Himachal Election 2022: गरीबी में बीता बचपन, सियासत में इंट्री से परिवार था नाराज, जानिए करोड़पति सीएम Jai Ram Thakur की कहानी

Himachal Pradesh Assembly Election: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सियासत में इंट्री से परिवार नाराज था. लेकिन जब एक बार जयराम ठाकुर सियासत में आए तो छा गए और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. अगर प्रॉपर्टी की बात की जाए तो ठाकुर करोड़पति हैं. जयराम ठाकुर की पत्नी साधना ठाकुर एक डॉक्टर हैं.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (फाइल फोटो)
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST
  • जयराम ठाकुर का गरीबी में बीता बचपन
  • सियासत में आने का परिवार ने किया था विरोध
  • करोड़पति हैं सीएम जयराम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी दल चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज से चुनावी मैदान में उतरे हैं. साल 2017 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया था. जयराम ठाकुर का जन्म एक ग्रामीण और गरीब परिवार में हुआ था. चलिए ठाकुर के बचपन से सीएम पद तक पहुंचने के दौरान संघर्ष की कहानी बताते हैं.

जयराम ठाकुर का सदन तक का सफर-
जयराम ठाकुर को 27 दिसंबर 2017 को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. ठाकुर 5 बार विधायक रहे हैं और इस बार सिराज विधानसभा से मैदान में हैं. ठाकुर साल 1998 में पहली बार चच्योट से विधायक चुने गए थे. उसके बाद जयराम ठाकुर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद 2003, 2007, 2012 और 2017 में लगातार विधायक चुने गए. 

परिवार में सियासी पारी का विरोध-
जब पहली बार जयराम ठाकुर ने विधानसभा का चुनाव लड़ा तो वो सिर्फ 26 साल के थे. जब घरवालों को इसकी जानकारी हुई तो परिवार ने इसका विरोध किया. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसलिए परिवार ने खेती-बाड़ी करने की सलाह दी. लेकिन जयराम कहां मानने वाले थे. उन्होंने पर्चा दाखिल कर दिया. लेकिन जयराम ठाकुर को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. परिवार के साथ आसपास के लोगों के ताने सुनने पड़े. लेकिन जयराम ठाकुर ने हार नहीं मानी और फिर से कोशिश की और विधायक बनने में कामयाब रहे.

ABVP से हुई थी सियासत में इंट्री-
जयराम ठाकुर छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. उन्होंने साल 1984 में एबीवीपी ज्वॉइन किया. उन्होंने कला संकाय में पढ़कर कक्षा प्रतिनिधि का पद जीता. इसके बाद जयराम ठाकुर का कद बढ़ता चला गया. साल 1986 में ठाकुर को एबीवीपी की प्रदेश इकाई का संयुक्त सचिव बनाया गया. जयराम ठाकुर ने जम्मू-कश्मीर में भी काम किया. साल 1989 से 1993 तक जम्मू-कश्मीर में एबीवीपी के संगठन सचिव रहे. इस दौरान उन्होंने संगठन में खूब पकड़ बनाई. ठाकुर 2003 से 2005 तक बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. साल 2006 में बीजेपी ने ठाकुर को हिमाचल प्रदेश की कमान सौंपी. साल 2007 में चुनाव जीतकर आए जयराम ठाकुर को पंचायती राज मंत्री बनाया गया. 

जयराम ठाकुर का परिवार-
जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मूराहग के तांदी गांव में हुआ. जयराम का परिवार काफी गरीब था. उनका बचपन गरीबी में कटा. पिता खेती-बाड़ी और मजदूरी करके परिवार का पेट पालते थे. जयराम ठाकुर के 3 भाई और 2 बहनें हैं. जयराम भाइयों में सबसे छोटे हैं. जयराम ठाकुर की प्राथमिक पढ़ाई-लिखाई कुराणी स्कूल से हुई है. इसके बाद ठाकुर ने बगस्याड़ स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए जयराम मंडी चले गए. मंडी में वल्लभ कॉलेज से बीए की डिग्री ली. इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई पूरी की. साल 1995 में जयराम ठाकुर की जयपुर की डॉ. साधना सिंह से शादी हुई. डॉ. साधना डॉक्टर हैं. जयराम ठाकुर की दो बेटियां हैं और दोनों मेडिकल क्षेत्र में करियर बना रही हैं.

करोड़पति हैं जयराम ठाकुर-
2022 विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान जमा किए गए शपथ पत्र के मुताबिक जयराम ठाकुर 6.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं. जयराम ठाकुर पर लाखों रुपए का कर्ज है. उनपर 26 लाख 88 हजार 280 रुपए का लोन है. साल 2017 में ठाकुर की संपत्ति 3.27 करोड़ थी. इसका मतलब है कि 5 सालों में ठाकुर की संपत्ति में 3 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. जयराम ठाकुर के पास 3 सोने की चेन हैं.

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