चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के बीच चुनावी सभाओं और कैंपेन पर लगी रोक में कुछ छूट दे दी है. नई गाइड लाइन के तहत चुनावी सभा में अब 500 के बजाय 1000 लोग सभा में शामिल हो सकते हैं. साथ ही डोर टू डोर कैंपेन में 10 की जगह 20 लोग चल सकेंगे. बंद जगहों पर होने वाली बैठकों में 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं. नई गाइडलाइन में चुनावी रैलियों पर पहले की तरह रोक रहेगी.
चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान किया था. चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही राजनीतिक रैलियों, रोड शो, जुलूस पर पाबंदी लगा दी थी. चुनाव आयोग ने पहले यह रोक 15 जनवरी, फिर 22 जनवरी और इसके बाद 31 जनवरी तक जनसभाओं और रैलियों पर लगी रोक बढ़ा दी थी. ये समयसीमा आज खत्म हो रही थी, जिसे 11 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. साथ ही कुछ छूट भी दी है.
चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन
1. नई गाइडलाइन के तहत अब डोर टू डोर कैंपेन के लिए 10 की जगह 20 लोगों की इजाजत होगी. वहीं इनडोर बैठक में अब 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं. 11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों और जुलूसों की इजाजत नहीं दी जाएगी.
2. चुनाव आयोग ने सोमवार को फैसला लिया है कि अब 500 की जगह 1000 लोगों की सभा की जा सकती है.
3. आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार करने की सीमा भी बढ़ा दी है. घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अब 10 लोगों की जगह सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर 20 लोगों को अनुमति दी जाएगी.
4. आयोग ने अब राजनीतिक दलों के लिए अधिकतम 500 व्यक्तियों (मौजूदा 300 व्यक्तियों के बजाय) या हॉल की क्षमता का 50% या एसडीएमए द्वारा निर्धारित निर्धारित सीमा की इनडोर बैठकों की अनुमति है.
5. राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के दौरान COVID प्रोटोकॉल और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे.