कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है. इस दौरान उनके साथ राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहे. नॉमिनेशन से पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं 35 साल से मां और भाई के लिए वोट मांग रही हूं. अब मैं खुद के लिए समर्थन मांग रही हूं. बीजेपी ने नाव्या हरिदास को प्रियंका गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा है. इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे.
35 साल से प्रचार, पहली बार उम्मीदवार-
प्रियंका गांधी पिछले 35 साल से सियासत में सक्रिय हैं. उन्होंने हमेशा गांधी फैमिली के लिए प्रचार किया है. लेकिन पहली बार वो चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस ने उनको वायनाड उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. नामांकन के पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं 17 साल की थी, तब मैंने पहली बार पिता के लिए साल 1989 में कैंपेन किया था.
पिता के लिए किया था पहली बार प्रचार-
प्रियंका गांधी पहली पर सियासी समर में साल 1989 में दिखाई दी थी. उन्होंने पिता राजीव गांधी के लिए प्रचार किया था. उस समय प्रियंका गांधी सिर्फ 17 साल की थीं. बचपन में प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में अक्सर जाती थीं. साल 1989 चुनाव के 2 साल बाद राजीव गांधी की हत्या हो गई. इसके बाद प्रियंका गांधी सियासत से खुद को दूर कर लिया था.
1999 में मां के चुनाव की संभाली कमान-
साल 1999 में प्रियंका गांधी ने मां सोनिया गांधी के लिए प्रचार की कमान संभाली. इस चुनाव में बीजेपी ने अरुण नेहरू को मैदान में उतारा था. प्रियंका गांधी ने प्रचार के दौरान कहा था- क्या आप उनको वोट देंगे, जिन्होंने मेरे पिता की पीठ में छुरा घोंपा था. इस लाइन से प्रियंका गांधी ने जनता के दिलों में अपनी जगह बना ली. इसकी चर्चा हर जगह होने लगी थी. जब नतीजे आए तो कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी में जीत मिली थी.
2004 और 2009 में राहुल के लिए प्रचार-
प्रियंका गांधी हर चुनाव में फैमिली के लिए प्रचार करती रहीं. साल 2004 और 2009 में उन्होंने मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी की सीट पर प्रचार किया. साल 2004 में राहुल गांधी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इस दौरान प्रचार में प्रियंका गांधी न खूब प्रचार किया था. साल 2009 आम चुनाव में प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की सीट पर प्रचार की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली.
'क्या मैं आपको बूढ़ी दिखती हूं'
साल 2014 आम चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी की आंधी चल रही थी. उस दौरान नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया था कि कांग्रेस अब बूढ़ी हो गई है. इसके जवाब में प्रियंका गांधी ने पूछा था- क्या मैं आपको बूढ़ी दिखती हूं. इस लाइन से प्रियंका गांधी की सियासी समझ को आप समझ सकते हैं. हालांकि साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. लेकिन कांग्रेस ने यूपी में अमेठी और रायबरेली में जीत हासिल की थी.
साल 2020 में मिली यूपी में बड़ी जिम्मेदारी-
प्रियंका गांधी पहले सियासी तौर पर रायबरेली और अमेठी में ज्यादा सक्रिय रहती थीं. लेकिन साल 2020 में पहली बार उनको बड़ी जिम्मेदारी मिली. प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्ति किया गया. साल 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव की कमान प्रियंका गांधी के हाथों में थी. उन्होंने सूबे में प्रचार की शुरुआत की थी. प्रियंका गांधी ने पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी किया था. इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा दिया था. हालांकि चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था.
2024 आम चुनाव में यूपी में स्टार प्रचार-
साल 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी कांग्रेस की स्टार प्रचारक रहीं. इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा. सूबे में कांग्रेस को 6 लोकसभा सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था.
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