आखिर क्यों कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद पर इतनी मेहरबान है बीजेपी? जानिए

योगी सरकार 2.0 में शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को उनके विभाग सोमवार शाम बांट दिए गए. विभागों के बंटवारे में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले जितिन प्रसाद को खास अहमियत मिली है. जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी जैसा भारी भरकम विभाग सौंपा गया है.

कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST
  • ब्राह्मण वोट साधने में सफल रही बीजेपी
  • बीजेपी के पक्ष में बनाया माहौल

योगी सरकार 2.0 में शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को उनके विभाग सोमवार शाम बांट दिए गए. विभागों के बंटवारे में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले जितिन प्रसाद को खास अहमियत मिली है. जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी जैसा भारी भरकम विभाग सौंपा गया है. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में यह विभाग डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास रहा था. ऐसे में सवाल उठता है कि जितिन प्रसाद पर बीजेपी आखिर इतनी मेहरबान क्यों हैं?

बीजेपी के पक्ष में बनाया माहौल
कांग्रेस शासित केंद्र सरकार में जितिन प्रसाद भूतल परिवहन मंत्री रहे थे, जिसके चलते उनके अनुभव को देखते हुए इस बार लोक निर्माण विभाग दिया गया है.जितिन प्रसाद बीजेपी में ऐसे समय में आए थे जब ब्राह्मणों को लेकर पार्टी और योगी सरकार घिरी हुई थी. जितिन की एंट्री के बाद विपक्ष के ब्राह्मण विरोधी नैरेटिव को तोड़ने में बीजेपी को मदद मिली. जितिन प्रसाद ने प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाना शुरू किया.

ब्राह्मण वोट साधने में सफल रही बीजेपी
जितिन प्रसाद के प्रभाव वाले गढ़ में बीजेपी को जीत मिली है. इसके सहारे बीजेपी शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, बहराइच बरेली में अपनी सीटें बचाए रखने में सफल रही.जितिन प्रसाद साफ छवि के नेता माने जाते हैं, दूसरा वो युवा भी हैं, जिन्हें बीजेपी भविष्य के लीडर के तौर पर भी आगे बढ़ा रही है ताकि कांग्रेस में दूसरे नेताओं के संदेश दिया जा सके. यही वजह है कि उन्हें कैबिनेट में तो जगह मिली ही है और उन्हें केशव प्रसाद मौर्य का विभाग देकर बड़ा संदेश दिया गया है.

क्यों खास है पीडब्ल्यूडी विभाग?
पीडब्ल्यूडी जैसा विभाग हमेशा से मलाईदार विभाग माना जाता है और इस विभाग के ठेकेदारों में एक खास जाति का वर्चस्व रहा है. यूपी अगर ठाकुर-ब्राह्मण के बीच वर्चस्व के जंग की चर्चा होती है तो सिर्फ सियासी वर्चस्व की नहीं होती बल्कि ठेके-पट्टे से लेकर नौकरशाही तक मे वर्चस्व की लड़ाई रहती है. ऐसे में इस बार इस विभाग को जितिन प्रसाद को दिया जाना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि पहली बार सबसे मलाईदार और रसूखदार विभाग किसी ब्राह्मण को मिला है.

कांग्रेस को दिया संदेश
जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यू देकर बीजेपी ने कांग्रेस के भीतर भी एक बड़ा संदेश छोड़ा है यानी कांग्रेस का बड़ा चेहरा बीजेपी में भी बड़ा बन सकता है! जितिन प्रसाद के बीजेपी में बढ़ने से पार्टी के भीतर का यह मिथ टूटा है कि बाहरियों पर बीजेपी कम भरोसा करती है. साथ ही दूसरे कांग्रेसी नेताओं को भी यह इशारा है कि अगर वह बीजेपी की तरफ आते हैं तो पछताने जैसा कुछ नहीं
माना जा रहा है कि चाहे एके शर्मा हो या फिर जितिन प्रसाद इन दोनों के विभागों को देते वक्त केंद्र की पसंद का ख्याल रखा गया है.. ऐसे में कई मिथक इस मंत्रिमंडल के विभाग बंटवारे से टूटने जा रहे हैं.
 

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