समाजवादी पार्टी के लिए गुजरात से खुशखबरी आ गई है. गुजरात में सपा का खाता खुल गया है. गुजरात के पोरबंदर के कुटियाना सीट से सपा के उम्मीदवार कांधलभाई सरमनभाई जडेजा ने जीत हासिल कर ली है. बता दें, कांधलभाई सरमनभाई जडेजा गुजरात की 'गॉडमदर' कही जाने वाली संतोकबेन जडेजा के बेटे हैं. वे पोरबंदर की पहली महिला विधायक रह चुकी हैं.
कांधलभाई ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर ये जीत हासिल की है. कांधलभाई इस सीट से दो बार के विधायक हैं और पिछले चुनाव में भी उन्होंने 50 फीसदी वोट हासिल किए थे. इसबार उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार ढेलिबेन मालदेभाई ओदेदारा और आम आदमी पार्टी के भीमाभाई दानाभाई मकवाना और कांग्रेस के नाथाभाई भूराभाई ओदेदरा से था.
गुजरात की लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा
दरअसल, 1960 के दशक के अंत से लेकर 90 के दशक के मध्य तक पोरबंदर 'गुजरात के शिकागो' के रूप में कुख्यात हो गया था. वो समय था जब अलग-अलग गिरोह के बीच लड़ाइयां सुर्खियां बटोरती थीं और माफिया डॉनों का शासन था. कुटियाना के संतोकबेन जडेजा से लेकर इकु गगन, नरेन सुधा और भीमा दुला ओदेदरा जैसे गैंगस्टर तक उस समय पोरबंदर में हर घर में लिया जाने वाला नाम था.
शबाना आजमी की फिल्म गॉडमदर संतोकबेन जडेजा पर बनी
महिला गैंगस्टर, संतोकबेन जडेजा एक ऐसा नाम थीं जिसने 80 और 90 के दशक के दौरान पोरबंदर में लोगों के मन में डर पैदा कर दिया था. उन्होंने अंडरवर्ल्ड और राजनीति दोनों में पुरुष प्रभुसत्ता को चुनौती दी. 1999 में शबाना आजमी की फिल्म गॉडमदर भी विधायक रह चुकी संतोकबेन कुटियाना से ही प्रेरित थी. हालांकि, 2011 में उनकी मृत्यु हो गई. अब, उनके बेटे कांधलभाई ने राजनीति और अपराध दोनों में उनकी विरासत संभाली है.
कुछ ऐसे बनी लेडी डॉन
बताते चलें, संतोकबेन शुरू से लेडी डॉन नहीं थीं. साल 1986 तक संतोकबेन एक गृहिणी और एक मां की भूमिका निभा रही थीं. उनके पति जिन्हें लोग रॉबिनहुड कहते थे ने स्वाध्याय आंदोलन के दिवंगत पांडुरंग शास्त्री के प्रभाव में आकर हथियार और अपराध को अलविदा कहने का फैसला किया.लेकिन, प्रतिद्वंद्वी गिरोहों ने इसे स्वीकार नहीं किया. दिसंबर 1986 की सर्द रात में बखरला गांव में काला केशव गिरोह ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. बस इस घटना ने संतोकबेन के जीवन को बदल दिया, वे बदले के रास्ते पर चल पड़ी.
पोरबंदर की पहली महिला विधायक
बॉलीवुड फिल्म "गॉडमदर" संतोकबेन पर ही बनाई गई है. फिल्म में शबाना आजमी ने संतोकबेन और मिलिंद गुनाजी ने सरमन का किरदार निभाया. संतोकबेन 1990 से 1995 तक विधायक रहीं. संतोकबेन 1989 में राज्य विधानसभा के लिए चुनी जाने वाली पोरबदर जिले की पहली और एकमात्र महिला थीं. हालांकि, चिमनभाई पटेल के निधन के साथ उनके राजनीतिक करियर में गिरावट आ गई. दिसंबर 2002 में उन्होंने कुटियाना विधानसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया लेकिन बाद में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में नाम वापस ले लिया.
विवादों से भरा रहा है जीवन
संतोकबेन के जीवन विवादों से भरा रहा है. उनके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ 500 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से नौ मामले, जिनमें हत्या के मामले भी शामिल हैं, खुद गॉडमदर के खिलाफ थे. संतोकबेन पर टाडा भी लगाया जा चुका है. इतना ही नहीं संतोकबेन का नाम 2005 में पोरबंदर नगरपालिका के एक भाजपा पार्षद केशु ओदेदरा की हत्या में भी सामने आया था.