है कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में क्या है अंतर और कैसे मतगणना से पहले ही ये सरकार बनने और बिगड़ने का दावा कर देते हैं?
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है.मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद होते हैं.वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं. इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है.इसके बाद उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि जनता का मूड किस ओर है? कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है.
एग्जिट पोल कराने के लिए सर्वे एजेंसी या न्यूज चैनल का रिपोर्टर अचानक से किसी बूथ पर जाकर वहां लोगों से बात करता है.इसमें पहले से तय नहीं होता है कि वह किससे सवाल करेगा? आमतौर पर मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से लेकर एक लाख वोटर्स तक से बातचीत होती है.इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है.
ओपिनियन पोल: ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराए जाते हैं.ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है.भले ही वो वोटर हों या नहीं हों.ओपिनियन पोल के रिजल्ट के लिए चुनावी दृष्टि से क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर जनता की नब्ज को टटोलने का प्रयास किया जाता है.इसके तहत क्षेत्रवार यह जानने की कोशिश की जाती है कि जनता किस बात से नाराज और किस बात से संतुष्ट है.
एग्जिट पोल: एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है. एग्जिट पोल में केवल मतदाता को ही शामिल किया जाता है. इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है.एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान के पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही किया जाता है.भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (आईआईपीयू) के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी. भारत में 1998 में पहली बार टीवी पर एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया.
दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी
दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी. जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने अमेरिकी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय जानने के लिए ये सर्वे किया था.बाद में ब्रिटेन ने 1937 और फ्रांस ने 1938 में अपने यहां पोल सर्वे कराए.जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम तथा आयरलैंड में चुनाव पूर्व सर्वे कराए गए.