जानें कौन हैं ‘रॉबिनहुड’ उमाशंकर सिंह, जिन्होंने बचा ली BSP की डूबती हुई नैय्या

पेशे से कॉन्ट्रैक्टर उमाशंकर को लोग ‘रॉबिनहुड’ के नाम से भी जानते हैं. इसका कारण है कि वे अक्सर गरीब लोगों की मदद करते रहते हैं. इसके साथ, पिछले दिनों वे रसड़ा में फ्री वाईफाई देने के बाद भी खबरों में छाए हुए थे. उत्तर प्रदेश के दूसरे छोर पर स्थित बलिया में उनकी अच्छी पैठ है और वहां के लोग भी उन्हें खूब पसंद करते हैं.

Umashankar Singh
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST
  • ‘रॉबिनहुड’ के नाम से हैं मशहूर 
  • इससे पहले लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप

यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) को पूर्ण बहुमत मिला है. इस बार के चुनाव में बीजेपी की ऐसी आंधी चली है जिसमें पूरा विपक्ष उड़ गया है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी जबरदस्त झटका लगा है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) के हिस्से में इसबार केवल 1 ही सीट आई है. ये खाता खोलने वाले और कोई नहीं बल्कि बसपा के कद्दावर नेता उमाशंकर सिंह हैं. बता दें, उन्होंने बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा सीट पर अपनी जीत दर्ज की है. वे बसपा के एकमात्र नेता हैं जो डूबती हुई बसपा को बचाने में कामयाब हुए हैं. 

कैसा रहा है पॉलिटिकल करियर?

आपको बताते चलें, बसपा के उमाशंकर सिंह 2012 और 2017 में भी इसी सीट से लड़े थे और अपनी जीत दर्ज की थी. इसबार ऐसा तीसरी बार था जब उन्होंने रसड़ा के लोगों का दिल जीता है. 2017 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने बीजेपी के राम इकबाल सिंह को लगभग 34 हजार वोटों के मार्जिन से हराया था. उमाशंकर सिंह को 92272 वोट मिले थे जबकि राम इकबाल सिंह को 58385 वोट. 

‘रॉबिनहुड’ के नाम से हैं मशहूर 

पेशे से कॉन्ट्रैक्टर उमाशंकर को लोग ‘रॉबिनहुड’ के नाम से भी जानते हैं. इसका कारण है कि वे अक्सर गरीब लोगों की मदद करते रहते हैं. इसके साथ, पिछले दिनों वे रसड़ा में फ्री वाईफाई देने के बाद भी खबरों में छाए हुए थे. उत्तर प्रदेश के दूसरे छोर पर स्थित बलिया में उनकी अच्छी पैठ है और वहां के लोग भी उन्हें खूब पसंद करते हैं. यही कारण है कि लोग उन्हें गरीबों का मसीहा कहते हैं. फरवरी 2016 में उन्होंने 351 लोगों का समूह-विवाह करवाया था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

संपत्ति के मामले में हैं टॉप पर  

वे रसड़ा विधानसभा के सिटिंग एमएलए हैं. संपत्ति के मामले में उनका नाम राज्य में टॉप 10 विधायकों में आता है.  इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट के मुताबिक उनके पास इस वक़्त उनके पास 40 करोड़ 19 लाख की संपत्ति है. जिसमें से 8.27 करोड़ की चल संपत्ति है. वहीं उनकी पत्नी के नाम पर 9.78 करोड़ की संपत्ति है.

बचपन से ही हैं राजनीति में सक्रिय 

दरअसल, उमाशंकर पेशे से कॉन्ट्रैक्टर हैं. वे छात्र राजनीति में भी सक्रिय रह चुके हैं. बता दें, उन्होंने अपनी पढ़ाई सतीश चंद कॉलेज से पूरी की है. इसके साथ वे बलिया के एससी कॉलेज के साल 1991 में छात्रसंघ के महामंत्री भी रह चुके हैं. 

इससे पहले लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप

हालांकि, उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं. साल 2012 में उनके खिलाफ एडवोकेट सुभाष चंद्र सिंह ने लोकायुक्त संगठन में इसकी शिकायत की थी.उन्होंने उमाशंकर सिंह पर आरोप लगाया था कि वे लोक निर्माण विभाग से सरकारी ठेके लेकर सड़क निर्माण का काम कर रहे हैं.

मामले की जांच हुई तो उसमें वे दोषी पाये गये थे, जिसके बाद उन्हें 29 जनवरी, 2015 को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. 
इसके खिलाफ उमाशंकर हाईकोर्ट भी गए थे. जिसके बाद, 28 मई 2016 को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को इसकी खुद जांच करने के लिए कहा था. 14 जनवरी 2017 को उनकी विधायकी खत्म कर दी गई थी.
 

 

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