Harayana Assembly Election: एक पार्टी, एक परिवार, 4 टिकट! एक ही Party से लड़ने वाले चारों उम्मीदवारों की हुई हार... यहां जानिए Avtar और Kartar Singh Bhadana फैमिली के किस्से 

Harayana Siyasi Kisse: अवतार सिंह भड़ाना के बड़े भाई का नाम करतार सिंह भड़ाना है. यह परिवार राजनीति में काफी सक्रिय है. इस बार हरियाणा विधानसभा में करतार की बहन दयावती और बेटे मनमोहन भड़ाना चुनावी मैदान में हैं. दयावती पुन्हाना सीट से इनेलो की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं जबकि मनमोहन भाजपा को टिकट पर समालखा से चुनाव लड़ रहे हैं.

Avtar Singh and Kartar Singh Bhadana (File Photo)
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST
  • मनमोहन भड़ाना को बीजेपी ने समालखा से दिया है टिकट
  • दयावती को इनेलो ने पुन्हाना सीट से बनाया है उम्मीदवार 

Harayana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान सज चुका है. भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), जननायक जनता पार्टी (JJP) सहित अन्य दलों ने विधानसभा की कुल 90 सीटों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों के ऐलान कर दिए हैं.

5 अक्टूबर को मतदान होना है. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर 2024 को होगी. हरियाणा में हर तरफ चुनाव की चर्चा हो रही है. इन चुनावी चर्चों के बीच हम आपको इस प्रदेश से जुड़े सियासी किस्सों के बारे में भी बता रहे हैं. आज हम अवतार सिंह भड़ाना (Avtar Singh Bhadana) फैमिली से जुड़े किस्से के बारे में बता रहे हैं. इस फैमिली के चार लोग एक ही पार्टी से चुनाव लड़े थे और चारों हार गए थे.

आइए सबसे पहले अवतार सिंह भड़ाना के बारे में जानते हैं 
अवतार सिंह भड़ाना मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. उनका जन्म 17 दिसंबर 1957 को हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अनंगपुर गांव में एक गुर्जर परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने चुनावी करियर की शुरुआत राजस्थान से की थी. हालांकि वह चुनाव लड़ने से पहले ही 1988 में हरियाणा की देवीलाल सरकरा में मंत्री बन गए थे. इससे अवतार चर्चित हो गए. हालांकि वह ज्यादा दिनों तक मंत्री नहीं रहे. चूकि मंत्री बनने के छह महीने के भीतर विधायक निर्वाचित होना जरूरी था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अवतार सिंह भड़ाना को मार्च 1989 में त्यागपत्र देना पड़ा. इसके बाद समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) को छोड़कर अवतार सिंह भड़ाना दोबारा कांग्रेस में आ गए थे.

चार बार रह चुके हैं सांसद
अवतार सिंह भड़ाना हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में चुनाव लड़ चुके हैं. वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश से चार बार सांसद रह चुके हैं. वह 1991 में फरीदाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार 34 साल की उम्र में सांसद बने थे. इसके बाद वह यूपी के मेरठ से 1999 में लोकसभा चुनाव लड़े और जीते. उसके बाद 2004 में फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर तीसरी और 2009 में चौथी बार सांसद बने. अवतार सिंह भड़ाना 2017 में यूपी की मीरापुर विधानसभा सीट से बीजेपी से विधायक बने थे. 

अवतार सिंह भड़ाना के परिवार में कौन-कौन 
अवतार सिंह भड़ाना की पत्नी का नाम ममता भड़ाना और बेटे का नाम अर्जुन अवतार है. बेटी नाम एकता भड़ाना है. ममता भड़ाना ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की सदस्य रह चुकी हैं. ममता और उनके बेटे अर्जुन अवतार सिंह भड़ना का चुनावी प्रबंधन संभालते रहे हैं. अवतार सिंह भड़ाना के पक्ष में उनकी बेटी भी रोड शो में भाग लेती हैं. अवतार सिंह के बड़े भाई का नाम करतार सिंह भड़ाना (Kartar Singh Bhadana) है. करतार सिंह के बेटे के नाम मनमोहन भड़ाना है. अवतार सिंह की बहन का नाम दयावती हैं.

करतार सिंह भड़ाना ऐसे आए थे राजनीति में 
अवतार सिंह के बड़े भाई का करतार सिंह भड़ाना पहले 1994 से पहले सिर्फ अपनी पत्थर खदान का बिजनेस देखते थे. जब अवतार भड़ाना पहली बार फरीदाबाद से सांसद बने तो उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल से अनबन हो गई. इसके बाद भजनलाल ने भड़ाना बंधुओं की पत्थर खदान बंद करा दी. यहीं से करतार सिंह ने भी राजनीति में कदम रखने का फैसला किया. वह 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर भाजपा के गठबंधन में पानीपत के समालखा से विधायक बने. 2000 में वे एक बार फिर इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर समालखा से विधायक बने और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.

इस बार विधानसभा चुनाव में कौन-कौन ठोक रहे ताल 
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में अवतार सिंह भड़ाना के परिवार से उनकी बहन दयावती और बड़े भाई करतार सिंह के बेटे मनमोहन भड़ाना चुनावी मैदान में हैं. दयावती इस बार पुन्हाना सीट से इनेलो की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं जबकि मनमोहन भड़ाना भाजपा को टिकट पर समालखा से चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि इस बार वह समालखा सीट से जरूर जीत दर्ज करेगी क्योंकि करतार सिंह दूसरी पार्टियों के टिकट पर समालखा से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं. ऐसे में बीजेपी मनमोहन भड़ाना की जीत पक्की मानकर चल रही है. उधर, हरियाणा के पुन्हाना से बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवार एजाज खान को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर मोहम्मद इलियास को प्रत्याशी बनाया है.

जब एक ही पार्टी से चुनाव लड़े थे भड़ाना परिवार के चार सदस्य 
हरियाणा के पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना सिर्फ भाजपा और कांग्रेस में ही नहीं बल्कि कई पार्टियों में रह चुके हैं. वह बीजेपी, कांग्रेस, राष्‍ट्रीय लोकदल व बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें अधिकतर मौकों पर हार ही मिली है. करतार सिंह भड़ाना 2009 में यूपी में सपा के टिकट पर बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में कूदने के लिए तैयार थे. इसी दौरान एकाएक सपा ने टिकट काट दिया. इसके तुरंत बाद करतार ने शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन थाम लिया. हालांकि वह चुनाव नहीं जीत पाए. 

इसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक ऐसा मौका आया जब इस परिवार के चार सदस्य एक ही पार्टी से चुनाव लड़े थे. हम बात कर रहे हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009 की. इस चुनाव में मयावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर बड़खल विधानसभा सीट से करतार सिंह भड़ाना खुद चुनावी मैदान में कूदे थे. समालखा सीट से उनके बेटे मनमोहन, फरीदाबाद से पत्नी श्यामवती, पुन्हाना विधानसभा सीट से बहन दगावती ने चुनाव लड़ा था लेकिन चारों को जीत नसीब नहीं हुई थी. इसके बावजूद एक ही पार्टी से एक ही परिवार के चार लोगों ने चुनाव लड़कर कीर्तिमान बना दिया. अवतार सिंह भड़ाना का परिवार गुर्जर समुदाय से आता है. गुर्जर समुदाय सिर्फ राजस्थान में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी राजनीतिक पकड़ रखता है. अवतार सिंह भड़ाना और करतार सिंह भड़ाना अपने समुदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं. यही वजह है कि कोई भी पार्टी उनसे दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहती और यह परिवार सबकी गुडबुक में शामिल रहता है. 


 

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