EVM-VVPAT Verification Case: VVPAT पर आया Supreme Court का फैसला, जानें कोर्ट ने क्या-क्या कहा

Supreme Court on VVPAT: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और EVM में पड़े वोटों की VVPAT मशीन की पर्ची से 100 फीसदी मिलान की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि EVM-VVPAT का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा. हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि वीवीपैट पर्चियों को 45 दिनों तक सुरक्षित रखा जाएगा.

Supreme Court on EVM-VVPAT Verification Case (Photo/PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट (VVPAT) से पर्ची मिलान के मामले को लेकर बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने EVM के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल करके डाले गए वोटों के 100 फीसदी वेरिफिकेशन की मांग करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने इसके साथ ही बैलेट पेपर की मांग को लेकर दर्ज की गई याचिका भी खारिज कर दी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.

आपको बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और कुछ दूसरे संगठनों ने याचिका दायर कर वीवीपैट पर्चियों की मिलान की मांग की थी.

उम्मीदवार 7 दिन के भीतर कर सकेंगे शिकायत-
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि ईवीएम से ही वोट डाले जाएंगे और ईवीएम-वीवीपैट का शत-प्रतिशत मिलान नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि 45 दिन तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रखी जाएगी. ये पर्चियां उम्मीदवारों के सिग्नेचर के साथ सुरक्षित रहेगी.

ऐसा इसलिए ताकि अगर कोई विवाद होता है तो ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान किया जा सके. इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट्स को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया.

कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार नतीजों के 7 दिन के भीतर ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन के लिए दोबारा काउंटिंग की मांग कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए शुल्क का भुगतान करना होगा.

कोर्ट ने कहा कि वीवीपैट मिलान का खर्च उम्मीदवारों को उठाना होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को भी खारिज कर दिया.

अभी क्या है मिलान का तरीका-
चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक मौजूदा समसय में लोकसभा क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र के 5 मतदान केंद्रों के ईवीएम वोटों और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाता है.

साल 2023 में एडीआर ने 100 फीसदी ईवीएम वोटों और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान कराने के लिए याचिका दायर की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है.

फैसले पर चुनाव आयोग ने क्या कहा-
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चुनाव आयोग ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद किसी तरह का कोई शक नहीं रहना चाहिए. अब पुराने सवाल खत्म हो जाने चाहिए. चुनाव सुधार आगे भी जारी रहेगा.

कैसे काम करता है VVPAT-
VVPAT का मतलब Voter Verifiable Paper Audit Trail होता है. वीवीपैट और ईवीएम दोनों ही मशीन कंट्रोल यूनिट से जुड़ी होती है. जैसी ही ईवीएम मशीन में बटन दबाते हैं, एक बीप की आवाज आती है. इसके साथ ही जिस उम्मीदवार को आपने वोट डाला है, उसकी एक पर्ची प्रिंट होकर दिखने लगती है. ये पर्ची मशीन पर कुछ सेकंड के लिए नजर आती है. इसके बाद ये पर्ची मशीन में मौजूद एक सील पैक्ड बॉक्स में गिरती है.

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