Maharashtra Election: टीपू सुल्तान से लेकर राइट टू रिकॉल तक...ये पार्टियां भी हैं महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में, जानिए इनका एजेंडा

महाराष्ट्र के चुनाव में छह प्रमुख पार्टियों के अलावा 152 छोटे राजनीतिक दल भी हैं. इनमें टीपू सुल्तान पार्टी, उत्तर भारत विकास सेना, पीस पार्टी, नेताजी कांग्रेस सेना, निर्भय महाराष्ट्र पार्टी, नेशनल वर्ल्ड लीडर पार्टी, राष्ट्रीय उलमा काउंसिल, जय विदर्भ पार्टी जैसे दल शामिल हैं.

Maharashtra Election (Photo: ANI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST
  • महाराष्ट्र में चुनाव लड़ रहे हैं 150 से ज्यादा राजनीतिक दल
  • महाराष्ट्र में भाजपा का गठबंधन

महाराष्ट्र चुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए आर या पार की लड़ाई है. राज्य में नेशनल पार्टियों के साथ क्षेत्रीय पार्टियों ने गठबंधन किए हैं. महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में) और राकांपा (उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के तहत) शामिल हैं. गठबंधन ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से माझी लड़की बहिन जैसी लोकप्रिय योजनाओं पर जोर दिया है. दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे "एक है तो सेफ है" पर निशाना साधा. 

आपको बता दें कि इन बड़े राजनीतिक दलों के अलावा भी महाराष्ट्र में और सैकड़ों राजनीतिक दल हैं जो चुनावी मैदान में उतरें हैं. इन राजनीतिक दलों की संख्या 150 से ज्यादा है. और इनमें टीपू सुल्तान पार्टी, उत्तर भारत विकास सेना, पीस पार्टी, नेताजी कांग्रेस सेना, निर्भय महाराष्ट्र पार्टी, नेशनल वर्ल्ड लीडर पार्टी, राष्ट्रीय उलमा काउंसिल, जय विदर्भ पार्टी जैसे दल शामिल हैं. 

महाराष्ट्र के चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) भी मैदान में है. पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सीपीआई (एम) राज्य की तीन सीटों पर लड़ रही है. राइट टू रीकॉल पार्टी ने 18 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डी) ने 44 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी 38 सीट और राष्ट्रीय समाज पक्ष ने 93 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं तो आरपीआई (ए) 31 और रिपब्लिकन सेना 21 सीट पर चुनाव लड़ रही है. राज्य की 288 सीटों के लिए कुल 4136 कैंडिडेट मैदान में हैं. इनमें 3771 पुरुष, 363 महिला और दो अन्य लिंग के प्रत्याशी शामिल हैं. 

टीपू सुल्तान पार्टी 

प्रोफेसर शेख सादिक लोगों से बात करते हुए


टीपू सुल्तान पार्टी की स्थापना 12 जून 2019 को हुई थी. प्रोफेसर शेख सादिक ने इस पार्टी की नींव रखी. प्रोफेसर सादिक एक एजुकेशनिस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनका उद्देश्य भारत को महाशक्ति बनाना है जिसका सपना टीपू सुल्तान ने देखा था. पार्टी की वेबसाइट के मुताबिक, पार्टी का मुख्य उद्देश्य सच्चे राष्ट्रवाद की ओर बढ़ते हुए शांति और सद्भाव के साथ देश को मजबूत करने में योगदान देने के लिए लोगों को जागरूक करना है. टीपू सुल्तान पार्टी का उद्देश्य आर्थिक और तकनीकी पहलुओं के मामले में देश को महाशक्ति बनाना है. यह पार्टी देश की शिक्षा प्रणाली को विकसित करने के लिए काम करती है. पार्टी देश को शराब व नशा मुक्त बनाने, जातिवाद को खत्म करने पर काम करने का एजेंडा रखती है. 

राइट टू रिकॉल पार्टी 
राइट टू रिकॉल पार्टी भारत में बेहतर कानून लाने के लिए आंदोलन का एक हिस्सा है. इस पार्टी की नींव साल 2018 में राहुल चिमनभाई मेहता ने रखी. आपको बता दें कि राहुल स्वर्गीय सर चिमनभाई मेहता के बेटे हैं. सर चिमनभाई मेहता भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री और एक स्वतंत्रता सेनानी थे. राहुल मेहता ने साल 1990 में आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान में ग्रेजुएशन किया और 1992 में अमेरिका से उन्होंने मास्टर्स की डिग्री की. राहुल राजनीतिक दायरे में बड़े हुए और बचपन से ही इतिहास और राजनीति में गहरी रुचि रखते थे.

राहुल मेहता ने रखी पार्टी की नींव

लगभग एक दशक तक अमेरिका और ब्रिटेन में रहने और काम करने के दौरान उन्होंने देखा और अनुभव किया कि कैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में पुलिस और सरकारी अधिकारी लोगों से रिश्वत मांगने से डरते थे और कैसे सभी सार्वजनिक सुविधाएं लोगों तक बिना किसी सुविधा के मिल जाती हैं. उन्होंने भारत लौटकर अपने वतन में भी ऐसा सिस्टम बनाने की ठानी. इस पार्टी का लक्ष्य भारत में राइट टू रिकॉल कानून लाना है. 

राइट टू रिकॉल कानून के तहत जनता को चुने हुए जनप्रतिनिधि को उनका कार्याकाल पूरा होने से पहले ही हटाने का अधिकार मिलता है. जी हां, अगर कोई जनप्रतिनिधि अपने वादे नहीं निभा रहा है तो जनता प्रत्यक्ष वोटिंग करके उन्हें उनके पद से हटा सकती हैं. हालांकि, भारत में यह कानून नहीं है. लेकिन अंग्रेजों के समय से ही इस कानून की मांग होती रही है लेकिन यह सिर्फ मांग तक ही सीमित है. 

नेताजी कांग्रेस सेना पार्टी

नेताजी कांग्रेस पार्टी के फाउंडर हैं रंगा शेठ


नेताजी कांग्रेस सेना पार्टी की स्थापना रंगा शेठ ने की. रंगा शेठ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के उसूलों और आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी का उद्देश्य भारत को मजबूत और बेहतर बनाना है. रंगा शेठ की पार्टी लोगों को जोड़कर जमीनी स्तर पर सुधार लाना चाहती है ताकि समाज के वंचित वर्गों का उत्थान हो सके. पार्टी का एजेंडा है कि सत्ता के गलियारों में समाज के पिछड़े वर्ग की आवाज सुनी जा सके.

नेताजी कांग्रेस सेना पार्टी का विजन आत्मनिर्भर भारत का है. पार्टी की वेबसाइट के मुताबिक, पार्टी के पास देश की डेवलपमेंट के लिए ठोस प्लान और पॉलिसीज हैं. और उनका लक्ष्य स्पष्ट है भारत को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भारत बनाना. 

महाराष्ट्र में और भी राजनीतिक दल हैं जैसे प्रहार जनशक्ति पार्टी,  जिसकी स्थापना 1999 में किसान विकास की विचारधारा के साथ ओमप्रकाश बाबाराव काडू उर्फ बच्चू कडू ने की थी. वहीं, रिपब्लिकन सेना पार्टी की स्थापना आनंदराज अंबेडकर ने 21 नवंबर 1998 को की थी. आनंदराज अंबेडकर यशवंत अंबेडकर के बेटे और बी आर अंबेडकर के पोते हैं. 

 

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